आज हम जानेंगे संन्यासी (Sanyasi) कैसे बने पूरी जानकारी (How To Become Sanyasi In Hindi) के बारे में क्योंकि हर किसी के जीवन में समस्याएं होती है। इन सब से मुक्त होने के लिए लोग संन्यास धारण कर लेते हैं। संन्यासी बनना इतना आसान नहीं है, इसके लिए कड़ी मेहनत तथा मानसिक रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक होता है। क्योंकि यदि आपके दिमाग में लालच, रिश्ता, देश-दुनिया आदि की भावनाएं घूमते रहेगी तो आप कभी भी संन्यास धारण नहीं कर सकते हैं। इसके लिए कई प्रकार के कार्य होते हैं, जिन्हें लोग दीक्षा या अन्य नाम से भी जानते हैं। कुछ लोग संन्यासी बनने के लिए हिमालय पर्वत में भी चले जाते हैं।
वहां पर पहाड़ों में बैठकर भगवान का जाप करते हैं। जिसे उन्हें अंतर आत्मा की शांति मिलती है। वह शांति उन्हें मदहोश, शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है। उन लोगों को धरती में ही स्वर्ग का अनुभव होता है। वह लोग सांसारिक सुख दुख से मुक्त होते हैं। ऐसी शांति मिलती है, जिसे पाने के लिए हर कोई तरसता है। आज के इस लेख में जानेंगे कि Sanyasi Kaise Bane, संन्यासी बनने के लिए क्या करे, Sanyasi Meaning In Hindi, Sanyasi Kya Hota Hai, संन्यासी बनने का तरीका, Sanyasi Kaise Bante Hain, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
संन्यास क्या है? – What is Sanyas Information in Hindi?
संन्यास को शास्त्रों में सर्वोच्च स्थान मिला है, जो व्यक्ति संन्यास पा लेता है। उसे किसी भी चीज का मोह नहीं रहता है। सांसारिक सुख दुख, बंधनों से मुक्त करने वाला निस्वार्थ भाव से संन्यास है। यदि हम इसे सरल भाषा में कहें तो ऐसे गुण जो मनुष्य के अंदर उत्पन्न हो जाते हैं, जिन्हें संसार से कोई भी मतलब नहीं होता है, उन्हें लाभ तथा हानि से कोई मतलब नहीं होता है। उन्हें किसी भी तरह का क्रोध नहीं आता है, ऐसे गुणों को संन्यास कहते हैं।
संन्यास अपने आप में एक सार्वभौमिक सत्य है क्योंकि इससे हर प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। यदि किसी को शादी की टेंशन या धन की टेंशन है तो वह इन सब सुख तथा दुख से मुक्त होता है। संन्यास इंसान को एक एकांत और शांत व्यक्ति बना देता है, जो हृदय से बहुत ही पवित्र तथा सुंदर होता है। संन्यास धारण करना एक मोक्ष की प्राप्ति की तरह होता है। इसके अनुसरण से जीवन भक्ति भाव में लीन हो जाता है। उन्हें भौतिक आवश्यकताओं की जरूरत नहीं होती है, वह केवल अपने मन की अंतरात्मा के भाव में लीन होते हैं।
संन्यासी किसे कहते हैं – Who are the Sanyasi in Hindi?
ऐसे व्यक्ति जो जीवन में किसी प्रकार की इच्छा तथा मोह माया नहीं रखता है। उन्हें यह जीवन नश्वर लगता है, ऐसे व्यक्ति को संन्यासी कहते हैं। यदि हम इसे सरल भाषा में कहें तो ऐसे लोग जो मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं तथा साधु-संतों की भांति रहना पसंद करते हैं, जिन्हें ऐसे लोगों को संन्यासी कहते हैं। संन्यासी का जीवन आसान नहीं होता है। उसे हर कदम पर कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन लोगों के पास आम लोगों की तरह खाने के लिए भोजन नहीं होता है। वह अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं तथा ज्यादातर संन्यास जंगलों पर निर्भर रहते हैं और वहीं पर रहना पसंद करते हैं।
जो भी खाने से संबंधित चीजें होती है उन्हें जंगलों से ही प्राप्त होती है। उनका पहनावा भी बड़ा साधारण सा होता है, कुछ लोग सफेद कपड़े पहनते हैं तथा कुछ लोग गहरा केसरिया रंग पहनना पसंद करते हैं। इन रंगों के माध्यम से उन सन्यासियों की पहचान की जाती है कि वह किस धर्म का है। यदि किसी संन्यासी ने सफेद वस्त्र धारण किए है, तो ऐसा माना जाता है कि वह जैन धर्म का है। यदि किसी संन्यास ने गहरा केसरिया या लाल रंग के वस्त्र धारण किया है तो वह हिंदू या बौद्ध धर्म का होगा।
संन्यासी में क्या–क्या गुण होना चाहिए? – What Qualities Should a Sanyasi have?
