आज हम जानेंगे निमोनिया क्या है (What is Pneumonia in Hindi), के बारे में पूरी जानकारी। सामान्य तौर पर देखा जाए तो जब बरसात का मौसम आता है तब अधिकतर लोगों को Pneumonia की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी का सामान्य लक्षण होता है, ज्यादा छींक आना, गले में खराश होना या फिर तेज बुखार आना। अगर कोई व्यक्ति Pneumonia से पीड़ित होने के बाद इसका इलाज समय पर नहीं करता है, तो उसे आगे चलकर के इंफेक्शन वाला गंभीर रोग हो सकता है।
अगर आपके घर में या फिर आप को निमोनिया की बीमारी हो चुकी है, तो आपको ज्यादा सेफ्टी करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक इंफेक्शन वाली बीमारी होती है। इसलिए यह जल्दी से अन्य लोगों में भी फैलती है। तो आज के लेख में हमसे जुड़े रहे और जाने निमोनिया से जुड़ी हुई सभी जानकारियां विस्तार से वो भी हिंदी में, इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
निमोनिया क्या है? – What is Pneumonia in Hindi?

निमोनिया बीमारी फेफड़ों से संबंधित एक प्रकार का इंफेक्शन होता है, जो किसी भी एज के व्यक्ति में आ सकती है। समय रहते हुए अगर इसका इलाज करवा लिया जाता है, तो इसके साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है, वरना इस बीमारी के कारण कभी-कभी व्यक्ति की जान भी चली जाती है। यह बीमारी सामान्य तौर पर देखा जाए तो फंगस, वायरस और बैक्टीरिया के कारण होती है।
जब किसी व्यक्ति को यह बीमारी होती है, तब उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसके अलावा उसके फेफड़े में सूजन हो जाती है, साथ ही फेफड़े में मवाद भी भर जाता है। 2 साल से कम उम्र के बच्चो के लिए और 65 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगो के लिए यह बीमारी बहुत-ही घातक मानी जाती है। हालांकि अन्य लोग भी अगर इस बीमारी से पीड़ित है, तो उन्हें इसकी ट्रीटमेंट फटाफट करवानी चाहिए।
निमोनिया के प्रकार क्या है? – What are the types of Pneumonia in Hindi?
मुख्य तौर पर 4 प्रकार निमोनिया के होते हैं, जो आपको नीचे बताए गए हैं।
1. बैक्टीरियल निमोनिया:
निमोनिया का यह प्रकार बैक्टीरिया के द्वारा होता है जिससे बॉडी कमजोर हो जाती है और इसके कारण अधिकतर लोग प्रभावित होते हैं।
2. वायरल निमोनिया:
इस प्रकार का निमोनिया मुख्य तौर पर फ्लू के कारण होता है। हालांकि कई ऐसे अन्य वायरस भी है, जो इस प्रकार का Pneumonia होने के लिए जिम्मेदार होते हैं। किसी भी व्यक्ति को अगर इस प्रकार का Pneumonia है, तो उसे बैक्टीरियल निमोनिया होने की संभावना भी ज्यादा होती है।
3. माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया:
इस प्रकार के निमोनिया के कारण बच्चों को ट्रेकोब्रोनिटिस (Tracheobronchitis) नाम की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी में सामान्य तौर पर बच्चों को सीने में ठंडक का एहसास होता है। इस प्रकार का Pneumonia होने पर बुखार, गले में खराश और खांसी जैसी प्रॉब्लम होती है। इसके अलावा इसके अन्य बुरे प्रभाव में फेफड़ों का इन्फेक्शन भी शामिल है।
4. फंगल निमोनिया:
इसके होने के पीछे फंगस और फफूंद जिम्मेदार होती है। यह सामान्य तौर पर मिट्टी में पाया जाता है। जो व्यक्ति ऐसी मिट्टी के कांटेक्ट में आता है, जिसमें फफूंद होती है, उसे यह प्रॉब्लम होती है। इसमें व्यक्तियों को मांसपेशियों में दर्द, सर दर्द, बुखार, खांसी जैसी प्रॉब्लम होती है।
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निमोनिया कैसे होता है? – What causes Pneumonia in Hindi?
