आज हम जानेंगे काढ़ा कैसे बनाया जाता है की पूरी जानकारी (How to make kadha in Hindi) के बारे में क्योंकि साल 2019 में कोविड-19 का वायरस पहली बार चाइना के बुहान शहर में सामने आया था और तब शायद किसी को यह अंदाजा नहीं था कि यह वायरस 1 दिन पूरी दुनिया भर में फैल जाएगा और इससे करोड़ों लोगों की मौत हो जाएगी। वैज्ञानिकों ने जब इस वायरस के ऊपर रिसर्च की तब उन्होंने यह पाया कि यह उन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हैं या फिर जिनकी इम्यूनिटी पावर कमजोर है।
इसलिए वैज्ञानिको ने इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए कई दवाइयां बनाई। इंडिया में इम्यूनिटी पावर तेज करने के लिए लोगों ने देसी तरीके पर ज्यादा विश्वास किया और उन्होंने विभिन्न चीजों का काढ़ा बनाकर के पीना चालू कर दिया। आज के इस लेख में जानेंगे कि kadha kya hota hai, kadha kaise banaye, काढ़ा पीने के नुकसान, kadha ke fayde in hindi, kadha kab pina chahie, kadha in Hindi, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
काढ़ा क्या होता है? – What is Kadha (Decoction) in Hindi
काढे की कोई सरल व्याख्या नहीं है क्योंकि इसे बनाने में अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल किया जाता है परंतु फिर भी इसका मतलब निकाला जाए तो यह एक तरल पदार्थ होता है जिसे अलग-अलग चीजों को मिलाकर के बनाया जाता है और इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर शरीर की सामान्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। काढ़ा गले की खराश दूर करता है, साथ ही सर्दी, जुखाम, बुखार को भी दूर करता है। इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है इसके कई अन्य फायदे भी हैं जो आर्टिकल में आप आगे जानेंगे।
काढ़ा पीने से क्या होता है?
कोविड-19 के मद्देनजर लोगों को काढ़ा पीने का फायदा जब पता चला तब उन्होंने काढ़ा पीना चालू किया, वरना कई लोग तो इसे देखते भी नहीं थे। Kadha सिर्फ कोविड-19 के वायरस से ही हमारी बॉडी को बचाने का काम नहीं करता है बल्कि यह सर्दी, खासी जैसी प्रॉब्लम से भी हमें राहत देता है और इसीलिए आज से ही नहीं प्राचीन काल से ही अलग-अलग चीजों का काढ़ा बनाकर के लोग पीते हैं।
काढ़ा कैसे बनाया जाता है? – How to make kadha in Hindi
ठंडी के मौसम में तो जब लोगों को सर्दी, खांसी, जुखाम जैसी प्रॉब्लम होती है तो काढ़ा अधिक पिया जाता था क्योंकि यह देसी तरीका होता है जो बिना कोई नुकसान किए हुए समस्याओं को ठीक करता है।
1. अदरक, तुलसी और लॉन्ग का काढ़ा
थोड़ी सी ताजी अदरक ले ले। अब उसे कद्दूकस कर लें। अगर कद्दूकस नहीं कर सकते हैं तो उसे कूट लें। इसके साथ ही तुलसी की ताजे पत्ते ले ले और 4-5 लॉन्ग ले ले। अब गैस चालू करें और उस पर एक पतीला रखें और यह सभी सामग्री उस पतीले में डाल दें।
ये भी पढ़ें : बवासीर क्या है? घर पर बवासीर की ट्रीटमेंट कैसे करें?
