details about ngo in hindi? एनजीओ संस्थाओं का नाम आज हर जगह उनकी इंसानियत और मानवता के लिये पहचाना जाता हैं। आज स्वार्थी जीवन जीने वाले लोगों के बीच यदि कोई स्वार्थ से परे हटकर जरूरत मंदों की मदद कर रहा है, तो वह मानवता की मिसाल कायम करता है, जिनमें NGO संस्थाओं का नाम ऊपर ही आता है।
बिना अपने मुनाफे की परवाह किये इन संस्थाओं द्वारा बेसहारा, गरीब और उत्पीडि़त लोगों को सेवायें और सहारा प्रदान कराया जाता है।मगर यह NGO क्या होता है? यह किस प्रकार की संस्था है, यह सभी जानकारी आपको इस आर्टिकल NGO Meaning In Hindi और NGO का full form में जानने को मिलेगी।
एनजीओ क्या होता है और यह किस प्रकार की संस्था है? What is an NGO and What Type of Organization is it?
NGO का full form- Non Governmental Organization होता है| NGO एक प्रकार का Private organization ही होता है, जिसको चलाने में सरकार की कोई भी भूमिका नहीं होती है । NGO द्वारा समाज कल्याण के काम किये जाते हैं, जैसे गरीब बच्चों की शिक्षा, उत्पीडी़त महिलाओं को शरण देना, शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना, विधवा महिलाओं को आवास देना, अनाथ बच्चों की कल्आण सेवायें आदि।
अर्थात् इन संस्थाओं द्वारा बेसहारा व असहाय को सहारा दिया जाता है। जिसके लिये ये संस्थायें स्वयं के fund के अलावा बाकि धनाढ्य लोगों द्वारा दान की गयी राशि या वस्तुओं द्वारा अपने काम करती हैं। इसलिये इन्हें Non Profitable Organization भी कहा जाता हैं, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का मुनाफा कमाने की गुंजाइश नहीं होती है दुनियाभर में अनगिनत NGO द्वारा समाज कल्याण के लिये काम किये जा रहे हैं जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ समाज में सकारात्मक सुधार कर उसे विकास की ओर ले जाना होता है।
एनजीओ का फुल फॉर्म क्या होता है? – What is NGO Full Form in Hindi?
NGO का Full Form Non Governmental Organization होता है| हिंदी में एनजीओ का फुल फॉर्म गैर सरकारी संगठन होता है|
एनजीओ कैसे काम करता है? – How does an NGO work?
यदि आप NGO के बारे में बात कर रहे हैं यो केवल इतना ही जानना काफी नहीं है, यह किसी भी व्यक्ति द्वारा चलाये जाने जैसा सरल कार्य नहीं है, तो आईये जानते है NGO कैसे काम करता है।
NGO संस्था में सात या इससे अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। NGO का मुख्य काम दूसरों की मदद करना ही होता है। यदि समाज सुधारक व्यक्ति या समूह NGO की तरह काम करना चाहता है तो वह Registered या Non-Registered किये गये NGO द्वारा अपना काम कर सकते है। मगर Registered Ngo को एक विशेष लाभ मिलता है। Registered Ngos को सरकार द्वारा भी आर्थिक सहायता मिल सकती है।
तो यदि कोई समाज सेवक अपना काम बिना सरकार की सहायता से अपने स्तर पर ही करने समर्थ है तो अपना Non-Registered NGO भी चला सकता है। भारत में लाखों की संख्या में NGOs कार्यरत हैं। भारत के सभी NGOs Central Societies Act के अंतर्गत आते हैं जबकि राजस्थान राज्य में NGO के लिये Rajasthan Societies Act बना हुआ है।
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एनजीओ में कैसे करें काम? – How to Work in NGO?
यदि आप एक समाज सेवा करना चाहते है और अपना काम बडे़ लेवल पर करना चाहते हैं, तो आपके लिये NGO से जुड़ना बेहतरीन विकल्प होगा ।
- इसके लिये सबसे पहले आपको NGO का सदस्य बनना होगा। जिसके लिये आपको NGO में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। (Registration की प्रक्रिया आपको नीचे बतायी जा रही हैं)
- ध्यान रहें NGO संस्थाओं का सब से पहला उद्देश्य समाज का सुधार,कल्याण और उसे विकास की दिशा देना है।
- NGOs के Vision, Mission और Objectives तय होने से आपका उसे क्रियान्वित करना सरल हो जाता है।
- अब आपको NGO का मुख्य उद्देश्य पता है तो इसमें काम करने के लियू यह एक मुख्य निर्धारित रेखा ही माननी चाहिये|
- NGOs संगठन अमूमन समाज के पिछडे़ तबके के लिये ही काम करये हैं- गरीब व अनाथ, बेसहारा को आवास, भोजन शिक्षा आदि प्रदान करना।
भारत में बहुत से ऐसे गैर सरकारी संगठन है,जो fund या without fund भी बहुत सराहनीय काम कर रहे हैं। जिनमें से कुछ NGOs के नाम इस तरह हैं;
- Being Human ( Salman Khan’s NGO)
- Nanhi Kali ( छोटी बच्चियों की शिक्षा)
- Give India Foundation ( Donation Platform)
- Smile Foundation ( परिवार सुधारक)
- Helpage india ( बूढे़ लोगों की मदद करना)
एनजीओ कैसे रजिस्टर करें? – How to Register NGO?