- एक अच्छे संन्यासी मोह माया तथा बंधनों से मुक्त होते हैं।
- उनमें क्षमा करने की शक्ति होती है।
- वह सदाचार का पालन करते हैं।
- उनका स्वभाव तथा आचरण बड़ा ही निर्मल और शांत होता है।
- वह कभी झूठ नहीं बोलते हैं वह हमेशा सत्य वचनों का ही पालन करते हैं।
- उनमें क्रोध नहीं होता है।
- वह बड़े विनम्र होते हैं।
- एक सच्चा संन्यासी नियमित रूप से ध्यान करता है।
- उनमें लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का गुण होता है।
- लोगों के प्रति समान रूप से प्रेम भावना होती है।
- उनके अंदर दया भावना होती है।
- उनमें किसी भी प्रकार का लालच नहीं पाया जाता है।
- उनमें मदद करने का गुण पाया जाता है।
संन्यासी कैसे बने? – How to Become a Sanyasi Information in Hindi?
आदिकाल से भारत में जीवन को चार भागों में बांटा गया है, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास यह चारों मानव जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं। ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता है। वैसे ही संन्यास का भी पालन करना अनिवार्य होता है। संन्यासी बनने के लिए सबसे पहले उन्हें बिना भेदभाव तथा समान भावना वाले मानसिक गुणों की वृद्धि की आवश्यकता होती है।
अलग-अलग धर्मों के अनुसार लोग संन्यासी बनते हैं। यदि कोई हिंदू धर्म का व्यक्ति है तो उसी अनुसार उसको दिक्षा दी जाएंगी। यदि कोई जैन धर्म या बौद्ध धर्म का है तो उसे धर्म के अनुसार दिक्षा दी जाती है। संन्यासी बनने के लिए मनुष्य के अंदर एकाग्रता तथा भय मुक्त होना चाहिए। जिससे उनके दिमाग में गलत धारणाएं ना बन जाए। मनुष्य को नियमित रूप से अपनी विभिन्न इच्छाओं को निरंतर त्यागना पड़ता है। उन्हें केवल आध्यात्म और शांति की ओर रुझान करना पड़ता है। जैसे उन्हें सत्य का ज्ञान होता है। सन्यासी का जीवन एक कठिन परिश्रम है। वह अपने कार्यों को स्वयं ही करता है, वह किसी पर निर्भर नहीं रहता है।
संन्यासी कितने प्रकार के होते हैं? – Types of Sanyasi
पारलौकिक दृष्टि से संन्यासी तीन प्रकार के होते हैं:-
- ज्ञान संन्यास
- वेद संन्यास
- कर्म संन्यास
अलौकिक दृष्टि से संन्यास दो प्रकार के होते हैं:-
- शैव पंथी संन्यास
- वैष्णव पंथी संन्यास
मनुष्य जीवन के प्रमुख आश्रम – Major Ashrams of Human Life
प्राचीन काल से ही मनुष्य के जीवन चक्र को चार भागों में बांटा गया है, ताकि मनुष्य प्रत्येक आश्रम के अनुसार अपने कार्यों तथा दायित्व को समझ सके और उसी के अनुसार उनका अनुसरण कर सकें, यह चार आश्रम निम्नलिखित है:-
ब्रह्मचर्य:- यह आश्रम मनुष्य के प्रारंभिक 25 साल के होते हैं। इसके अंतर्गत मनुष्य मन से अपने जीवन में सांसारिक तथा भौतिक ज्ञान अर्जित करता है। उसे अपने जीवन जीने की शैली के बारे में पता चलता है।
गृहस्थ:- यह मनुष्य जीवन का महत्वपूर्ण आश्रम है, यह 25 से 50 वर्ष तक मनुष्य इसके तहत बनाए गए नियमों का पालन करता है। इसके दौरान विवाह, पति पत्नी, बच्चे आदि का सुख प्राप्त करता है। वह अपने बनाए गए रिश्तो के बारे में जानता है और उन्हें निभाने का वचन देता है।
वानप्रस्थ:- इसमें मनुष्य 50 से 75 वर्ष तक की आयु में इस आश्रम के तहत बनाए गए, नियमों का पालन करता है। इसमें अपने समस्त गृहस्थ नियमों का त्याग करता है और सेवा, दान, ध्यान आदि के बारे में उसका रुझान बढ़ने लगता है।
