आज हम जानेंगे जिलाधिकारी (DM) कैसे बने की पूरी जानकारी (How To Become District Magistrate Details In Hindi) के बारे में क्योंकि हर किसी व्यक्ति का यही सपना होता है कि वह अपनी जिंदगी में एक सक्सेसफुल आदमी बने और अपनी जिंदगी को एंजॉय करें। लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी कोशिश करते हैं। सभी का सपना जिंदगी में कुछ ना कुछ बनने का होता है।
कोई टीचर बनकर समाज में अपना ज्ञान बांटना चाहता है, तो कोई इंजीनियर बन कर अपनी लाइफ सेटल करना चाहता है। वहीं कई लोग गवर्नमेंट जॉब में जाकर एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं। आज देश में विभिन्न पदों की सरकारी नौकरियां हमारे इंडिया में अवेलेबल है, जिनमें से ही एक जिलाधिकारी की नौकरी है। व्यक्ति अगर UPSC एग्जाम को पास कर लेता है तो वह डीएम बन सकता है। DM को अंग्रेजी में District Magistrate कहा जाता है।
अगर आप भी अपनी जिंदगी में डीएम की पोस्ट प्राप्त करना चाहते हैं और इसके लिए आप यह जानना चाहते हैं कि डीएम क्या है और डीएम कैसे बने तो आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। आज के इस लेख में जानेंगे कि DM Kaise Bane, जिलाधिकारी बनने के लिए क्या करे, DM Kya Hota Hai, जिलाधिकारी बनने का तरीका, District Magistrate Kaise Bante Hain, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
जिलाधिकारी क्या होता है? – What is DM (District Magistrate) in Hindi?
DM को District Collector या फिर Deputy Commissioner के नाम से भी पहचाना जाता है। इसका हिंदी में मतलब उस व्यक्ति से है जो किसी जिले का मुखिया होता है। जो व्यक्ति DM के पद पर होता है वह उस जिले का मुख्य अधिकारी होता है जिस जिले में वह पोस्टेड होता है और वह उस जिले की कानून व्यवस्था और प्रशासन को सही ढंग से चलाने के लिए जिम्मेदार होता है।
एक DM Officer अपने जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और क्राइम में कमी लाने के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाने का काम भी करता है। जिलाधिकारी समय-समय पर अपने जिले में स्थित पुलिस थाना और जेल का निरीक्षण करता है और वहां पर अगर किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो उसका निराकरण करने की कोशिश करता है।
जिलाधिकारी बनने के लिए योग्यता – Qualification to Become DM
DM यानी District Magistrate की पोस्ट प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी को यूपीएससी के द्वारा करवाई जाने वाली एग्जाम को क्लियर करना होता है। यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी के पास बैचलर डिग्री होनी जरूरी है। ऐसे स्टूडेंट जिन्होंने एमबीबीएस की परीक्षा को पास कर लिया है या फिर अन्य किसी भी प्रकार की मेडिकल एग्जाम को क्लियर कर लिया है, परंतु उन्होंने अभी तक अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं की है तो वह भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें उस यूनिवर्सिटी का फाइनल मेडिकल एग्जाम का सर्टिफिकेट दिखाना होगा, जहां से उन्होंने फाइनल मेडिकल एग्जाम पास किया है।
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जिलाधिकारी बनने के लिए उम्र सीमा – Age Limit to Become DM
DM यानि District Magistrate के लिए प्रत्येक वर्ग के लिए अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित की गई है, जो इस प्रकार है।
- जनरल कैटेगरी : कम से कम 21 साल अधिक से अधिक 30 साल
- ओबीसी कैटेगरी : कम से कम 21 साल अधिक से अधिक 33 साल
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कैटेगरी : कम से कम 21 साल और अधिक से अधिक 35 साल
जिलाधिकारी बनने के लिए शारीरिक योग्यता – Physical Qualification to Become DM
DM यानि District Magistrate बनने के लिए व्यक्ति का वजन कम से कम 50 किलो या उससे अधिक और लंबाई 5 फुट 6 इंच होनी चाहिए। आंखें स्वस्थ होनी चाहिए।
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जिलाधिकारी बनने के लिए कितनी बार परीक्षा दे सकते हैं?
