आज हम जानेंगे ऑक्सीजन क्या है (What is Oxygen in Hindi), के बारे में पूरी जानकारी। Oxygen को प्राणवायु भी कहा जाता है। इसे प्राणवायु इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके बिना मनुष्य जिंदा नहीं रह सकता। अगर किसी मनुष्य को 1 से 2 मिनट के अंदर Oxygen ना मिले, तो इसके कारण उसे सांस लेने में दिक्कत पैदा हो सकती है। लंबे समय तक अगर उसे Oxygen नहीं मिलता है, तो उसकी मौत हो जाती है।
सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि हर ऐसी चीजों के लिए ऑक्सीजन काफी महत्वपूर्ण है, जिनमें जान होती है। इसके कई महत्वपूर्ण इस्तेमाल भी हैं। पानी के अंदर Oxygen की अच्छी मात्रा पाई जाती है। अगर आप Oxygen क्या है? Oxygen की खोज कब और किसने की थी, आदि से जुड़ी सारी जानकारी के बारे में विस्तार से जानने के लिए, इस लेख को अंत तक पढ़े।
ऑक्सीजन क्या है? – What is Oxygen in Hindi?
बता दें कि Oxygen एक केमिकल तत्व होता है, जिसका ना तो कोई स्वाद है, ना ही इसका कोई रंग। इसमें किसी भी प्रकार की कोई भी सुगंध या दुर्गंध नहीं होती है। यह एक प्रकार की गैस होती है। हिंदी भाषा में इसे “प्राण वायु” कहा जाता है और इसका केमिकल फार्मूला O2 है। यह हमारी धरती पर तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्व माना जाता है।
यह वनस्पति या पेड़-पौधों, खनिज, चट्टान, पानी, वायुमंडल, जीव-जंतु में उपलब्ध होता है। दुनिया में जितने भी पेड़-पौधे मौजूद है, वह कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेते हैं और बदले में वातावरण में Oxygen गैस छोड़ते हैं। इसके घनत्व के बारे में बात करें तो इसका घनत्व 1.4290 ग्राम/लीटर होता है। जब तक Oxygen की खोज नहीं हुई थी तब तक इंसानों को यह पता ही नहीं था कि कोई भी चीज आखिर जलती क्यों है।
ऑक्सीजन की खोज के पश्चात्, इसके ऊपर काफी रिसर्च की गई। रिसर्च के पश्चात् यह बात लोगों के सामने आई कि जब भी कोई चीज़ जलती है, तो उसके जलने के पीछे महत्वपूर्ण घटक ऑक्सीजन ही होता है। ऑक्सीजन दूसरी चीजों को जलाने में काफी सहायक साबित होता है, परंतु यह खुद नहीं जलता है। आपको हम यह भी बता दें कि एक इंसान 1 मिनट के अंदर, 12 से 20 बार सांस लेता व छोड़ता है।
ऑक्सीजन की खोज कब और किसने की थी? – Who discovered Oxygen and When in Hindi?
कार्ल विल्हेल्म शीले, जोसेफ प्रिस्टले, एंटोनी लेवोज़ियर, यही वह 3 साइंटिस्ट है, जिन्होंने ऑक्सीजन की खोज की थी। इनके द्वारा साल 1772 में ऑक्सीजन की खोज की गई। इंसानों और जीव-जंतुओं को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की बहुत ही ज़्यादा आवश्यकता होती है। एक प्रकार से आप यह समझ ले कि अगर 2 से 5 सेकेंड के अंदर ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो इससे आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। लंबे समय तक अगर आपको ऑक्सीजन नहीं प्राप्त हो पाती है तो आपको सांस फूलने की समस्या हो सकती है, ऐसा होने पर आपकी जान भी जा सकती है।
यही वजह है कि वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक से अधिक हो सके, इसके लिए हर साल गवर्नमेंट लाखों पेड़ लगाने का काम करती है। इसके अलावा लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करती है, क्योंकि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अपने अंदर सोख लेते हैं और बदले में अधिक मात्रा में आक्सीजन प्रदान करते हैं। ऑक्सीजन सभी सजीवों के लिए जिंदा रहने के लिए बहुत ही आवश्यक है।
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प्राकृतिक तथा मेडिकल ऑक्सीजन में क्या अंतर है? – What is the difference between Natural and Medical Oxygen in Hindi?
- प्राकृतिक ऑक्सीजन प्रकृति के द्वारा तैयार की जाती है। इसके लिए मुख्य तौर पर प्रकृति पेड़ पौधों का इस्तेमाल करती है, क्योंकि पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेते हैं और बदले में प्राकृतिक ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इस प्रकार प्राकृतिक ऑक्सीजन हमें प्रकृति से ही प्राप्त होता है।
- बात करें अगर मेडिकल ऑक्सीजन की तो मेडिकल ऑक्सीजन को इंसानों के द्वारा बनाया जाता है, जिसे कृत्रिम ऑक्सीजन भी कहा जाता है। अधिकतर मेडिकल ऑक्सीजन को सिलेंडर में भर कर के रखा जाता है। किसी मरीज को इसे तब लगाया जाता है, जब उसे प्राकृतिक तौर पर सांस लेने में दिक्कत होती है।
मेडिकल ऑक्सीजन को अन्य गैसो से अलग कर दिया जाता है। जिसके लिए एयर सेपरेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है और फिर कंप्रेशन की सहायता से इसे बड़े-बडे टैंकरो, गैस सिलेंडर में भरा जाता है। टैंकर, गैस सिलेंडर में कृत्रिम ऑक्सीजन को भरने के बाद, इसे मेडिकल संस्थानों, औद्योगिक संस्थानों, अस्पतालों में भेज दिया जाता है।
मेडिकल ऑक्सीजन कैसे बनता है? – How is Medical Oxygen made in Hindi?