अगर आपने अपना NGO स्थापित करने का मन बना ही लिया है तो सबसे पहले आप अपने लक्षित स्थान पर मौजूदा समस्याओं का चुनाव कर एक ब्यौरा तैयार करें जिसमें आप सुधार करना चाहते हैं। इससे आपके NGO को चलाने का उद्देश्य निर्धारण हो जायेगा ।
- Non Profit Organisation को स्थापित करने के लिये सबसे पहले आप अपने एक समूह का निर्माण कर लेवें जो आपकी team बनकर funding, human sources और networking जैसे कार्यों का कार्यभार संभालने को responsible हो।
- NGO स्थापित करने से पहले उसका पंजीकरण करना आवश्यक है, जिसके लिये कुछ कागजातों कु जरूरत होती हैं; Trust Deed, Memorandum of Association और Rules and Regulation/ Memorandum and Articles of Association और Regulation जैसे documents .
- इन बताये गये documents में से आपको किसी एक कागजात की जरूरत होती है जिससे आप संगठन शुरू कर सकते है, इसे Bio-log भी कहा जाता है। कौनसे Documents आपको जमा कराने है इस चीज का चुनाव आपके NGO की ही रूपरेखा पर निरकभर करता है। जिसमें NGO किस प्रकार का है, टीम के सदस्य कितने है या चुनाव प्रक्रिया आदि ।
- अब आगे की प्रक्रिया में आपको documents को संबंधित जिले के Charitable Trust Office में जमा कराना होता है उसके बाद आपके Application पर कार्यवाही व जांच की जाती है। Interview Process के बाद यदि सभी चीजें ठीक पाये जाने पर उसी समय आपके NGO का Registration कर दिया जाता है।
- NGO के Registration के बाद NGO के नाम से अलग बैंक Account खुलवाना होगा जिससे fund आदि की प्रक्रिया हो सके। खाता खुलवाने के लिये आपको PAN Card की जरूरत होगी Account open होने के बाद donation आदि के process रिकोर्ड में रहने से लेन देन में पारदर्शिता आ जाती है।
भारत में NGO के Registration के लियज तीन अलग प्रकार की व्यवस्था की जाती है, ये अधिनियम निम्न प्रकार हैं;
- Trust Act – इसमें NGO Registration के लिये Deed नामक document की जरूरत ओती है।
- Society Act – Registration के लिये Memorandum of Association and Rules and Regulation Document की आवश्यकता होती है|
- Companies Act – NGO का Registration करने के लिये Memorandum and Articles of Association and Regulation Document की जरूरत होती है।
एनजीओ के प्रकार – Types of NGOs
NGO के काम के अनुसार उसे छः (6) प्रकार में बांटा गया है;
- Service Oriented NGOs
- Research NGOs
- Supportive NGOs
- NGOs for Policy Advocacy
- Funding NGOs
- Coordinating NGOs
लक्षित स्थानों के आधारों पर इन NGOs को Community Base, National और International NGOs के रूप में पहचाना जाता है।
एनजीओ को फंड कैसे मिलता है – How does an NGO Get Fund
NGOs को fund कहां से और कैसे मिलता है? यह सवाल मन में आना स्वभाविक है। कई लोगों को ऐसा लगता है कि यदि बे अपना NGO स्थापित करते हैं तो fund मिलना एक दम आसान बात होती है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है| बहुत सी NGOs ऐसी है जो fund raise नहीं कर पाती है, fund उन्हीं को मिलता हज जो वास्तविकता में अच्छा कार्य करते हैं, और परिणाम नज़र आता है।
आपकी जानकारी के लिये आपको बता दें कि यह सब सीएसार फंड होता है, जिसे Corporate Social Responsibilities कहते हैं। जो बडी़ कंपनियां या बडी़ संस्थानें होती है उन्हें अपनी सालान कमाई का 1% CSR Fund में देना होता है। CSR से NGOs को fund मिलता है।
सरकार की अधिकांश वित्त ऐजेंसियों या मंत्रालय से fund प्राप्त करना आसान काम नहीं है उसके लिये सबसे पहले आपकी संस्था की पात्रता जांच की जाती है। और आपको funding के लिये आवेदन करना होता है जिसके लिये NGO के सभी documents और प्रमाण पत्र तैयार करना जरूरी होता है। NGO का Registration Certificate और संबंधित सभी कागजातों के साथ अपने NGO से जुडी़ योजनाओं और उद्देश्य का ब्यौरा भी अटैच कर एक file तैयार करनी होती है जिससे आपको fund लेने के पीछे का कारण पता लग सके और उस फाईल को संबंधित office में लगानी होती है।
इस प्रकार संस्थानों से fund raise होता है। प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी होती है इसीलिये इसे Non Profit Organisation का नाम भी दिया गया है।
निष्कर्ष
तो इस प्रकार यह आर्टिकल द्वारा, NGO क्या होता है? In Hindi आपको NGO से संबंधिय उचित जानकारी दी गयी है। यदि आपको NGO से जुडी़ अन्य कोई भी जानकारी चाहिये तो आप कमेंट बॉक्स में लिख कर बता सकते हैं।
NGO rajistrd Karana hai
Samaj seva Kalyan k liye ngo chalana hai kiya krna hai
जिस विभाग से जुड़े हुए कार्य करे उसीबीभाग में
फंडिंग फाइल लगाई जाती है सर
I want rege. My ngo for street dog & injarad Dog.
अच्छे सुझाव लगे
धन्यवाद