आज हम जानेंगे सोना कैसे बनता है की पूरी जानकारी (Gold in Hindi) के बारे में क्योंकि लोग रोज इंटरनेट पर आज के सोने का भाव चेक करते हैं। इसके पीछे वजह यह है कि सोने के भाव आजकल ज्यादा हो गए हैं परंतु कीमती धातु होने के कारण लोग इसे खरीदने के बारे में सोचते हैं और इसलिए रोज इंटरनेट पर यह सर्च किया जाता है कि मार्केट में सोने का भाव क्या है, ताकि थोड़ा सा भी सोना सस्ता होने पर वह उसे खरीद सकें।
आखिर यह सोना इतना महंगा क्यों हैं और लगातार इसकी महंगाई बढ़ने का कारण क्या है। इन सभी बातों के बारे में जानने के लिए आपको सोने के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी होगी, जो हम आपको इस सोना क्या है अथवा सोने कैसे बनता है के आर्टिकल में देने वाले हैं। आज के इस लेख में जानेंगे कि sona kaise banta hai, सोना कैसे बनाया जाता है, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
सोना क्या होता है? – What is Gold in Hindi

बात करें अगर सोना या स्वर्ण (Gold) के परमाणु संख्या की तो यह संख्या 79 है और सोने का निशान Au को माना जाता है। सोना प्राकृतिक तौर पर पैदा होता है और इस धातु की गिनती एक ऐसी धातु में होती है जो आसानी से पिघल जाती है या फिर टेढ़ी हो जाती है। इसलिए जब आप सोने के आभूषण लेने के लिए जौहरी की दुकान पर जाते हैं, तब वह आपको चांदी में मिक्स सोने की धातु देता है, क्योंकि अगर सिर्फ सोने के आभूषण बनाए जाएंगे तो यह आसानी से पिघल सकते हैं और टुट सकते हैं।
इसीलिए इसे मजबूती देने के लिए इसमें तांबा या फिर चांदी मिलाया जाता है। प्राकृतिक सोना देखने में बहुत ही पीला होता है। इसे अंग्रेजी में गोल्डन गोल्ड कहा जाता है। जमीनों में जो Gold मिलता है, यह किसी भी प्रकार के आकार में होता है अर्थात या टेढ़ा मेढ़ा होता है। अक्सर सोना पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है या फिर पानी से बह कर के जो मिट्टी आई होती है, उसके अंदर मिलता है। इंडिया में कई सोने की खदानें हैं जिसमें कर्नाटक के कोलार के सोने की खदानें काफी प्रसिद्ध है। चांदी से महंगी धातु सोना को माना जाता है और सोने से महंगी धातु हीरा को माना जाता है।
सोना कैसे बनता है या सोने का निर्माण कैसे होता है? – How to Make Gold in Hindi
जिस प्रकार पृथ्वी के अंदर पानी, तांबा, चांदी जैसी धातुए और अन्य खनिज मिलते हैं, उसी प्रकार नेचुरल तौर पर सोना भी हमें पृथ्वी के अंदर से ही प्राप्त होता है। इतना ही नहीं पृथ्वी के अंदर से ही हमें महंगे महंगे हीरे भी मिलते हैं। सोने के ऊपर कई वैज्ञानिकों ने अपनी अपनी राय दी है जिनमें से कुछ का ऐसा मानना है कि जीवाश्म की वजह से जमीन के अंदर सोना बनता है।
वहीं कुछ वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि आज से लगभग 2 साल पहले भारी मात्रा पर पृथ्वी पर धूमकेतु की बारिश हुई थी और उसी बारिश में बहुत सारी कीमती धातु सीधा जमीन के अंदर आई और गहराई में चली गई। सोने के निर्माण की प्राचीन विधि के बारे में बात करें तो पहले चट्टानों और मिट्टी में जो Gold होता था, उसे निकालने के बाद उसे छिछले तवे पर साफ किया जाता था, जिसके कारण मिट्टी पानी के साथ मिक्स होकर के बाहर चली जाती थी और जो Gold होता था, उसके घनत्व के कारण वह नीचे चला जाता था।
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हाइड्रोलिक विधि में पानी की तेज बौछार को सोने के अंदर मिक्स मिट्टी के ऊपर फेंका जाता था, जिससे मिट्टी अलग हो जाती थी और सोना प्राप्त होता था। हमारे भारत के प्राचीन ग्रंथों में मनुष्य के द्वारा भी सोना बनाए जाने का जिक्र है जिसमें मुख्य तौर पर नागार्जुन का नाम आता है जिन्होंने पारे से सोना बनाने की विधि खोजी थी और पारे से सोना बनाया भी था। हालांकि उन्होंने अपनी यह बातें रस रत्नाकर ग्रंथ में लिखी थी परंतु आज यह ग्रंथ शायद ही किसी के पास उपलब्ध हो।
सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है? – How is Gold Produced in Hindi

यह दो प्रकार के डिपॉजिट में मौजूद होता है जिसमें पहला Lode है और दूसरा Placer deposit है। बता दें कि माइनिंग का इस्तेमाल करके सोने को पाने के लिए चार प्रक्रिया है जिसमें Floatation, Cyanidation, Amalgamation और Carbon-in-pulp शामिल है। इनमें से किसी एक प्रक्रिया के जरिए सोना निकाला जाता है।
1. माइनिंग प्रक्रिया
Lode Deposit : इसमें बम ब्लास्ट किया जाता है ताकि सोना निकाला जा सके क्योंकि सोना भारी चट्टानों की दरारो के बीच अन्य खनिज के साथ मिक्स तौर पर उपलब्ध होता है। ब्लास्ट करने के बाद सभी सोने को इकट्ठा किया जाता है और फिर उसे ट्रको के माध्यम से सोने की मिल में रिफायनिंग के उद्देश्य हेतु भेज दिया जाता है।
Placer Deposit : यह बड़े-बड़े सोने के दाने होते हैं जो नदी के साथ जो पानी बह करके आता है उसमें पाए जाते हैं और बह करके आने के बाद यह या तो कंकड़ के साथ मिल जाते हैं या फिर रेती के साथ मिल जाते हैं। इस प्रकार के सोने की माइनिंग करने के लिए हाइड्रोलिक माइनिंग, ड्रेजिंग माइनिंग या पावर सोलिंग में से किसी एक का इस्तेमाल किया जाता है।
2. हाइड्रोलिक माइनिंग
हाइड्रोलिक जायंट नाम की एक मशीन आती है जिसका इस्तेमाल हाइड्रोलिक माइनिंग करने के लिए किया जाता है। इस मशीन के द्वारा काफी तेज पानी की धारा निकलती है जो सीधा सोने के अयस्क के ऊपर जाती है। इसके बाद सोने के अयस्क को एक बॉक्स में धोया जाता है।
3. ड्रेजिंग माइनिंग
इस प्रकार की माइनिंग में ड्रेज नाम की मशीन का इस्तेमाल नदी से मटेरियल को बाहर निकालने के लिए होता है और मटेरियल जब बाहर आ जाता है तब पानी के जरिए उसकी सफाई होती है और उसे छाना जाता है तथा उसकी छटाई होती है।
4. पावर सोवलिंग
बता दें कि पावर सॉल्विंग और ड्रेजिंग इन दोनों में सेम टेक्नोलॉजी का यूज होता है। इसमें भी काफी बड़ी-बड़ी मशीनें काम पर लगी हुई होती हैं जिसमें बेलचा होता है। यही बच्चा रेती को जमीन के तल से बाहर लाने के लिए सहायक साबित होते हैं।
5. पिसाई
माइनिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जो सोने के टुकड़े प्राप्त हुए होते हैं, उन्हें फील्ड पर ही फिल्टर करते हैं और धोते हैं और फिर इसे सोने की मिल में भेज दिया जाता है, जहां पर इसके साथ आवश्यक प्रक्रिया की जाती है और इसे पीसा जाता है। इसे पीसने के लिए बोल मिल का इस्तेमाल होता है।
अयस्क से सोना निकालना – Extract Gold from Ore
नीचे हमने आपको ore यानी अयस्क से सोना बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया है।
1. फ्लोटेशन
फ्लोटेशन की प्रक्रिया में हवा का भी इस्तेमाल होता है और केमिकल का भी यूज़ होता है। इसमें जो सोने के अयस्क होते हैं, उसे एक मिक्सचर में डाला जाता है और फिर उसके अंदर गैस मिलाई जाती है। जिस पर उसमें से बुलबुला बाहर आने लगता है और जो सोना होता है वह बुलबुले के साथ चिपक कर के पानी के ऊपर आ जाता है और बाद में सोना इसी बुलबुले में से अलग कर लिया जाता है।
2. Cyanidation
इसमें भी केमिकल को एक टैंक में डाल दिया जाता है और फिर उसमें सोने के अयस्क को डाला जाता है। इसके साथ ही टैंक के अंदर जिंक को भी मिक्स कर दिया जाता है, जिसके कारण एक प्रकार का केमिकल रिएक्शन पैदा होता है और इसी की वजह से सोना अलग होता है। फिर सोने को फिल्टर किया जाता है।
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3. Amalgamation
