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Home » Blog » जानकारी » Alankar क्या होता है? जानिए अलंकार के प्रकार, परिभाषा, भेद एवं उदाहरण इत्यादि से जुड़ी सभी जानकारी हिंदी में

जानकारी

Alankar क्या होता है? जानिए अलंकार के प्रकार, परिभाषा, भेद एवं उदाहरण इत्यादि से जुड़ी सभी जानकारी हिंदी में

Ainain
Last updated: 01/16/2024 9:47 pm
Ainain
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26 Min Read
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आज हम जानेंगे अलंकार (Alankar) कैसे बने पूरी जानकारी (How To Become Sub Inspector In Hindi) के बारे में क्यों की आप सभी जानते ही होंगे भारत में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी है और बिना हिंदी के वाक्य अधुरा सा रहता है| इस लिए आज हम आपको इस लेख में alankar kya hai या alankar kise kahte hai के बारे में बताएँगे।

आज के इस आर्टिकल में जानेंगे कि अलंकार क्या होता हैं, अलंकार के कार्य, alankar kise kahate hain, alankar ke kitne bhed hote hain, alankar ke udaharan, alankar ke bare mein, alankar in hindi grammar आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।

Contents
अलंकार किसे कहते हैं इसकी परिभाषा – What is Alankar information in Hindiअलंकार का महत्व और उदाहरण – Importance and Examples of Alankar in Hindiअलंकार के प्रकार – Types of Alankar1. शब्दालंकार की परिभाषा – Definition of Shabdalankar in Hindiअनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितयमक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितश्लेष अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितवक्रोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितपुनरुक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितविप्सा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित2. अर्थालंकार की परिभाषा – Definition of Arthalankar in Hindiअर्थालंकार के प्रकारउपमा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितरूपक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितउत्प्रेक्षा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितअतिशयोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितमानवी करण अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितअन्योक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितदृष्टांत अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितविभावना अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितसंदेह अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितउल्लेख अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितभ्रांतिमान अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितउपमेयोपमा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितप्रतीप अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितअनन्वय अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितदीपक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितअपहृति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितव्यतिरेक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितविशेषोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितअर्थान्तरन्यास अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितविरोधाभास अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितअसंगति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितकाव्यलिंग अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहितस्वभावोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित3. उभयालंकार की परिभाषा – Definition of Ubhaya Alankarin Hindiनिष्कर्ष

अलंकार किसे कहते हैं इसकी परिभाषा – What is Alankar information in Hindi

Alankar Kise Kahate Hain
Alankar Kise Kahate Hain

हिंदी भाषा की शोभा बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं। यह दो शब्दों से मिलकर बना है अलन + कार। अलंकार का अर्थ है आभूषण। इसके अर्थ से ही यह पता चल पा रहा है कि हिंदी भाषा की किसी भी लाइन को और भी अधिक सुंदर बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं। हम उदाहरण के तौर पर यह कह सकते हैं कि कोई भी मनुष्य अपनी शोभा बढ़ाने के लिए अच्छे कपड़े पहनता है या फिर श्रृंगार करता है। उसी तरह हिंदी भाषा की शोभा बढ़ाने के लिए अलंकार का प्रयोग किया जाता है। शायर और कवि अपने विचारों को बहुत सुंदर तरीके से प्रकट करने के लिए अलंकारों का प्रयोग करते हैं।

अलंकार का महत्व और उदाहरण – Importance and Examples of Alankar in Hindi

अलंकार का हिंदी भाषा में बहुत अधिक महत्व है। चाहे कोई भी भाषा हो कुछ खास शब्दों के बिना वह भाषा अधूरी सी लगती है। अलंकार कुछ ऐसे शब्द है जो हिंदी भाषा में और भी अधिक मिठास भर देते हैं और किसी भी वाक्य की शोभा को बढ़ा देते हैं। यदि अलंकार नहीं होते तो हिंदी भाषा बहुत ज्यादा बोरियत भरी होती। इसलिए अलंकार का हिंदी भाषा में बहुत अधिक महत्व है। उदाहरण के तौर पर हम एक कविता का दोहा ले सकते हैं।