संन्यास :- इसके अंतर्गत मनुष्य की आयु का निर्धारण नहीं किया गया है। इसे कोई भी व्यक्ति किसी भी आयु में ग्रहण कर सकता है। ऐसे हमारे सामने कई उदाहरण हैं जिन्होंने कम उम्र में ही संन्यास धारण कर लिया है। जिनमें से प्रमुख बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध है।
उन्होंने अपने कम उम्र में हैं, संन्यास धारण कर लिया था। इसके अंतर्गत सेवा, विद्यादान, ध्यान, धर्म आदि कार्यों में अपना कर्म समझते हैंऔर मन, शरीर, सुखों से मोक्ष पाते हैं। संन्यास धारण करने से मनुष्य को शांति तथा आत्म ज्ञान प्राप्त होता है। इसमें मनुष्य अपने आप को बहुत ही निर्मल तथा कर्मशील मानता है कि उसने संयास धारण करके मोक्ष की प्राप्ति के लिए एक रास्ता बना लिया है।
ऐसा महसूस होता है कि यह पूरी दुनिया नश्वर है, केवल सत्य ही इस जीवन का वास्तविक अंग है और उसे पाने के लिए संन्यासी निरंतर साधना में लीन रहता है। वह अपने मन और मस्तिष्क को केंद्रित करने लगता है। इसके तहत उसके शरीर की समस्त इंद्रियों को शांत करने में लगा रहता है और अपनी इंद्रियों को कैसे काबू में किया जाए, इसके बारे में चिंतन और मनन करते रहता है।
सन्यासी बनने के लिए क्या करना चाहिए? – What should I do to Become a Sanyasi?
संन्यासी बनने के लिए अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग प्रक्रिया होती है। यदि आप ही संन्यासी बनना चाहते हैं और आप नीचे दिए गए धर्मों के अनुसार है तो उनकी प्रक्रिया का पालन करके आप सन्यासी बन सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:-
1. जैन धर्म के संन्यासी
जैन धर्म में संन्यासी बनने के लिए दीक्षा प्राप्त करनी पड़ती है। उन्हें दिगंबर दीक्षा दी जाती है। इसके तहत संन्यासी को धर्म के ध्वज के नीचे यह दीक्षा दी जाती है। इसके बाद उन्हें धर्म के सबसे बड़े गुरु के आशीर्वाद के लिए भेजा जाता है। जो उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, उन्हें सफेद वस्त्र धारण करना पड़ता है। कुछ संन्यासी नग्न भी रहते हैं। इन्हें दो भागों में बांटा गया है दिगंबर और श्वेतांबर। परंतु मंजिल एक ही है। यह संन्यासी पलंग में नहीं सोते सकते हैं, यह जमीन में सोते हैं।
2. हिंदू धर्म के सन्यासी
हिंदू धर्म में अलग-अलग तरह के संन्यासी होते हैं तथा हिंदू धर्म के विभिन्न देवताओं के अनुसार इन्हें बांटा गया है। कुछ संन्यासी लंगोटी तथा भभूत लगाकर अपने संन्यास को पूरा करते हैं और दीक्षा प्राप्त करते हैं, परंतु कुछ संन्यासी ऐसे होते हैं जो केसरिया रंग के कपड़े पहनते हैं और अपनी दीक्षा प्राप्त करते हैं। यह लोग भी जमीन में ही सोते हैं और सारे कार्य स्वयं ही करते हैं।
3. बौद्ध धर्म के संन्यासी
बौद्ध धर्म के सन्यासियों को मोंक कहते हैं। इस धर्म के लोग संन्यास धारण करने से पहले अपने सारे बाल त्याग देते हैं तथा भगवान बुद्ध के अनुसरण का पालन करते हैं। उन्हीं की तरह जंगल में या फिर गांव में कुटिया बनाकर रहते हैं। इनका कोई भी मंदिर नहीं होता है। यह केवल अपने ध्यान में लीन होते हैं। यह लोग भी जमीन में ही सोते हैं तथा साधारण जीवन यापन करते हैं।
सन्यासी का परम कर्तव्य क्या है? – What is the Duty of a Sanyasi?