जितने भी भूमि अयस्क मिलते हैं, उसे सबसे पहले घोल वाले एक प्लेट में रखते हैं और इसे मर्करी से ढक दिया जाता है। फिर इसे गर्म किया जाता है, जिस पर मर्करी गैस में कन्वर्ट होती है और सोना बचा रहता है। इस प्रकार मरकरी को इकट्ठा करके फिर से ऊपर बताई गई प्रक्रिया को करते हैं।
4. Carbon-in-pulp
सायनाइड एक खतरनाक तत्व होता है। इसी का इस्तेमाल इस प्रोसेस में करते हैं, जिसके अंतर्गत गूदा तैयार करने के लिए पानी और भूमि अयस्क को आपस में मिलाया जाता है। फिर उसके अंदर से सायनाइड भी डाल दिया जाता है और इसके बाद कार्बन भी डाल देते हैं। इसके बाद कार्बन के पार्ट को गूदे में से निकाल देते हैं और फिर इन्हें कार्बन के सलूशन में डाल कर रखा जाता है। ऐसा करने पर कार्बन में से सोना अलग हो जाता है।
जमीन के अंदर सोना का पता कैसे किया जाता है या मिट्टी से सोना कैसे निकलता है
ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार ही वह जरिया है, जिसका यूज़ करके जमीन के अंदर सोना है या नहीं इसका पता लगाया जाता है। इस जरिए का इस्तेमाल भूवैज्ञानिक करते हैं। इस रडार का जब इस्तेमाल किया जाता है तब यह इस बात की जानकारी भू वैज्ञानिकों को देता है कि जमीन की जो मिट्टी है उसमें घनत्व कितना है और उसके अंदर चुंबकीय गुण कितने हैं।
इसके बाद एक ग्राफ रेडी करते हैं और उसी के आधार पर यह अनुमान लगता है कि जमीन के अंदर कौन कौन से खनिज मौजूद हो सकते हैं। अब आगे की प्रक्रिया में ड्रिलिंग के जरिए जमीन में से थोड़ी सी मिट्टी बाहर निकाली जाती है और फिर उसे लेबोरेटरी में टेस्ट करते हैं, ताकि यह जानकारी मिल सके की जमीन की मिट्टी में तांबा,सोना, जस्ता की मात्रा कितनी है। इसके बाद आगे का काम चालू होता है।
सबसे अधिक सोना उत्पादन करने वाले देश कौन-कौन से हैं?
- चीन – 368.3 टन
- रूस – 331.1 टन
- ऑस्ट्रेलिया – 327.8 टन
- संयुक्त राज्य अमेरिका – 190.2 टन
- कनाडा – 170.6 टन
- घाना – 138.7 टन
- ब्राजील – 107.0 टन
- उज़्बेकिस्तान – 101.6 टन
- मेक्सिको – 101.6 टन
- इंडोनेशिया – 100.9 टन
सोने में कैरेट क्या होता है? – What is karat in Gold in Hindi
कैरेट का इस्तेमाल सोना कितना शुद्ध है, इसकी जानकारी पता करने के लिए होता है। आपने भी कई बार यह देखा कि कई लोग कहते हैं कि 24 कैरेट का सोना शुद्ध होता है जो कि बिल्कुल सही है। जो 24 कैरेट का सोना होता है यह शुद्धता के पैमाने पर खरा उतरता है और इस प्रकार का सोना आसानी से मोड़ा जा सकता है। यही वजह है कि 24 कैरेट के सोने के आभूषण काफी कम ही बनाए जाते हैं क्योंकि यह आसानी से टेढ़े मेढ़े हो सकते हैं। 24 कैरेट का सोना 99.9 पर्सेंट शुद्ध होता है और इसका रंग गाढा पीले रंग का होता है।
- 24 कैरेट सोना – 99.99 % शुद्धता
- 22 कैरेट सोना – 91.6 % शुद्धता
- 18 कैरेट सोना – 75 % % शुद्धता
- 14 कैरेट सोना – 58.33 % शुद्धता
- 12 कैरेट सोना – 50 % शुद्धता
- 10 कैरेट सोना – 41.7 % शुद्धता
सोने की मजबूती बढ़ाने के लिए उसके साथ कौन-सा पदार्थ इस्तेमाल किया जाता है?
- तांबा
- जस्ता
- चांदी
- निकिल
क्या सोने के आभूषण में अन्य सामग्री भी मिलाई जाती है?
हां
सोने के आभूषण में अन्य सामग्री क्यों मिलाई जाती है?
ताकि वह मजबूत रहे
प्राकृतिक सोने का रंग कैसा होता है?
गहरा पीला
सोना को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
गोल्ड
निष्कर्ष
आशा है आपको सोना कैसे बनता है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में sona kaise banta hai (How to Make Gold in Hindi) और सोना कैसे बनता है को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को sona kaise banta hai के बारे में जानकारी मिल सके।