जैसे कि : जेते तुम तारे तेते नभ में ना तारे हैं।

अलंकार के प्रकार – Types of Alankar

अलंकार तीन प्रकार के होते हैं

  1. शब्दालंकार
  2. अर्थालंकार
  3. उभयालंकार

1. शब्दालंकार की परिभाषा – Definition of Shabdalankar in Hindi

Shabdalankar Kise Kahate Hain
Shabdalankar Kise Kahate Hain

शब्दालंकार शब्दों पर आधारित अलंकार है। शब्दों के प्रयोग से ही काव्य की सौंदर्य को बढ़ाने वाले अलंकार को शब्दालंकार कहा जाता है। शब्दालंकार की परिभाषा से इसका अर्थ जानना थोड़ा कठिन हो सकता है। इसलिए हम आपको नीचे दिए गए शब्दालंकार के प्रकार से इस अलंकार के बारे में समझाने की कोशिश करेंगे। शब्दालंकार के तीन प्रकार होते हैं।

अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी वाक्य की शोभा बढ़ाने के लिए यदि हिंदी वर्णमाला से किसी एक वर्ण को बार-बार दोहराया जा रहा है तो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। किसी भी वाक्य में वर्ण को बार-बार दोहराने से उस वाक्य की सुंदरता और भी बढ़ जाती है।

उदाहरण-  चमचम चपला-सी चमक रही

इस वाक्य में ‘च’ वर्ण का प्रयोग बार-बार किया जा रहा है। परंतु यह वर्ण ही पूरे वाक्य की शोभा को बढ़ा रहा है। इसलिए हम इसे अनुप्रास अलंकार कहेंगे।

यमक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

यदि किसी वाक्य की शोभा को बढ़ाने के लिए एक शब्द को बार-बार दोहराया जा रहा है तो उसे यमक अलंकार कहा जाता है। शब्द को दोहराने से वाक्य की शोभा बहुत अधिक बढ़ जाती है।

उदाहरण-  खग -कुल कुल- कुल सा बोल रहा

इस वाक्य में कुल शब्द का प्रयोग बार-बार किया जा रहा ह। परंतु यह शब्द ही वाक्य की शोभा को बढ़ा रहा है।  इसलिए इसे यमक अलंकार का नाम दिया जाएगा।

श्लेष अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

यह अलंकार ऊपर दिए गए दोनों अलंकारों से भिन्न होता है। यदि किसी वाक्य में एक ही शब्द को बार-बार दोहराया जा रहा है परंतु हर बार उस शब्द का अर्थ अलग है तो उसे श्लेष अलंकार करेंगे। हम यह भी कह सकते हैं कि किसी भी वाक्य की शोभा को बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द का यदि भिन्न अर्थ है तो उससे श्लेष अलंकार कहेंगे।

उदाहरण –  मधु बन की छाती को देखो
सुखी इसकी कितनी कलियाँ

यहां पर कलियाँ शब्द का अर्थ भिन्न है। इसलिए इसे श्लेष अलंकार कहा जाएगा।

वक्रोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

यदि हम सरल भाषा में वक्रोक्ति का अर्थ जाने तो इसका अर्थ होता है टेढ़ी उक्ति। जब भी किसी वाक्य में कवि कुछ और कहने की कोशिश कर रहा होगा परंतु सुनने वाला इस वाक्य का कुछ टेढ़ा मतलब निकाल लेगा तो वहां पर वक्रोक्ति अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण – को तुम है घनश्याम हम तो बरसो कितु जाए

इस वाक्य में श्री कृष्ण राधा को अपना नाम घनश्याम बता रहे हैं। परंतु राधा उनके नाम का उलटा मतलब निकाल कर उन्हें कह रही है यदि तुम घनश्याम हो तो कहीं और जाकर बरसो। श्री कृष्ण ने राधा को कुछ और बताया परंतु राधा ने उसका अन्य ही मतलब निकाल लिया। इसलिए इसे वक्रोक्ति अलंकार का उदाहरण माना गया है।

पुनरुक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

यदि किसी वाक्य में संज्ञा तथा सर्वनाम को बार-बार दोहराया जाता है तो वहां पर पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग होता है। संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों को बार-बार दोहराने से उन शब्दों का प्रभाव वाक्य में और भी अधिक बढ़ जाता है।