निमोनिया होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। उन सभी कारणों की जानकारी आपको नीचे दी गई है।
- ह्यूमन मेटापॉइरोवायरस: स्वसन तंत्र से संबंधित रोग होने का कारण यह हर उम्र के लोगों में बनता है।
- ह्यूमन पैराफ्लुएंजा वायरस: इससे कोई भी पीड़ित हो सकता है, परंतु अधिकतर यह छोटे बच्चों, नवजात बच्चों और वयस्कों को अपनी चपेट में लेता है। इसके लक्षण 2 से 7 दिन के अंदर दिखाई देते हैं।
- इन्फ्लूएंजा: इनफ्लुएंजा वायरस मुख्य तौर पर छोटे बच्चों, वृद्ध लोगों और ऐसे लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता है, जो किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या का सामना कर रहे हैं।
- लैग्योनेरिस रोग और पोंटिएक बुखार: इसे निमोनिया का बहुत ही सीरियस रूप माना जाता है। जो लीजोनेला नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है।
- माइकोप्लाज्मा निमोनिया: यह अपने आप में ही एक बैक्टीरिया है, जो Pneumonia होने के लिए कारण भूत माना जाता है।
- न्यूमोकोकल बीमारी: यह स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक इंफेक्शन है।
- न्यूमोसिस्टिस निमोनिया: गंभीर इंफेक्शन की लिस्ट में गिना जाने वाला यह एक प्रकार का फंगस के द्वारा होने वाला इंफेक्शन है। यह बॉडी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है।
- रेस्पिरेटरी सिंक्राइटियल वायरस: यह सांस से संबंधित एक वायरस है, जो ठंड के लक्षण पैदा करता है। बच्चे और वयस्क लोगों को यह अधिकतर अपनी चपेट में लेता है।
- राइनोवायरस: मुख्य तौर पर यह अस्थमा को बढ़ाने का काम करता है, साथ ही साथ कान के इंफेक्शन का भी कारण बनता है।
निमोनिया के लक्षण क्या है? – What are the symptoms of Pneumonia in Hindi?
- ठंड लगना।
- तेज बुखार आना।
- लंबे समय तक कफ रहना।
- खराश वाली खांसी।
- सांस लेने में प्रॉब्लम होना।
- सीने में दर्द होना।
- सांस लेने पर खांसी आना।
- ठंड लगने के बाद स्वास्थ्य खराब होना।
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निमोनिया का घरेलू इलाज क्या है? – What are the Home Remedies of Pneumonia in Hindi?
नीचे जानिए घर बैठे Pneumonia की ट्रीटमेंट करने के लिए आप कौन-से घरेलू नुस्खे ट्राई कर सकते हैं-
1. हल्दी:
इसके जरिए Pneumonia का उपचार करने के लिए आपको सबसे पहले 1 गिलास गाय का गर्म दूध लेना है और उसमें आपको एक चौथाई चम्मच हल्दी का पाउडर डालना है। इसे आपको रात में सोने जाने से पहले पी लेना है। यह उपाय आपको लगातार 1 से 2 महीने करना है। हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक खास तत्व मौजूद होता है, यही तत्व Pneumonia के असर को धीरे-धीरे खत्म करता है।
2. अदरक:
सबसे पहले 1 कप गर्म पानी ले और उसके अंदर 2 से 3 छोटे टुकड़े अदरक के डाल दें। इसे 5 से 10 मिनट तक गैस पर उबलने दे। अगर आपको टेस्ट चाहिए, तो आप इसमें शहद भी डाल सकते हैं, उसके बाद जब यह हल्का गुनगुना हो जाए, तब इसे धीरे-धीरे करके पी ले। आपको यह उपाय दिन में 2 से 3 बार करना है और लगातार इसे 1 महीने तक जारी रखना है। बता दें कि अदरक के अर्क के अंदर कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो Pneumonia के असर को कम करने में सहायक साबित होते हैं।
3. मेथी का बीज:
सबसे पहले 1 कप पानी ले और उसके अंदर 1 चम्मच मेथी का बीज डालकर उबाल ले। इसके बाद इसमें थोड़ा-सा शहद भी मिला ले। अब जिस प्रकार आप चाय पीते हैं, उसी प्रकार इसे पी ले। आपको यह उपाय दिन में तीन बार कम से कम करना है और लगातार 1 महीने तक जारी रखना है। इस उपाय को करने पर आपको काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट प्राप्त होगा, जो कि मेथी के बीज के अंदर पाया जाता है। यह जुखाम, खांसी और सांस लेने की तकलीफ को दूर करता है, जिससे Pneumonia के लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है।
4. तिल के बीज:
एक बर्तन में थोड़ा-सा पानी ले और उसमें एक बड़ा चम्मच तिल के बीज डाल दें। अब उसके अंदर एक चम्मच शहद और थोड़ा-सा नमक भी डाल दें और इसे गर्म होने दे। गर्म होने के बाद, इसे ठंडा करके चाय की तरह पी ले। रोजाना इस उपाय को आपको सुबह खाली पेट करना है। तिल के बीज के अंदर काफी मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो Pneumonia के असर को कम करने में सहायक साबित होता है। यही वजह है कि कुछ दिनों तक इसका सेवन करने से Pneumonia के लक्षण काफी कम हो जाते हैं।
5. तुलसी:
आपको तुलसी के पत्तो को अच्छे से धोकर खाना है। ध्यान रहे तुलसी के पत्तो को दातों से चबाकर न खाए, क्योंकि तुलसी के पत्तो में काफी मात्रा में पारा और लोहा पाया जाता है, जो दातों के लिए नुकसानदेह है। आपको ऐसा दिन मे 3 बार करना है। यह घरेलू उपायPneumonia के असर को कम करेगा, क्योंकि तुलसी के अंदर एंटीमाइक्रोबियल्स प्रभाव पाया जाता है, जो उन बैक्टीरिया को खत्म करता है, जो Pneumonia होने के पीछे जिम्मेदार माने जाते हैं।
निमोनिया से बचने के उपाय क्या है? – What are the tips to prevent Pneumonia in Hindi?