इसके साथ ही ऊपर से आधी चम्मच हल्दी भी डाल दें। अब पतीले के अंदर पानी डालें और इसे उबलने दें। जब एक कप जितना पानी बचा रह जाए तब इसे नीचे उतार ले और हल्का गुनगुना होने पर पी ले। अदरक और तुलसी तथा लॉन्ग का यह काढ़ा सर्दी, जुखाम जैसी समस्याओं को छूमंतर करता है और गले की खराश को भी दूर करता है।
2. तुलसी, तेजपत्ता, सौफ, छोटी इलायची, काली मिर्च का काढा
यह काढ़ा स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको 10 ग्राम तेजपत्ता, 10 ग्राम दालचीनी, 50 ग्राम सौंफ, 15 ग्राम छोटी इलायची के दाने और 10 ग्राम काली मिर्च ले लेनी है। अब आपको गैस पर एक पतीला पानी गर्म करना है और उसमें यह सभी चीजें डाल देनी है और इसे तब तक उबलने देना है जब तक कि पतीले में आधा कप जितना पानी ना बचा रह जाए।
जब पतीले में आधा कप पानी बचा रह जाए तब आपको इसे उतार लेना है और छलनी की सहायता से आपको इसे छान लेना है। उसके बाद हल्का गुनगुना आपको इसे थोड़ा-थोड़ा करके पीना है। लगातार 4 से 5 दिन यह उपाय करें, फिर देखें कैसे आपको बॉडी की नार्मल समस्याओं से राहत की प्राप्ति होती है।
3. इलायची और शहद का काढ़ा
अगर आपको छोटी मोटी सांस लेने की प्रॉब्लम है तो इलायची का काढ़ा पीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि छोटी मोटी सांस की प्रॉब्लम को इलायची और शहद का Kadha पी करके आप दूर भगा सकते हैं। अब इलायची और शहद के काढ़े को तैयार कैसे करना है इसके बारे में जान लीजिए।
ये भी पढ़ें : स्पर्म काउंट क्या होता है? शुक्राणुओं की संख्या कैसे बढ़ाएं?
1 पतीले में पानी डालिए और उसे गैस पर रखें। उसके बाद 8-10 इलायची उसमें डालें और 1 चम्मच शुद्ध शहद उसके अंदर डाले। अब इसे उबलने दें। जब 1 कप जितना पानी बचा रह जाए तब इसे नीचे उतार लें। उसके बाद छलनी से छान करके इसे हल्का-हल्का पिए। लगातार 10 दिन इस काढ़े को पिए और देखे कैसे आपकी सांस की छोटी मोटी समस्या दूर हो जाती है।
4. लोंग, तुलसी और काले नमक का काढ़ा
पेट की गैस और कब्ज तथा अपच जैसी समस्याओं के लिए यह Kadha कारगर माना जाता है, साथ ही यह काढ़ा जोड़ों के दर्द में भी आपको राहत देता है। इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको 10 तुलसी के पत्ते और 5 लोंग की व्यवस्था कर लेनी है। अब आपको गैस पर पतीला रखना है और उसमें 2 कप पानी डालना है।
अब आपको तुलसी के पत्ते और लॉन्ग को उसके अंदर डाल देना है और इसे उबलने देना है। जब पानी उबलकर के एक कप जितना रह जाए तब आपको गैस बंद कर देनी है और उसे नीचे उतार लेना है। अब स्वाद अनुसार आपको इसमें काले नमक को डाल करके इसे पी जाना है।
काढ़ा पीने के फायदे – Benefits of Kadha in Hindi
काढ़ा प्राचीन काल से ही हमारे भारत में पीने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है परंतु शायद ही किसी को यह पता था कि 1 दिन यही काढ़ा जिसे लोग देखते भी नहीं है, वह कोविड-19 जैसे वायरस से बचने के लिए काफी प्रभावी साबित होगा।
ये भी पढ़ें : वजन कैसे घटाएं?