उदाहरण – मधुर-मधुर मेरे दीपक जल

इस वाक्य में मधुर एक सर्वनाम है तथा इसका बार-बार प्रयोग किया गया है। इसलिए इसे पुनरुक्ति अलंकार का नाम दिया गया है।

विप्सा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में कुछ खास शब्दों को बार-बार दोहराया जाता है तो वहां पर विप्सा अलंकार का प्रयोग होता है। यह खास शब्द है आदर, घृणा, आश्चर्य इत्यादि। यदि किसी वाक्य में किसी व्यक्ति के आदर को बार-बार व्यक्त किया जाता है तो उसे विप्सा अलंकार कहते हैं।

 उदाहरण-  मोही मोही मोहन को मन भयो राधामय
                   राधा मन मोही मोही मोहन मयी मयी

2. अर्थालंकार की परिभाषा – Definition of Arthalankar in Hindi

Arthalankar Kise Kahate Hain
Arthalankar Kise Kahate Hain

किसी भी वाक्य में जब किसी शब्द या लेख की वजह से शोभा बढ़ती है तो उसे अर्थालंकार कहते हैं।

उदाहरण : अन्योक्ति, उत्प्रेक्षा, अतिश्योक्ति, व्याजस्तुति, उपमा, रूपक,भाँतिमान , व्याजनिदा, दृष्टांत, व्यति, रेखा, संदेह।

अर्थालंकार के प्रकार

अर्थालंकार के 23 प्रकार निम्नलिखित हैं।

  1. उपमा अलंकार (Upma Alankar)
  2. रूपक अलंकार (Rupak Alankar)
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार (utpreksha alankar)
  4. अतिशयोक्ति अलंकार (atishayokti alankar)
  5. मानवीकरण अलंकार (manavikaran alankar)
  6. अन्योक्ति अलंकार (anyokti alankar)
  7. दृष्टांत अलंकार (drishtant alankar)
  8. विभावना अलंकार (vibhavana alankar)
  9. संदेह अलंकार (sandeh alankar)
  10. उल्लेख अलंकार (ullekh alankar)
  11. भ्रांतिमान अलंकार (bhrantiman alankar)
  12. उपमेयोपमा अलंकार (Upmeyopma Alankar)
  13. प्रतीप अलंकार (prateep alankar)
  14. अनन्वय अलंकार (ananvay alankar)
  15. दीपक अलंकार (deepak alankar)
  16. अपहृति अलंकार (Aphriti Alankar)
  17. व्यतिरेक अलंकार (Vyatirek Alankar)
  18. विशेषोक्ति अलंकार (visheshokti alankar)
  19. अर्थान्तरन्यास अलंकार (Arthantarnyas Alankar)
  20. विरोधाभास अलंकार (virodhabhas alankar)
  21. असंगति अलंकार (asangati alankar)
  22. काव्यलिंग अलंकार (Kavyaling Alankar)
  23. स्वभावोक्ति अलंकार (svabhavokti alankar)

उपमा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी वाक्य में यदि किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना अन्य प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहते हैं। तुलना करने के कारण ही वाक्य की सुंदरता और भी बढ़ जाती है।

उदाहरण – हरि पद कोमल कमल

इस वाक्य में हरि किसी व्यक्ति को बताया गया है तथा उसके पैरों की तुलना कमल के फूल से की गई है। उसके पैरों को कमल के फूलों के समान कोमल बताया गया है। इस तुलना के कारण ही पूरे वाक्य का सौंदर्य बढ़ गया है। इसलिए इसे उपमा अलंकार का उदाहरण माना जाएगा।

रूपक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जैसा कि इस अलंकार के नाम से ही पता लग पा रहा है कि इसमें किन्हीं दो व्यक्तियों के रुप या गुण की तुलना की जाती है। जब भी किसी वाक्य की सुंदरता को बढ़ाने के लिए व्यक्ति के रुप या गुण की तुलना किसी अन्य व्यक्ति के रुप या गुण से की जाएगी तो उसे रूपक अलंकार कहा जाता है।

उदाहरण- “ यह जीवन क्या है? निर्झर है”