- संन्यासी का परम कर्तव्य यह है कि उन्हें सब कुछ दान कर देना चाहिए।
- उनके पास कोई भी मोह माया तथा धन नहीं होना चाहिए।
- उनके पास क्रोध, हिंसा, लालच आदि अवगुण नहीं होना चाहिए।
- उनका परम कर्तव्य केवल अध्यात्म, क्षमादान तथा आत्मज्ञान प्राप्त करना है।
- उनका यह भी कर्तव्य है कि वह भगवान के प्रति अपनी गहरी आस्था जताते हो परंतु अपने संन्यास का गलत फायदा ना उठाते हो।
- संन्यासी अपने विचार, मनन शक्ति, सत्य आचार विचार का पालन करते हो।
- उनमें एक निर्मलता तथा भावनात्मक ज्ञान मार्ग ही सच्चे संन्यासी का परम कर्तव्य है।
सन्यास क्यों लेना चाहिए? – Why Should You Sanyas?
संन्यास लेने से लोगों के दुख कम हो जाते हैं। ऐसा मानना है कि संन्यास से शांति की प्राप्ति होती है। लोगों को किसी भी चीज की लालसा नहीं होती है। उनमें केवल आत्मा के प्रति सद्भावना होती हैं। वह अपने ध्यान में लीन रहते हैं। जिससे उन्हें आत्मज्ञान और आत्म शांति प्राप्त होती है जोकि सांसारिक जीवन में असंभव है।
निष्कर्ष
आशा करते हैं कि आपको Sanyasi Details In Hindi की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में Sanyasi Kaise Bane (How To Become Sanyasi In Hindi) और संन्यासी कैसे बने? को लेकर कोई सवाल हो तो, आप बेझिझक Comment Section में Comment कर पूछ सकते हैं।
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Mujhe bhi Sanyasi Banna hai mujhe Shanti chayie mujhe apne Parivar se dur Jana hai kyo ki mere ghar me kabhi Shanti nahi Hoti please meri help karo Sanyasi banne me mujhe nahi pata kya karna hai Sanyasi banne ke liye aur kha Jana padta please meri madat karo Varna me to kudko hi khatam kar dungi mujhe jeena hi nahi bus life se mood hat Gaya hai please help me
How are you now
Aapko shanti avshya milegi
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Mujhe sanyas lena hai es jiwn se ub gya hu kuch bhi acha nhi lgta help me MO6361694563
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Mera name amar singh hai main sanyas lena chahta hun please help me
Jha ji namskar apka contact number ke 3 dijit nahi dikh rahe kripya karke kya aap apna contact number comment kar denge please
Sir mer ko lena h plz help me
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Same condition mujhe bhi Sanyas chahiye
Same condition muje bhi margdarshan de plz
Ji aapko khud par dyaan dena hoga aur karm karte rahna ka…. Aapko samjhne ki zarurat Hain yeh bhut acha hain ki aap aapne parivar mein mil jul kar rahna chahiye jis chiz se dekh a Raha hain usse dur ho jaye aapko Bhagwat Geeta padhne chahiya I hope aapke sare questions ka answer mil jayega…
Mujhe sanyas Lena hai, Maine n saaadi ki hai aur n mujhe Ghar SE koi mtlb hai but dhang ka koi ashram mil jaye to chala jau.
Agar koi sathi mil jaye to Himalaya y paharo me jakr sadhna kru waise sadhna ke liye akele bhi jaa skta hu but idea nhi hai, sir aap dhang ka koi ashram batane ki kripa kare taki is moh, Maya SE chutkara paa SKU.
मेरे खयाल से Sivananda Ashram है।
Mera naam minki hai mai aapne family se bahut paresan hu plz koi mera help kare kaon sa ashram stri ke thik rhega plz bata digiye
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Shivanand mumbai
Aap mujse miliye
Mujhe v sanyasi lena h plz help me
Me jate raheta hu
Aap bhi chaliye
Mujhe bhi le chliye plss🙏🙏
Mujhe bhi le chaliye ap k sth plz
Pls batao maine bhi laina
I am ready
Myself Rahul Giri from Odisha me 18 years ka hoon aur meri 12th ki padhai chll rhi he main vhi apna shuk Dukh tyag karke iss life me kuch Insaniyat aur लोकमंगल कार्य कारण चाहता हूं में भी एक संन्यासी बना चाहता हूं में भी आप सभी से अनुरोध करना चाहता हूं की क्या hm सभी भाई बहन वृंदावन चलेंगे
Bhai aapke questions ka answer Bhagwat Geeta pustak mein hain…
Mera naam Vivek Kumar Shukla hai hai aur main apni jindagi se tang gaya hun aur main Sanyasi Banna chahta hun aap ab Prabhu ke charanon mein jivan yapan karna hai kripya meri madad Karen
Main apni life se bhot pareshan hu mujhe ab ye jivan accha nahi lagta mujhe sanyasi bnna hai mujhe bataye kaise kya karu ghar se door kisi ashram main kaise jau please mujhe bataye