यहां तक की अंग्रेजी साइंटिस्ट ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है कि वाकई में काढ़ा बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को तेज करता है और इससे कोविड-19 के वायरस से काफी हद तक अपने आप को बचाया जा सकता है। नीचे जाने काढ़ा पीने के कौन से फायदे होते हैं, ताकि आप भी इसका सेवन करना चालू कर दें।
- सर्दी दूर होती है।
- खांसी दूर होती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- इम्यूनिटी बढ़ती है।
- खून साफ होता है।
- लीवर स्वस्थ बनता है।
- गैस दूर होती है।
- कब्ज दूर होती है।
- अपच दूर होती है।
- गैसी खत्म होती है।
- भूख ज्यादा लगती है।
- पथरी नहीं होती है।
- टॉयलेट अच्छी तरह से हो जाता है।
- खाना सही से पचता है।
- सर दर्द दूर होता है।
- मानसिक टेंशन खत्म होती है।
- चेहरे पर दाग पिंपल नहीं होते हैं।
- चेहरे का तेज बढता है।
काढ़ा पीने के नुकसान – Side Effects of Kadha in Hindi
काढा अलग-अलग चीजों को मिलाकर के बनाया जाता है। इसीलिए हो सकता है कि कभी कबार काढ़े में जो चीजें मिलाई गई है, वह किसी व्यक्ति को सूट ना करें। सामान्य तौर पर काढ़ा पीने से अगर कुछ प्रॉब्लम होती है तो वह सामान्य ही होती है। कई लोगों को काढा अच्छा नहीं लगता है क्योंकि उन्हें इसका टेस्ट पसंद नहीं आता है और अगर वह किसी तरह इसे पी लेते हैं तो उन्हें उल्टी हो जाती है। इसके अलावा काढ़ा पीने से कई लोगों में दस्त की समस्याएं भी देखी गई हैं।
ये भी पढ़ें : ब्लड कैंसर क्या होता है? ब्लड कैंसर के प्रकार, लक्षण, कारण और इसका इलाज क्या है?
कई लोगों को काढ़े से एलर्जी होती है। यहां तक कि वह इसकी महक से भी दूर भागते हैं। जिस काढ़े में काली मिर्च होती है वह काढा तीखा लगता है। इसीलिए गुटखा खाने वाले लोगों के मुंह में छाले पड़ सकते हैं अथवा उन्हें अपने मुंह में तेज जलन पैदा हो सकती है। इस प्रकार काढ़े में जो तत्व पाए जाते हैं वह कभी कभी कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। हालांकि इसका नुकसान ज्यादा विकराल नहीं होता है।
काढ़ा कब पीना चाहिए?
बता दें कि काढ़े को आप सामान्य तौर पर भी जब चाहे तब पी सकते हैं। अगर आपको कोई समस्या है और आप उसके लिए काढ़े को पीना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
काढा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
काढ़े की तासीर कैसी होती है?
गर्म
गर्मियों में कितना काढ़ा पीना चाहिए?
गर्मियों में आपको 1 दिन में एक से दो कप पीना चाहिए, क्योंकि गर्मियों में वातावरण में काफी गर्मी होती है और काढ़े की तासीर भी गर्म होती है। इसलिए लिमिट में ही इसे लेना चाहिए।
सबसे अच्छा काढ़ा किस चीज का बनता है?
सबसे अच्छा काढ़ा मुलेठी, शहद, लोंग, काली मिर्च, तेजपत्ता और तुलसी का बनता है।
क्या गिलोय का काढ़ा पीना फायदेमंद माना जाता है?
जी हां गिलोय के काढ़े को कोविड-19 के वायरस से बचने के लिए अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है।
काढ़े का दूसरा नाम क्या है?
क्वाथ
कोरोनावायरस के दरमियान काढ़े का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?
क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और वैज्ञानिकों ने ऐसा कहा है कि जिस व्यक्ति की बॉडी में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, उसे कोविड-19 का वायरस काफी कम अपनी चपेट में ले पाता है।
निष्कर्ष
आशा है आपको काढ़ा क्या होता है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में kadha kaise banaye (How to make kadha in Hindi) और काढ़ा कैसे बनाया जाता है को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को kadha peene ke fayde aur nuksan में जानकारी मिल सके।