इस वाक्य में जीवन की तुलना निर्झर से की गई है या हम यह कह सकते हैं कि जीवन को निर्जर के समान बताया गया है। इसलिए इस वाक्य को रूपक अलंकार का उदाहरण माना जाएगा।

उत्प्रेक्षा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जिस भी काव्य में उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग किया जाता है उसमें उपमान की संभावना का वर्णन किया गया होता है। हम सरल भाषा में यह भी कह सकते हैं कि यदि किसी भी लेख में मानो, मनु, जानु, इव इत्यादि शब्दों का प्रयोग हो तो उसे उत्प्रेक्षा अलंकार कहा जाता है।

उदाहरण-  जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े
                  हिरको में गोल नीलम है जडे

इस काव्य में जान शब्द का प्रयोग किया गया है। जान शब्द काव्य की शोभा को बढ़ा रहा है इसलिए इसे उत्प्रेक्षा अलंकार कहा जाएगा।

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अतिशयोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी लेख में जब किसी कठिन चीज को बढ़ा चढ़ाकर बताया गया होता है तो उसे अतिशयोक्ति अलंकार कहते हैं।

उदाहरण- हनुमान की पूंछ में, लगन ना पाई आग
                सारी लंका जरी गई, गए निशाचर भाग
                आगे नदिया पड़ी अपार,  घोड़ा कैसे उतरे पाए
                राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार

इस काव्य में हनुमान का लंका में आग लगाने से पहले ही राक्षसों के भागने की बात को बढ़ा चढ़ाकर कहा गया है और चेतक की शक्ति को भी बड़ा चढ़ाकर बताया गया है। इसलिए इसे अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण माना गया है।

मानवी करण अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी लेख में किसी निर्जीव वस्तु में जीवन होने की बात को कहा जाता है तो वहां मानवीय कर्ण अलंकार होता है। हम यह भी कह सकते हैं कि यदि किसी निर्जीव वस्तु को किसी जीवित वस्तु के रूप में बताया जाता है तो वहां मानवीय कर्ण अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण-  मेघ आए बड़े बन ठन के संवर के

इस लेख में मेघ के बन ठन के और सिंगार करके आने की बात कही गई है। मेघ एक निर्जीव वस्तु है परंतु उसे एक जीवित व्यक्ति के गुणों में बताया गया है

अन्योक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी वाक्य में जब कोई बात सीधे तरीके से ना कहकर किसी अन्य के माध्यम से कहीं जाए उसे अन्योक्ति अलंकार कहते हैं। इस अलंकार में किसी वस्तु पर अपना निशाना साध कर किसी अन्य इंसान को वह बात सुनाई जाती है।

उदाहरण – नहीं पराग नहीं मधुर मधु, नहीं विकास की इहीकाल
                 अली कली ही सौं बंध्यों आगे कौन हवाल

इस वाक्य में कली और भँवरे को निशाना बनाया गया है। परंतु कवि असली बात तो राजा और उसकी रानी को कहना चाहता था। कली और भँवरे के माध्यम से राजा तथा रानी तक बात पहुंचाई गई है। इसलिए इसे अन्योक्ति अलंकार का उदाहरण माना गया है।

दृष्टांत अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

दृष्टांत अलंकार में किन्हीं दो व्यक्तियों या दो वस्तुओं के बीच में बिंब प्रतिबिंब का भाव होता है। हम सरल भाषा में यह भी कह सकते हैं कि जब किन्हीं दो वाक्यों में मिलते जुलते बातें कही गई हो वहां पर दृष्टांत अलंकार होता है।

उदाहरण-  एक म्यान में दो तलवारें
              कभी नहीं रह सकती
              किसी और पर प्रेम नारियां
             पति का क्या कह सकती

इस पूरे काव्य में दो वाक्यों का प्रयोग किया गया है। दोनों वाक्यों में मिलती जुलती बातें कही गई है इसलिए यह दृष्टांत अलंकार का उदाहरण है।

विभावना अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जिस वाक्य में बिना किसी कारण के कार्यों के होने के बारे में बताया जाता है वहां पर विभावना अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण- बिनु पग चलै सुनै बिनु काना
              कर बिन करम करै बिधी नाना

इस अलंकार में किसी कारण के ना होते हुए भी कार्य का होना पाया जा रहा है। इसलिए इसे विभावना अलंकार कहा गया है।

