आज हम जानेंगे ऐप डेवलपर कैसे बने पूरी जानकारी (App Developer in Hindi) के बारे में क्योंकि स्मार्टफोन के बढ़ते हुए इस्तेमाल के कारण अब कंपनियां विशेष तौर पर एप डेवलपिंग पर ध्यान दे रही है क्योंकि जब कोई भी व्यक्ति स्मार्टफोन खरीदता है, तो सबसे पहले वह कुछ आवश्यक एप्लीकेशन अपने स्मार्टफोन में अवश्य इंस्टॉल करता है और इसी बात को देखते हुए कंपनी के साथ ही साथ इंडिविजुअल लोग भी अपना खुद का एप्लीकेशन बना रहे हैं और उसे प्ले स्टोर पर, एप्पल एप स्टोर पर और दूसरे ऐप स्टोर पर लांच कर रहे हैं।
जिस प्रकार एप्लीकेशन की डिमांड बढ़ रही है उसी प्रकार एप्लीकेशन बनाने वाले व्यक्ति की भी डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में एप डेवलपर बनना एक फायदे का सौदा साबित हो सकता है। आज के इस लेख में जानेंगे कि App Developer Kya Hota Hai, एप डेवलपर बनने के लिए क्या करे, App Developer Kaise Bane, एप डेवलपर बनने का तरीका, App Developer meaning in Hindi, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
एप डेवलपर क्या है? – What is App Developer in Hindi
बता दें कि एप्लीकेशन की डिमांड तो भारी मात्रा में है परंतु एप्लीकेशन बनाने वाले व्यक्ति की कम संख्या होने के कारण कोई भी कंपनी आसानी से किसी भी ऐसे व्यक्ति को नौकरी दे देती है जो एप्लीकेशन बनाना जानता है। इसलिए अभी इस फील्ड में कंपटीशन काफी कम है।
इस प्रकार अगर आप अभी पढ़ाई कर रहे हैं तो आप App Developer बनने के बारे में सोच सकते हैं क्योंकि कंपटीशन कम होने के कारण आपको यहां पर स्टार्टिंग में ही अच्छी सैलरी मिल जाएगी क्योंकि कंपनियों में एप डेवलपर व्यक्ति की भारी डिमांड है।
एप डेवलपर किसे कहते हैं?
अगर आप अपने स्मार्टफोन से इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो यह जाहिर सी बात है कि आप किसी ना किसी एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके ही इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं। यह जो एप्लीकेशन होती है इन्हें बनाने में विशेष प्रकार की कोडिंग लैंग्वेज और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है और जो व्यक्ति इन कोडिंग लैंग्वेज और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके एप्लीकेशन को क्रिएट करता है उसे एप डेवलपर कहकर बुलाया जाता है।
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एप डेवलपर व्यक्ति डिफरेंट टाइप की एप्लीकेशन को बना सकता है। App Developer भी दो प्रकार के होते हैं पहला बेसिक और दूसरा एडवांस एप्लीकेशन एप डेवलपर। Basic App Developer स्टार्टिंग में नार्मल एप्लीकेशन बनाते है, वही Advance App Developer स्पेशल एप्लीकेशन बनाते हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो एक App Developer लोगों की डिमांड के हिसाब से एप्लीकेशन बनाता है। इसके साथ ही वह किसी व्यक्ति या फिर कंपनी के कहने पर स्पेशल एप्लीकेशन का भी निर्माण करता है। एप डेवलपर बनने के लिए एप डेवलपिंग से संबंधित कोर्स करना पड़ता है।इसके अलावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और कोडिंग की भी अच्छी जानकारी रखनी पड़ती है।
ऐप डेवलपर कैसे बने? – How to Become App Developer in Hindi
एक एंड्राइड एप्लीकेशन डेवलपर बनने के लिए जो सबसे मुख्य बात है वह यह है कि आपके सोचने समझने की क्षमता अच्छी होनी चाहिए, क्योंकि यह बात तो आपने कई जगह पर पढी होगी कि एंड्राइड एप्लीकेशन बनाने के लिए कुछ कोडिंग लैंग्वेज सीखना पड़ता है क्योंकि कोडिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके ही एंड्राइड एप्लीकेशन बनाई जाती है। नीचे आपको स्टेप बाय स्टेप एंड्रॉयड एप डेवलपर कैसे बना जाता है? इसकी प्रक्रिया के बारे में बताया जा रहा है।
1. एसडीके और android-studio
एंड्राइड एप्लीकेशन बनाने के लिए सबसे पहले कोड लिखना पड़ता है और कोड लिखने के लिए अधिकतर एसडीके और android-studio का ही यूज किया जाता है। कोडिंग एक ऐसी चीज होती है जिसका इस्तेमाल करके एक ऐप बनाने वाला व्यक्ति उस एप्लीकेशन में अपने हिसाब से डिजाइन दे सकता है जिस एप्लीकेशन का वह निर्माण कर रहा है।
