आज हम जानेंगे लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर है (Difference between Lok Sabha and Rajya Sabha in Hindi), के बारे में पूरी जानकारी। हमारे भारत देश में मुख्य तौर पर दो चुनाव होते हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण चुनाव होता है – भारत के प्रधानमंत्री के पद का और उसके बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण चुनाव होता है, किसी राज्य के मुख्यमंत्री पद का। भारत के प्रधानमंत्री के पद के लिए जब चुनाव होता है, तो उस चुनाव में पूरे भारत की जनता अपने अपने इलाके के सांसद को वोटिंग करती है।
इस प्रकार जिस पार्टी के सबसे ज्यादा सांसद जीत करके आते हैं उसी पार्टी के किसी ना किसी व्यक्ति को भारत के प्रधानमंत्री का पद दिया जाता है। इसके अलावा बात करें अगर मुख्यमंत्री के पद की तो मुख्यमंत्री के चुनाव में जिस पार्टी के सबसे ज्यादा विधायक जीत करके आते हैं। उसी पार्टी के किसी न किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री का पद दिया जाता है। सामान्य तौर पर हर 5 साल में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पद का चुनाव किया जाता है। जिस पार्टी की जीत होती है, उस पार्टी का कोई एक मेंबर 5 साल तक सत्ता संभालता है और राज्य के लिए कल्याणकारी नीतियों का संचालन करता है।
जो व्यक्ति जीतकर के विधायक बनता है, वह लोकसभा में बैठता है और जो व्यक्ति जीतकर के सांसद बनता है, वह राज्यसभा में बैठता है। ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर होता है, इसके बारे में जानना अति आवश्यक है। हम में से अधिकतर लोगों को लोकसभा और राज्यसभा का नाम अक्सर सुनने को मिलता है, परंतु इन दोनों के बीच अंतर क्या है, इसके बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं, इसलिए इस आर्टिकल के द्वारा हमने लोकसभा और राज्यसभा में अंतर क्या है, इस बात को क्लियर करने का प्रयास किया है। लोकसभा और राज्यसभा की सारी जानकारी के बारे में विस्तार से जानने के लिए, इस लेख को अंत तक पढ़े।
लोकसभा क्या है? – What is Lok Sabha in Hindi?
हमारे भारत देश में लोकसभा को छोटा सदन कहा जाता है और इसका कार्यकाल टोटल 5 साल का होता है। लोकसभा को भंग करने की सलाह भारत का प्रधानमंत्री, भारत के राष्ट्रपति को दे सकता है और इस प्रकार लोकसभा को भंग करने का अधिकार केवल भारत के राष्ट्रपति के पास होता है। धन से संबंधित जो विधेयक होते हैं, वह सिर्फ लोकसभा में ही पेश किए जाते हैं और लोकसभा में कौन-सा मंत्री जाएगा, उसका चुनाव जनता द्वारा किए गए वोट के आधार पर ही होता है। राज्य लिस्ट के किसी भी सब्जेक्ट को लोकसभा के द्वारा राष्ट्रीय महत्व घोषित नहीं कर सकते।
लोकसभा में अधिक से अधिक 552 मेंबर बैठ सकते हैं, परंतु वर्तमान में लोकसभा में मेंबर की संख्या 545 के आसपास है। साल 1952 में 17 अप्रैल के दिन हमारे भारत देश में पहली बार लोकसभा का गठन किया गया था और इसकी पहली बैठक साल 1952 में 13 मई के दिन संपन्न हुई थी। बता दे कि लोकसभा के गठन के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 81 और अनुच्छेद 330 में प्रावधान बताए गए हैं। हमारे भारत के मूल संविधान में लोकसभा में कितने मेंबर बैठेंगे, इसकी संख्या को तय किया गया था जो कि 500 तय की गई थी।
परंतु बाद में इस संख्या को बढ़ाया गया और साल 1974 में 31वें संविधान संशोधन के बाद लोकसभा में अधिकतम बैठने वाले लोगों की संख्या को 547 कर दिया गया। भारत के राष्ट्रपति के पास संविधान के अनुच्छेद 331 के तहत यह अधिकार है कि अगर लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय को सही प्रतिनिधित्व नहीं प्राप्त हुआ है, तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 331 के अंतर्गत आंग्ल भारतीय समुदाय के 2 लोगों को लोकसभा के लिए भेज सकता है। इसलिए कहा जा सकता है कि लोकसभा में अधिकतम मेंबर की संख्या 552 तक हो सकती है।
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राज्यसभा क्या है? – What is Rajya Sabha in Hindi?