Main bhi sanyasi banna chahti hu mera naam Bhavna h
Namaskar
Bhavnaji
Aap mujse sampark kare
Shivanand mumbai
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Pls meri help kariye mera koi nahi hai….mujhe sanshyash Lena hai …..meri help kare 9110247864
Chitrkut ya banaras
Sb log apna num. Share kro sb sath chlte h wha bht ashram h whi rhege sanyasi bn k
Chitrkoot chalte hai
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Respected
Its kartigya agrawal plz mujha bhi leke chalo
Please contact 93030959** haridwar chalte hai
Contact me I can help u in boring life meking a happy life in Kashi nagri
M bhi sanyasi banana chahta hu mera name ravi vishwakaram he or m amravti maharsta me rahta hu mera no. 82084237**
Ban jae
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Shivanand mumbai
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Bhupender
Aapko kuchh solution Mila ho to please mujhe batayein. Main bhi duniya se bahut door jaana chahta hu
Muje Sanyasi banna h kaise bne koi bairagi mata pls meri help Kare
वास्तीवक तौर पर मै 43 साल की उमर तक अकेला हू घर समाज ने घर बनाने का प्रयास किया पर नाकाम रहा अब समाज मै फर्क है जैसे मेरे शरीर पर सेफड दाग है तो मुझे छोड़ दिया गया अब में वापिस बुला कर सिर्फ समझोता करूंगा पढ़ा लिखा हू पर जीवन कुछ नही बस सब कुछ सही हो उसकी झूठी उम्मीद में समय काट रहा हू मेरे जैसे बहुत है पर अब कोई सुझाव नही चाहत नही किस्मत में होता तो मिलता अब नही 🙏🙏🙏😔😔😔
Zindagi mai kab kya ho jaye….kuch maloom nhi chalta….. Logo se umeed v nhi…. Bus apne matlab se yaad karte hai….. Samjh kuch nhi aata….. Kya hoga kaise hoga kab???
आपके पोस्ट में जितना हँकारी था सब आ गया इसके लिए धन्यबाद।
Haan…mere man m bhi yhe prashn h…kha lu sansaas,kha jau,kisse lu..kuch smj ni aata..bs jld se jld sbhe prkaar k risto se dur Jaana chahte hu,..
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Ye to adha num. Hai
Sanyas lene ki kya vidhi h
Kya sanyas dharan karna ladkiyo ke liye bhi sambhav hai
जी बिल्कुल कर सकती है।
Haaa
Mujhe bhi sanyasi lena h main 28 saal ki hu aur meri sadi ho gai h abhi main akele hu please kuchh bataye 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Mujse miliye
Aapki help karunga
Shivanand 88986369**
Yes
Bilkul
Ha,, aapko koi ashram mile toh mujhe batana… Hume bhi jana hai … 9508502169
Mere pass kuch nahi kya mere liye koi rasta h sanyasi jeevan ke liye mujhe nahi pata ise pane ke liye kaha jana h kya rasta h Or kiske shiksha leni h
Muje bhi Sanyasi bnana h kaise bane kon guru maa h koi pls mera help Karo Sanyasi bnne me koi maa ka no nhi mil rha h bhut search Kiya Maine main
Ha hai cont 9990855**6
Please mujhe contact number krupya dijea
Mujhe bhi Sanyasi banna hai Ghar Se Bane Sanyasi kahan per jaen
Iskcon se jud jao
Me bhi number ko khoj Raha hu par. Mujhe bhi nahi mil raha ha. Lagta ha ab ayad khud se jaa kar milna hoga.
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Chitrkut ya banaras
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Ha thk he chlte he sb
Haan main bhi bahut time say find kr rha hn koi rasta yaa guru jissay main sanyasi ban jayun
Didi Myself Rahul Giri और में 18 साल का हूं और मेरी 12th ki padhai chll rahi he kya hm saath me ek संन्यासी का जीवन व्यतीत कर सकते hn saath me ??
Hn jii Didi 93042316**
Bhadohi se manmohan patel 84232655** Mai sanyas Lena chahata hu please mujhe le chalo
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Haa me puri duniya ka sukh dukh moh maya tyag kr sanyasi bnna chahta hu
Muje bhi sanyas lena hai meri age 23 haiNJ
Mujhe bhi sanyash lena meri age 23 he
Bhai जी मेरा नेम भी राहुल गिरी ही और में 18 साल का हूं और मेरी 12th ki padhai chll rahi he kya hm saath me ek संन्यासी का जीवन व्यतीत कर सकते hn saath me ??
Good morning sir
I am Brijendra AHIRWAR
I want to become a sannysi
I from Goa,and i am 27year old
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