इसके साथ ही यह भी बता दें कि जब व्यक्ति एप्लीकेशन बनाकर के रेडी कर लेता है तब उसे गूगल प्ले स्टोर में या फिर एप्पल एप्लीकेशन स्टोर में लॉन्च करने के लिए भी एसडीके और android-studio की हेल्प लेनी पड़ती है।
2. जावा
सिर्फ एंड्राइड एप्लीकेशन बनाने में ही नहीं जावा जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल अन्य कई कामों को करने के लिए भी किया जाता है। जब आप जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखते हैं, तब आपको जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के अंदर स्ट्रिंग एंड कंट्रोल सिस्टम तथा वेरिएबल के बारे में सिखाया जाता है और इसका प्रैक्टिकल भी करवाया जाता है। जावा की लर्निंग कर लेने के बाद वेब डेवलपमेंट और एंड्राइड डेवलपमेंट जैसी चीजों में इसका भली-भांति इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
3. एसक्यूएल
यह एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल करके यूजर के महत्वपूर्ण डाटा को एंड्रॉयड डिवाइस में स्टोर करके रखा जाता है और जब कभी व्यक्ति को अपने महत्वपूर्ण डाटा को एक्सेस करने की आवश्यकता पड़ती है तो वह उसे आसानी से एक्सेस कर सकता है।
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एसक्यूएल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जो अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के साथ एंड्रॉयड एप्लीकेशन बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। आप स्टार्टिंग में एसक्यूएल की बेसिक जानकारी ले सकते हैं और उसके बाद आप धीरे-धीरे इसकी एडवांस जानकारी ले सकते हैं।
4. एक्सएमएल
वैसे तो यूजर इंटरफेस को डिजाइन करने के लिए android-studio का भारी पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है परंतु इसके अलावा भी एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल यूजर इंटरफेस को बनाने के लिए अथवा उसका मोडिफिकेशन करने के लिए किया जाता है, उस चीज का नाम है एक्सएमएल।
यह एक ऐसी चीज है जो यूजर इंटरफेस को बनाने का काम काफी हद तक सरल कर देती है। स्टार्टिंग में जब आप एंडॉयड एप्लीकेशन बनाते हैं तो ऐसी अवस्था में एक्सएमएल की बेसिक जानकारी होना ही काफी होता है। एक्स एमएल के बारे में जानने के लिए अथवा XML के बारे में सीखने के लिए आप ऑनलाइन ट्राई कर सकते हैं।
एंड्रॉयड एप डेवलपर क्या है? – What is Android App Developer?
एंड्रॉयड एप डेवलपर वह व्यक्ति होता हैं, जो स्पेशल तौर पर एंड्रॉयड एप्लीकेशन बनाने का काम करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि, दुनिया में अधिकतर लोग एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के ऊपर आधारित स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए अधिकतर व्यक्ति एंड्रॉयड एप डेवलपर बनने की इच्छा रखते हैं क्योंकि बड़ी मार्केट होने के कारण यहां पर सफलता पाने के चांस ज्यादा होते हैं।
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इसके साथ ही साथ कंपनियां भी विशेष तौर पर एंड्रॉयड स्मार्टफोन चलाने वाले लोगों के लिए एंड्राइड एप्लीकेशन लॉन्च करती है और इसके लिए वह एंड्रॉयड एप्लीकेशन बनाने वाले व्यक्ति को हायर करती है। android app developer कोडिंग और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके एंड्रॉयड एप्लीकेशन बनाता है।
एंड्रॉयड एप बनाने वाला व्यक्ति कंपनी के लिए भी काम कर सकता है या फिर वह इंडिविजुअल भी वर्क कर सकता है। गूगल प्ले स्टोर, एंड्राइड एप्लीकेशन को डाउनलोड करने का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है। इसलिए एंड्रॉयड एप डेवलपर एंड्राइड एप्लीकेशन बनाने के बाद उससे सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर पर ही लांच करता है।
आईओएस ऐप डेवलपर क्या है? – What is iOS App Developer?