निमोनिया से बचने के लिए आपको नीचे दिए गए बचाव पहले से ही करना चाहिए, ताकि आप इस बीमारी की चपेट में ना आए।
- किसी भी प्रकार का नशा करते हैं, तो उसे छोड़ दें।
- खाना खाने के पहले और खाना खाने के बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोकर साफ करें।
- खासते व छीकते समय अपने मुंह पर रुमाल रखें।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को अच्छी करें।
- पौष्टिक भोजन ग्रहण करें।
- 8 घंटे की पूरी नींद ले।
निमोनिया में क्या खाना चाहिए? – What to eat in Pneumonia in Hindi?
- संतरा
- अंगूर
- आम
- पपीता
- खरबूजा
- कीवी
- स्ट्रौबरी
- अनानास
- ब्लूबेरी
- रसभरी
- क्रेनबेरी
- रबूज
- हर्बल चाय
- सूप
- विटामिन सी युक्त चीजें
निमोनिया में क्या नहीं खाना चाहिए? – What should not be eaten in Pneumonia in Hindi?
- पका हुआ ठंडा मास।
- ज्यादा नमक।
- दूध के प्रोडक्ट।
- तली भुनी चीजें।
- कार्बोनेट वाली चीजें।
- एसिडिक वाली चीजें और जूस।
निमोनिया का टीका कब लगता है? – When is the Pneumonia Vaccine given in Hindi?
हमने आपको ऊपर ही इस बात की जानकारी दी कि निमोनिया एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, फिर चाहे वह 1 साल के छोटे बच्चे हो या फिर 65 साल के वृद्ध हो। इसलिए Pneumonia का टीका जल्द से जल्द लगवा लेना चाहिए। निमोनिया का टीका लगवाने के लिए कोई स्पेसिफाइड उम्र नहीं है। अगर आपका बच्चा 1 साल का है, तो आप उसे Pneumonia का टीका लगवा सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को निमोनिया की बीमारी है, तो वह भी यह टीका लगवा सकता है।
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निमोनिया की दवा क्या है? – What is the medicine for Pneumonia in Hindi?
निमोनिया के कई लक्षण होते हैं और उसी के आधार पर डॉक्टर पेशेंट को दवाई देते हैं। सामान्य तौर पर इस बीमारी का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक, एंटीफंगल दवा दी जाती है, जिसके अंतर्गत Pneumonia से पीड़ित व्यक्ति को एस्प्रिन, इबुप्रोफेन, एसिटामिनोफेन और खांसी की दवाई दी जाती है। अगर किसी रोगी को ज्यादा गंभीर लक्षण होते हैं, तो डॉक्टर उसका इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक या फिर एंटीवायरल एजेंट का इस्तेमाल करते हैं।
निमोनिया के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल?
निमोनिया कितने उम्र के लोगों को होता है?
किसी भी उम्र के लोगों को
क्या निमोनिया संक्रामक होता है?
हां
क्या हम निमोनिया में विक्स वेपरब इस्तेमाल कर सकते हैं?
हां, आप कर सकते हैं।
निमोनिया से ठीक होने में कितना टाइम लगता है?
7 दिन से अधिक
निमोनिया का इलाज कौन करता है?
पल्मनोलॉजिस्
निष्कर्ष
आशा है आपको निमोनिया के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में निमोनिया ((What is Pneumonia in Hindi) को लेकर आपका कोई सवाल है, तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को निमोनिया के बारे में जानकारी मिल सके।