संदेह अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में किसी वस्तु या व्यक्ति को लेकर संदेह की दुविधा आती है तो उसे संदेह अलंकार कहा जाता है।

उदाहरण-  उदा लक्ष्मी थी या दुर्गा थी
                स्वयं वीरता की अवतार

इस वाक्य में दुर्गा और लक्ष्मी माता के बीच संदेह की दुविधा आ रही है। इसलिए इसे संदेह अलंकार कहा गया है।

उल्लेख अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में एक वस्तु को अनेक रूपों में दर्शाया गया होता है तो वहां पर उल्लेख अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण-  कंजन अमलता में खंजन चपलता में
               चलता में मीन कलता में बढे ऐन के

इस वाक्य में एक शब्द को अनेक अर्थों में दिखाया गया है। इसलिए यह उल्लेख अलंकार का उदाहरण है।

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भ्रांतिमान अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में एक वस्तु को दूसरे के समान मान लिया जाता है तो वहां पर भ्रांतिमान अलंकार का प्रयोग होता है। हम यह भी कह सकते हैं कि जब थोड़ी सी समानता होने के कारण ही एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है तो वहां भ्रांतिमान अलंकार होता है।

उदाहरण- सुमझी तुम्हें घनश्याम हरि
               नाच उठे वन मोर

इस वाक्य में दो वस्तुओं को एक समान माना गया है। इसलिए यहां भ्रांतिमान अलंकार का प्रयोग हुआ है।

उपमेयोपमा अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में उपमान तथा उपमेय को परस्पर बनाया जाता है उस प्रक्रिया को उपमेयोपना अलंकार कहते हैं।

उदाहरण-  राम के समान शंभु, शंभु सैम राम है

इस वाक्य में उपमेयोपना अलंकार का प्रयोग किया गया है।

प्रतीप अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी वाक्य में जब चीजों को उलटा बताया जाता है तो वहां प्रतीप अलंकार का प्रयोग होता है। हम सरल भाषा में यह कह सकते हैं कि जब किसी छोटे व्यक्ति को बड़ा बताया जाए और बड़े व्यक्ति को छोटा बताया जाए तब वहां पर प्रतीप अलंकार होता है।

उदाहरण-  चंद्रमा मुख के समान सुंदर है

यहां पर चंद्रमा को मुख के समान बताया गया है इसलिए इसे प्रतीप अलंकार कहा गया है।

अनन्वय अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब किसी वाक्य में उपमेय के समान कोई भी उपमान नहीं होता है तथा उपमेय को उसके ही समान बताया जाता है तब वहां पर अनन्वय अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण-  यद्यपि पति आरत मारत है
                भारत के सम भारत  है

इस वाक्य में भारत को भारत के समान ही बताया गया है और किसी भी उपमान का प्रयोग नहीं किया गया है। इसलिए यह अनन्वय अलंकार है।

दीपक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी वाक्य में जब उपमेय तथा उपमान के धर्म को एक जैसा बताया गया होता है तब वहां पर दीपक अलंकार का प्रयोग किया जाता है। हम यह भी कह सकते हैं कि जब किसी वाक्य में प्रस्तुत तथा अप्रस्तुत को एक धर्म का बताया गया हो वहां पर दीपक अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण-  चंचल निशी उदवल रहे करत परात वसीराज

इस वाक्य में प्रस्तुत तथा और प्रस्तुत दोनों के धर्म को एक जैसा बताया गया है इसलिए यह दीपक अलंकार है।

अपहृति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

अपहृति अलंकार में किसी भी सच्ची घटना को छिपाया जाता है। उस सच्ची घटना की जगह झूठ बोला जाता है

उदाहरण- सुनहु नाथ रघुवीर काला
               बंन्धु ना होय मोर यह काला

इस वाक्य में अपहृति अलंकार का प्रयोग किया गया है।

व्यतिरेक अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जहां भी किसी वाक्य में किसी व्यक्ति के अधिक गुण होने के कारण उसका उत्कर्ष उपमेय से निकलता है तब वहां पर व्यतिरेक अलंकार का प्रयोग होता है।  इस अलंकार में उपमेय का होना जरूरी है।