दुनिया में दो प्रकार के एप्लीकेशन स्टोर बहुत ज्यादा फेमस है जिसमें पहला है गूगल प्ले स्टोर और दूसरा है एप्पल एप्लीकेशन स्टोर। यह जो एप्पल एप्लीकेशन स्टोर होता है, यह स्पेशल तौर पर उन लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जो एप्पल कंपनी के स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं। अगर आपके पास एंड्रॉयड डिवाइस है तो आप एप्पल एप्लीकेशन स्टोर से किसी भी एप्लीकेशन को डाउनलोड नहीं कर सकते।
क्योंकि आपका एंड्रॉयड डिवाइस एप्पल एप्लीकेशन पर पब्लिश की गई एप्लीकेशन को सपोर्ट ही नहीं करेगा। यहां से सिर्फ वही व्यक्ति एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकता है जिसके पास एप्पल कंपनी के स्मार्टफोन होते हैं।एक android app developer और ios app developer में ज्यादा अंतर नहीं होता है। बस आईओएस एप डेवलपर विंडोज वर्जन पर आधारित एप्लीकेशन बनाता है, तो वही एंड्रॉयड एप डेवलपर एंड्राइड वर्जन पर आधारित एप क्रिएट करता है।
सबसे अच्छा ऐप डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर – Best App Development Software
यहां आपके लिए कुछ बेस्ट एप डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर के नाम प्रेजेंट किए जा रहे हैं।
- Appy Pie
- Xamarin
- Ionic
- WaveMaker
- Caspio
- GeneXus
- Zoho Creator
- AppSheet
- Jira
- Bizness Apps, Inc.
- IntelliJ IDEA
- Unity
- Xcode
- Appcelerator Titanium
- OutSystems
- Android Studio
- Appian
- Microsoft Visual Studio
- Apache Cordova
- Odoo
- Firebase
- AppCode
ऐप डेवलपर की सैलरी – Salary of App Developer
अगर आप ने हाल ही में एप डेवलपमेंट करना सीखा है तो स्टार्टिंग में आप की गिनती Fresher के तौर पर होगी। यानी कि आप एक अनुभवहीन ऐप बनाने वाले व्यक्ति होंगे। इसलिए किसी भी कंपनी में आपकी जॉब लगती है तो शुरुआत में कंपनी के द्वारा आपको ₹10000 से लेकर के ₹15000 तक की सैलरी ऑफर की जा सकती है।
हालांकि यह आवश्यक नहीं है कि आपको इतनी ही सैलरी मिलेगी। बड़ी कंपनी में यह सैलरी महीने में स्टार्टिंग में ही ₹12000 से लेकर के ₹18000 के आसपास तक हो सकती है। इसके अलावा काम करते-करते जब आप एप डेवलपमेंट का अच्छा एक्सपीरियंस हासिल कर लेते है, तो आपकी कंपनी के द्वारा आपकी पगार को बढ़ाया जाता है।
इस प्रकार आप एप डेवलपमेंट का कोर्स करके एप डेवलपर बन करके महीने में 60 से 70 हजार तक की सैलरी पाने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि इतनी सैलरी तक पहुंचने के लिए आपको 10 से 12 साल लग सकते हैं।
अधिक पैसे कमाने के लिए आप खुद की एप्लीकेशन बना सकते हैं और उसे गूगल प्ले स्टोर या फिर एप्पल एप्लीकेशन स्टोर में लॉन्च कर सकते हैं और उस पर एडमॉब के जरिए विज्ञापन लगा कर के पैसे कमा सकते हैं या फिर आप लोगों की डिमांड के हिसाब से उन्हें एप्लीकेशन बना करके दे सकते हैं और उसके बदले में अच्छी इनकम जनरेट कर सकते हैं।
एप डेवलपमेंट सीखने के बाद नौकरी कहां मिलेगी?
- इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी
- इकोनामिक इंस्टीट्यूट
- टेलीकॉम कंपनी
- ई-कॉमर्स कंपनी
- प्राइवेट फील्ड की कंपनी
- एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट
- गवर्नमेंट कंपनी और गवर्नमेंट मिनिस्ट्री
- आप खुद की एप डेवलपमेंट एजेंसी भी खोल सकते हैं।
एप डेवलपमेंट में कौन सी लैंग्वेज सिखाई जाती है?
- जावा
- कोटलिन
- एचटीएमएल
- एक्सएमएल
- सी
- सी++
- पीएचपी
- ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग
- सीएसएस
- यूजर-इंटरफेरेंस स्टाइल
- गेम/सिमुलेशन प्रोग्रामिंग
- मोबाइल एप पोर्टफोलियो असेंबली
ऐप डेवलपर के रूप में करियर और अवसर – Career & Opportunities as App Developer
एप डेवलपर बन जाने के बाद आप विभिन्न प्रकार की प्राइवेट और गवर्नमेंट कंपनी में नौकरी पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा आप प्राइवेट एजेंसी में भी जॉब पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
अगर आप नौकरी नहीं करना चाहते हैं तो आप अपनी खुद की एप डेवलपमेंट एजेंसी खोल सकते हैं और क्लाइंट की डिमांड के हिसाब से उन्हें एप्लीकेशन क्रिएट करके दे सकते हैं और इसके बदले में उनसे अच्छा खासा कमीशन प्राप्त कर सकते हैं।
आपको घर बैठे भी ऐप डेवलपिंग से पैसे कमाने का मौका मिलता है। इसके लिए आपको लोगों के लिए उपयोगी एप्लीकेशन बना करके उसे गूगल प्ले स्टोर या फिर एप्पल एप्लीकेशन स्टोर में लॉन्च करना होता है।
इसके साथ ही आपको अपनी उस एप्लीकेशन में एडमॉब के विज्ञापन भी लगाने होते हैं। इस प्रकार एडमॉब से आपकी कमाई होती है। इंडिया के अलावा आप विदेशों में भी ऐप डेवलपिंग से संबंधित काम प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि विदेशों में भी एप डेवलपर की भारी मात्रा में डिमांड है।
ऐप डेवलपर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
टॉप एप डेवलपिंग कोर्स कौन से हैं?
डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग, बैचलर ऑफ साइंस इन मोबाइल डेवलपमेंट, बी.टेक इन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, बी.टेक इन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, एम.टेक इन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट।
एप डेवलपर बनने के लिए शैक्षिक योग्यता क्या है?
मैथमेटिक्स, फिजिक्स और कंप्यूटर के सब्जेक्ट के साथ 12वीं पास होना आवश्यक है। आप दसवीं पास करने के बाद डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।
एप डेवलपर बनने के लिए स्किल्स क्या है?
क्रिएटिविटी होना, कोडिंग आना, टेस्टिंग करना, एप की कमी को दूर करना, एप्लीकेशन को अपडेट करना, एप्लीकेशन का टाइम टू टाइम मॉडिफिकेशन करना।
एंड्राइड एप्लीकेशन बनाने में कौन सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल होता है?
C++, C#, Java, Python, Java Script, CSS, HTML, Kotlin
आईओएस एप्लीकेशन बनाने में कौन सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल होता है?
Swift, HTML5, CSS3, Appcode, Testflight, Python, Flutter, Objective C, Xcode
निष्कर्ष
आशा है आपको App Developer in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में App Developer Kaise Bane (How to Become App Developer in Hindi) और ऐप डेवलपर कैसे बने? को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को App Developer Kaise Bane के बारे में जानकारी मिल सके।