- General category के लोग डीएम बनने के लिए अधिकतम 6 परीक्षा दे सकते हैं।
- विकलांग छात्र के लिए District Magistrate की परीक्षा देने की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
- OBC category के उम्मीदवार डीएम बनने के लिए अधिकतम 9 बार परीक्षा दे सकते हैं।
- SC-ST category के लोग अपनी आयु सीमा तक कई बार यह परीक्षा दे सकते हैं। मतलब उनके लिए डीएम परीक्षा देने के लिए अधिकतम प्रयासों की सीमा तय नहीं की गई है।
जिलाधिकारी परीक्षा फॉर्म कैसे भरें? – How to fill DM Exam Form?
DM यानी District Magistrate का परीक्षा फॉर्म भरने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
1. डीएम एग्जाम फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले आपको यूपीएससी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना है, जिसका लिंक हम आपको नीचे दे रहे हैं।
यूपीएससी ऑफिशल वेबसाइट लिंक : upsc.gov.in
2. यहां पर आपको अलग-अलग एग्जाम के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन के नाम दिखाई देंगे। आपको उसमें से डीएम की एग्जाम के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए डीएम वाले लिंक पर क्लिक करना है।
3. लिंक पर क्लिक करने के बाद आपकी स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म ओपन हो जाएगा इसमें जो भी जानकारी मांगी गई है आपको उसे बिल्कुल सही सही भरना है।
4 . सभी जानकारियों को भरने के बाद आपको अपनी परीक्षा का सेंटर सुनना है।
5. इसके बाद आपको पासपोर्ट साइज की रंगीन फोटो, अपना सिग्नेचर और आईडेंटिटी कार्ड अपलोड करना है।
6. इसके बाद आपको Declaration को क्लिक करना है।
7. इसके बाद आपको आपने जो भी जानकारी भरी है उसे दोबारा Re-check करना है और फिर आपको submit वाली बटन दबानी है।
8. इसके बाद आपको ₹100 का पेमेंट करना है।
9. पेमेंट हो जाने के बाद आपको पेमेंट का प्रिंटआउट और अपने एप्लीकेशन फॉर्म का प्रिंट आउट रख लेना है।
जिलाधिकारी कैसे बने? – How to Become DM (District Magistrate) in Hindi
नीचे हम आपको जिलाधिकारी बनने की प्रक्रिया बता रहे हैं। इसका पालन करके आप अपने डीएम बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं।
1. बारहवीं की एग्जाम को पास करें
डीएम बनने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं की कक्षा को पास करना जरूरी है। इसमें विषय की बाध्यता नहीं है। आप आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस से किसी भी स्ट्रीम से 12वीं कक्षा को पास कर सकते हैं। आपको बस 12वीं की कक्षा में अच्छे अंक लाने हैं और अच्छे अंकों के साथ आपको बारहवीं की एग्जाम को पास करना है।
2. ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट करें
12वीं की कक्षा को पास करने के बाद आपको ग्रेजुएशन में एडमिशन लेना पड़ता है। ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी आप किसी भी स्ट्रीम से कर सकते हैं। इसमें कोई भी सब्जेक्ट आप ले सकते हैं। आपको जिस किसी भी सब्जेक्ट में इंटरेस्ट हो, आप उस विषय से अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट कर सकते हैं।
3. प्रारंभिक परीक्षा पास करें
ग्रेजुएशन को पूरा करने के बाद आपको ऑल इंडिया सर्विस की तैयारी चालू कर देनी पड़ती है। ऑल इंडिया सर्विस की एग्जाम को पास करने के लिए आप को 3 एग्जाम को पास करना जरूरी है। इनमें पहली होती है प्रारंभिक परीक्षा, दूसरी होती है मुख्य परीक्षा और तीसरी होता है इंटरव्यू। डीएम बनने की प्रारंभिक परीक्षा में 2 क्वेश्चन पेपर होते हैं और हर एक क्वेश्चन पेपर 200 अंकों के होते हैं।
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यह ऑब्जेक्टिव टाइप के क्वेश्चन पेपर होते हैं यानी कि आपको एक क्वेश्चन का जवाब देने के लिए चार ऑप्शन दिए जाते हैं और आपको उन में से सही आंसर को चुनना होता है। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होती है यानी कि हर गलत जवाब देने पर 0.33 मार्क कट जाएंगे। यह क्वेश्चन पेपर अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों लैंग्वेज में आता है। उम्मीदवार को इस परीक्षा को देने के लिए 2 घंटे का समय दिया जाता है, जो लोग दिव्यांग होते हैं उन्हें 20 मिनट ज्यादा दिए जाते है।