भारतीय संसदीय प्रणाली में राज्यसभा को सबसे ऊंचा सदन कहा जाता है, जिसमें अधिकतम 250 मंत्री बैठ सकते हैं। राज्यसभा के बारे में एक इंटरेस्टिंग बात यह है कि हर 2 साल में इसके एक तिहाई मेंबर रिटायर हो जाते हैं और उतनी ही संख्या में नए मेंबर को चुनाव के द्वारा जगह मिलती है। इसमें भी धन से संबंधित विधेयक को पेश नहीं किया जा सकता।
राज्यसभा में ज्यादा से ज्यादा 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करने का अधिकार रखता है। वही 238 मेंबर का सिलेक्शन संबंधित विधानसभा के विधायकों के द्वारा होता है। आज के समय में राज्यसभा में टोटल 250 मेंबर हैं जिनमें से 233 मेंबर का सिलेक्शन जनता के द्वारा अप्रत्यक्ष तौर पर हुआ है। साल 1952 में 3 अप्रैल के दिन काउंसिल ऑफ स्टेटस यानी कि राज्यसभा का गठन तब किया गया था जब भारतीय संविधान का प्रवर्तन हुआ था।
राज्यसभा का गठन करने के बाद साल 1952 में 23 मई के दिन राज्यसभा में पहली बैठक ली गई थी, जिसकी अध्यक्षता तब के उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा की गई थी। इसके अलावा साल 1954 में 23 अगस्त के दिन सदन में सभापति के द्वारा एक घोषणा की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि काउंसिल ऑफ स्टेटस को अब से राज्यसभा के नाम से जाना और पहचाना जाएगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार ऐसा कहा गया है कि राज्य सभा को 250 मेंबर के द्वारा तैयार किया जाएगा।
इन 250 मेंबर में से 12 मेंबर के नाम भारत के राष्ट्रपति के द्वारा निर्देशित किए जाएंगे और बाकी बचे हुए 238 मेंबर का चुनाव राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभा के जो मेंबर होंगे, उनके द्वारा किया जाएगा। आपकी इंफॉर्मेशन के लिए हम यह भी बता दें कि राष्ट्रपति के द्वारा जिन 12 मेंबर को निर्देशित किया जाता है वह सभी मेंबर साहित्य, साइंस, आर्ट और समाज सेवा की फील्ड में विशेष इंफॉर्मेशन या फिर व्यवहारिक अनुभव वाले होने चाहिए।
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लोकसभा और राज्यसभा में अंतर – Difference between Lok Sabha and Rajya Sabha in Hindi
- लोकसभा और राज्यसभा को क्रमशः छोटा सदन और बड़ा सदन कहा जाता है।
- लोकसभा में अधिकतम मेंबर की संख्या 552 और राज्यसभा में अधिकतम मेंबर की संख्या 250 होती है।
- वर्तमान के समय में लोकसभा में 545 मेंबर और राज्य सभा में 250 मेंबर है।
- लोकसभा के मेंबर का कार्यकाल 5 साल का और राज्यसभा के मेंबर का कार्यकाल 6 साल का होता है।
- लोक सभा के मेंबर का चुनाव जनता के द्वारा मतदान से किया जाता है, और राज्यसभा में कौन-से मेंबर बैठेंगे, इसका चुनाव राज्य विधानसभा के निर्वाचित मेंबर के द्वारा होता है।
- लोकसभा में जाने के लिए कम-से-कम उम्र 25 साल और राज्यसभा में जाने के लिए कम-से-कम उम्र 30 साल होनी चाहिए।
- लोकसभा मीटिंग की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति करते हैं।
- जनता के द्वारा चुनकर आए हुए विधायक लोकसभा में बैठते हैं और जनता के द्वारा चुन कर के आए हुए सांसद को राज्यसभा में बैठने का मौका मिलता है।
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निष्कर्ष
आशा है आपको लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर है (Difference between Lok Sabha and Rajya Sabha in Hindi) को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को लोकसभा और राज्यसभा के बारे में जानकारी मिल सके।