उदाहरण-  जिनके जस प्रताप के आगे
                ससी मिलन रवि शीतल लागे

विशेषोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में कार्यों के होते हुए भी वह पूरे नहीं हो पाते हैं वहां पर विशेषोक्ति अलंकार का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण-  मैं भूखी की भूखी हूं

इस वाक्य में कारण होते हुए भी काम पूरा नहीं हो रहा है इसलिए इसे विशेषोक्ति अलंकार कहा गया है।

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अर्थान्तरन्यास अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

किसी भी वाक्य में जब सामान्य वस्तु या व्यक्ति को किसी बहुत अधिक विशेष वस्तु या व्यक्ति के बराबर माना जाए तो वहां पर अर्थान्तरन्यास अलंकार का प्रयोग होता है।

 उदाहरण-  बड़े न हूजे गुगन बिनु बिरड बडाई पाए
              कहक धतूरे सों कनक गहनो गढे ना जाए

इस वाक्य में अर्थान्तरन्यास अलंकार का प्रयोग किया गया है।

विरोधाभास अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में दो भागों को एक दूसरे का कटाक्ष करने के लिए प्रयोग किया जाता है। वहां विरोधाभास अलंकार का प्रयोग होता है। वाक्य के दो से ज्यादा भाग भी हो सकते हैं।

उदाहरण- आई ऐसी अद्भुत बेला
             ना हो सका ना बिहँस सका

इस वाक्य में 2 भावों का प्रयोग किया जा रहा है। यह भाव एक दूसरे का कटाक्ष कर रहे हैं। इसलिए यह विरोधाभास अलंकार है।

असंगति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी वाक्य में कारण किसी और स्थान पर हो रहा हो और घटना किसी और स्थान पर होती है उसे असंगति अलंकार कहते हैं। हम यह भी कह सकते हैं कि किसी भी वाक्य में जब कारण तथा कार्य होने के अलग-अलग स्थान हो वहां पर असंगति अलंकार का प्रयोग होता है।

उदाहरण- हृदय गांव मेरे पीर रघुवीरै

इस अलंकार में कारण तथा कार्य दोनों अलग-अलग स्थान पर हो रहें है इसलिए यह असंगति अलंकार है।

काव्यलिंग अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब भी किसी काव्य में किसी कारण का समर्थन किया जाता है वहां पर काव्यलिंग अलंकार का प्रयोग होता है। कारण किसी भी तरह का हो सकता है।

उदाहरण- मेरी भव बाधा हरौ राधा नागरी सोय

स्वभावोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण सहित

इस अलंकार में किसी भी व्यक्ति के स्वभाव को दर्शाया गया होता है। जब भी किसी वाक्य में किसी व्यक्ति के रूप, गुण या स्वभाव का वर्णन होता है वहां पर स्वभावोक्ति अलंकार का प्रयोग होता है। यह अलंकार सादगी का रूप है।

उदाहरण- चितवनी भोरे भाय की गोरे मुख मुसकानी।                 

3. उभयालंकार की परिभाषा – Definition of Ubhaya Alankarin Hindi

किसी भी लेख में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों तथा लेख के अर्थ की वजह से आने वाली सुंदरता को उभयालंकार कहा जाता है। उभयालंकार में शब्द तथा लेख का अर्थ दोनों मिलकर वाक्य की सुंदरता को बढ़ाते हैं।

उदाहरण-  कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाया

इस वाक्य में खास शब्दों का प्रयोग किया गया है। इस वजह से वाक्य का अर्थ भी बहुत सुंदर बन रहा है। अतः हम कह सकते हैं कि शब्द तथा अर्थ दोनों मिलकर वाक्य की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं तथा इसे उभयालंकार कहा जाता है।

निष्कर्ष

आशा करते हैं कि आपको Alankar Details In Hindi की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में अलंकार क्या होता है? (What Is Alankar In Hindi) और अलंकार के प्रकार, परिभाषा, भेद एवं उदाहरण को लेकर कोई सवाल हो तो, आप बेझिझक Comment Section में Comment कर पूछ सकते हैं।

अगर यह जानकारी पसंद आया हो तो, जरूर इसे Share कर दीजिए ताकि Alankar Kise Kahte Hai बारे में सबको जानकारी प्राप्त हो।

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