4. मुख्य परीक्षा पास करें
District Magistrate बनने की प्रारंभिक परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास करने के बाद स्टूडेंट को मुख्य परीक्षा में शामिल होना पड़ता है। यह परीक्षा थोड़ी कठिन होती है और इसका सिलेबस लंबा होता है और लगातार इसके सिलेबस में चेंज होते रहते हैं। इस एग्जाम को पास करने के लिए स्टूडेंट्स को काफी ज्यादा परिश्रम और अच्छे से स्टडी करने की आवश्यकता होती है। स्टूडेंट को इस एग्जाम में टोटल 9 क्वेश्चन पेपर देने होते हैं, जिसमें मौखिक और लिखित दोनों शामिल होते हैं। इस एग्जाम सिलेबस की जानकारी आप यूपीएससी की ऑफिशल वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।
5. इंटरव्यू राउंड को क्लियर करें
मुख्य परीक्षा को क्लियर करने के बाद उम्मीदवार को एक निश्चित दिन इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, जिसमें उम्मीदवार का इंटरव्यू बड़े बड़े अधिकारी लेते हैं। इस इंटरव्यू में उम्मीदवार की मानसिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है। यह इंटरव्यू टोटल 45 मिनट तक चलता है और इस इंटरव्यू में टोटल 275 अंक होते हैं। डीएम बनने के इंटरव्यू में आपसे मुश्किल और हार्ड क्वेश्चन पूछे जाते हैं, ताकि इस बात का अंदाजा लग सके कि आपकी सोचने समझने की क्षमता का कितना विकास हुआ है।
6. ट्रेनिंग पर जाएं
अगर आप जिलाधिकारी बनने के इंटरव्यू को पास कर लेते हैं, तो उसके बाद आपको ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। यह ट्रेनिंग 3 महीने तक चलती है।
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7. SDM की पोस्ट प्राप्त करें
ट्रेनिंग कंप्लीट करने के बाद आपको शुरुआत में SDM की पोस्ट प्रदान की जाती है। इसके बाद जब आपका प्रमोशन होता है, तो आप डीएम की पोस्ट प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर लेते हैं। इस प्रकार आप डीएम बन जाते हैं।
जिलाधिकारी का काम – Work of DM (District Magistrate)
जिला मजिस्ट्रेट के कार्य इस प्रकार हैं।
- भूमि का मूल्यांकन करने का काम जिलाधिकारी करता है।
- भूमि अधिग्रहण करने का काम भी डीएम करता है।
- एग्रीकल्चर लोन डिस्ट्रीब्यूटर करने का काम डीएम करता है।
- बकाया इनकम टैक्स, प्रोडक्ट टैक्स, सिंचाई की बकाया रकम को वसूल करने का काम डीएम करता है।
- सूखा, बाढ़ और महामारी जैसी नेचुरल प्रॉब्लम के समय डीएम आपदा मैनेजमेंट करता है और दंगों को कंट्रोल करने का काम भी डीएम करता है।
- लैंड रिकॉर्ड की देखरेख, भूमि सुधार का काम भी DM Officer के जिम्मे होता है।
- डीएम अधिकारी पुलिस प्रशासन कि समय-समय पर मीटिंग लेता है।
- अपने जिले में वह विकास कार्यों से संबंधित कामों की भी देखरेख करता है।
- किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत किए जाने पर DM Officer टीम गठित करने का काम भी करता है और टीम को जांच करने का आदेश देता है।
जिलाधिकारी का वेतन – Salary of DM (District Magistrate)
डीएम की जॉब एक महत्वपूर्ण और गवर्नमेंट जॉब होती है। District Magistrate यानी जिलाधिकारी को हर महीने सैलरी के तौर पर ₹78,800 मिलते हैं। इसके अलावा डीएम अधिकारी को खाना रहना और अन्य कई सुविधाएं गवर्नमेंट की तरफ से प्रदान की जाती है। DM Officer को रहने के लिए मुफ्त आवास, आवास में काम करने के लिए बावर्ची, चपरासी की सुविधा मिलती है।
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इसके अलावा इन्हें फ्री टेलीफोन बिल की सर्विस, फ्री बिजली बिल, सरकारी गाड़ी, अगर सरकारी काम के लिए कहीं जा रहे हैं तो यात्रा का खर्चा गवर्नमेंट देती है। इन्हें पर्सनल फंड और ग्रेजुएटी का फायदा भी मिलता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने जाना जिलाधिकारी क्या होता है और कैसे बने? (How To Become District Magistrate in Hindi) इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर आपके मन में की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में DM kaise bane को लेकर कोई सवाल उठ रहा है तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।
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