प्राकृतिक तौर पर Oxygen का निर्माण प्रकृति के द्वारा किया जाता है, परंतु मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण इंसानों के द्वारा किया जाता है। जिसकी प्रक्रिया नीचे बताई गई है।
- मेडिकल ऑक्सीजन को तैयार करने के लिए सबसे पहले अधिक-से-अधिक हवा को इकट्ठा किया जाता है। हवा इकट्ठा हो जाने के बाद, उसको फिल्टर किया जाता हैं। जिसके लिए प्रीफिल्टर, कार्बन फिल्टर और हेपा फिल्टर का इस्तेमाल होता है।
- फ़िल्टर होकर मिली हुई गैस को प्रेशर देकर के कम्प्रेस किया जाता है।
- कम्प्रेस हो चुकी हवा को छानने के लिए मॉलिक्यूलर छलनी का यूज़ होता है। ऐसा करने पर कार्बन, नाइट्रोजन और दूसरी गैसें निकल जाती है।
- कार्बन, नाइट्रोजन और दूसरी गैसें के निकल जाने के बाद जो हवा बची हुई होती है, उसे डिस्टलेशन प्रक्रिया से गुजारा जाता है। ऐसा करने पर हवा ठंडी हो जाती है।
- बची हुई हवा को 150 डिग्री सेल्सियस पर उबाला जाता हैं। ऐसा करने पर बची हुई दूसरी गैसें और नाइट्रोजन भी उसमें से अलग हो जाती है।
- इतनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ऑक्सीजन, लिक्विड तथा गैस के रूप में दो तरह से मिलती है।
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ऑक्सीजन का उपयोग क्या है? – What is the use of Oxygen in Hindi?
- जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि इसका मुख्य तौर पर इस्तेमाल जीवित प्राणी सांस लेने के लिए करते हैं।
- मरीज को यदि किसी भी स्थिति में सांस लेने में दिक्कत होती है, तो उसे Oxygen सिलेंडर लगाया जाता है। जिससे उसे कृत्रिम ऑक्सीजन मिलती है और सांस लेने में आराम मिलता है।
- Oxygen अपने आप कभी नहीं जलती है, परंतु किसी अन्य चीज को जलाने में यह बहुत ही सहायक साबित होती है।
- बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज में दो धातुओं को आपस में जोड़ने के लिए Oxygen का इस्तेमाल किया जाता है।
- इसका इस्तेमाल बड़े पहाड़, ग्लेशियर पर चढ़ने के दरमियान, समुद्र के अंदर तथा अंतरिक्ष में जाने के दरमियान किया जाता है।
- इसे कुछ अन्य गैसो के साथ मिलाकर के जलाया जाता है, जिसका टेंपरेचर बहुत ही अधिक होता है। जिसका इस्तेमाल करके लोहे के टूटे हुए भाग को जोड़ा या फिर मोटे लोहे को काटा जा सकता है।
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जीवन में ऑक्सीजन का क्या महत्व है? – What is the importance of Oxygen in life in Hindi?
इंसानों तथा प्राणियों सभी को जीवित रहने के लिए Oxygen की आवश्यकता होती है। एक प्रकार से आप यह भी समझ सकते हैं कि ऐसी हर चीज को जिंदा रहने के लिए Oxygen की जरूरत है, जिसमें प्राण है। हमारी शरीर में कोशिकाएं होती हैं, उन्हें भी ताकत पैदा करने के लिए Oxygen की जरूरत पड़ती है। वर्तमान के समय में कृत्रिम ऑक्सीजन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
जो सामान्य तौर पर ऐसी अवस्था में यूज किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। Oxygen का इस्तेमाल अन्य गैसो के साथ मिलाकर के वेल्डिंग करने में भी किया जाता है, साथ ही इसके कारण ही पदार्थ जलना चालू होते हैं। इसके अलावा चीजों में जंग लगने की प्रक्रिया भी Oxygen के बिना संभव नहीं हो पाती है। ऐसे प्राणी जो Oxygen लेते हैं, वह बदले में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं।
यहीं कार्बन डाइऑक्साइड पेड़-पौधों के द्वारा सोख कर दोबारा Oxygen छोड़ दी जाती है। यदि देखा जाए तो हम पेड़ पौधों पर ही जीवित है, अगर वह नहीं होंगे तो हमारा जीवित रहना असंभव है। अंत में सभी से यहीं कहना चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए और पृथ्वी को नष्ट होने बचाए। हमारा एक कदम आगे आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन दान होगा। यदि पेड़ पौधे नहीं तो हम नहीं।
निष्कर्ष
आशा है आपको ऑक्सीजन क्या है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में ऑक्सीजन क्या है (What is Oxygen in Hindi) को लेकर आपका कोई सवाल है, तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को ऑक्सीजन के बारे में जानकारी मिल सके।