आज हम जानेंगे लोहा क्या है (Loha Kya hai in Hindi), के बारे में पूरी जानकारी। लोहा एक ऐसी चीज है, जिसका इस्तेमाल हम अपने दैनिक जीवन में कभी न कभी करते ही हैं। बड़ी-बड़ी मशीनों से लेकर के छोटी छोटी चीजों को बनाने में भी लोहे का इस्तेमाल किया ही जाता है। बता दे कि लोहा बिजली का बहुत ही अच्छा सुचालक होता है। इसीलिए कहा जाता है कि बिजली से जुड़ी हुई किसी भी प्रक्रिया को करने में नंगे हाथों से लोहे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
लोहा इंसानों के लिए अलग-अलग प्रकार से उपयोगी है और यह अलग-अलग प्रकार से इंसानों के काम में आता है। लोहे के बारे में सभी लोग जानते हैं और सभी ने इसे देखा भी है। परंतु कुछ ही लोग यह जानते हैं कि लोहा तैयार कैसे होता है अथवा लोहा कैसे बनाया जाता है? लोहा क्या है? आदि सारी जानकारी के बारे में विस्तार से जानने के लिए, इस लेख को अंत तक पढ़े।
लोहा क्या होता है? – What is Iron in Hindi?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि पृथ्वी में जितनी भी धातु पाई जाती है, उसमें चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा पाए जाने वाली धातु लोहा है। इसका संकेत Fe है। इसका परमाणु द्रव्यमान 55.845 amu है और इसका गलनांक 1,538 डिग्री सेल्सियस है। इसके अलावा बता दे, कि लोहे की परमाणु संख्या 26 है और इसकी घनत्व 7.874 cm³ इलेक्ट्रॉन, विन्यास 1s22s22p63s23p63d64s2 है। लोहे को अंग्रेजी भाषा में आयरन कहा जाता है।
आज के जमाने में हम जहां भी कोई धातु के चीज देखते है, यह तय है की वह लोहे से ही बनी होगी। अभी हम जितना भी लोहा बनाते है उसका 90 प्रतिशत इस्तेमाल स्टील बनाने में होता है क्योंकि स्टील लोहे से ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होता है। सभी जीवित प्राणियों के शरीर में भी लोहे की कुछ मात्रा पाई जाती है। लोहा हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक तत्व में से एक है।
खून में हीमोग्लोबिन, जिसकी वजह से हमारा खून लाल होता है, वह भी लोहे के वजह से ही होता है। हीमोग्लोबिन खून में एक तरह से ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करता है। हमारे शरीर में लोहे की कमी होने पर हमारा हेमोग्लोबिन काउंट काम हो जाता है, और इस स्तिथि में सभी डॉक्टर बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाली आयरन की टैबलेट्स को खाने के साथ रोजाना लेने की सलाह देते है।
खून में हीमोग्लोबिन काम होने पर चक्कर आना, शरीर का पीला पढ़ जाना, बहुत जल्दी थक जाना, सीने में दर्द होना, हाथों और पैरों का ठंडा रहना आदि लक्षण दिखाई देते है। शहतूत, जैतून, खजूर, किशमिश, अंजीर, आदि फलों में आयरन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। सूखी हुई हरी मटर, दाल, सोयाबीन, सफेद और लाल राजमा, टोफू जोकि सोया पनीर के नाम से भी जाना जाता है, पिस्ता, अलसी, तिल, कद्दू के बीज, बादाम, काजू, चिलगोजा आदि सूखे मेवों में भी आयरन काफी मात्रा में पाया जाता है।
लोहे के प्रकार क्या है? – What are the types of Iron in Hindi?
हमारी नजर में लोहे के मुख्य तौर पर 04 प्रकार हैं। जिसकी जानकारी आपको नीचे बताई जा रही है।
- हैमेटाइड (Fe2O3): इस प्रकार का लोहा लाल या फिर चॉकलेटी रंग का होता है। इसमें तकरीबन 60 प्रतिशत से लेकर के 70 प्रतिशत तक का लोहे का अंश होता है।
- सिडेराइट (FeCO₃): यह लोहा दिखाई देने में राख जैसा होता है। इसमें तकरीबन 10 प्रतिशत से लेकर के 48 प्रतिशत तक लोहे का अंश उपलब्ध होता है।
- मेग्नेटाइट (Fe₃O₄): यह बहुत ही बढ़िया क्वालिटी का लोहा होता है। इसमें तकरीबन 70 प्रतिशत तक धातु का अंश होता है और रंग में यह काला होता है।
- लिमोनाइट (FeO(OH).nH2O): यह लोहा पीले या फिर भूरे रंग का होता है। इसमें 40 प्रतिशत से लेकर के 60 प्रतिशत तक लोहे का अंश उपलब्ध होता है।
ये भी पढ़ें: परमाणु बम क्या है? परमाणु बम का आविष्कार किसने किया?
लोहा कैसे बनता है? – How is Iron made in Hindi?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि धरती पर लोहा अशुद्ध स्तिथि में मिलता है। जब धरती के अंदर खनन किया जाता है, तब हमें लोहे का अयस्क मिलता है। जिसमें बहुत सारी अशुद्धियां होती है। इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए अलग-अलग प्रकार की प्रक्रिया अपनाई जाती है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शुद्ध लोहा प्राप्त हो पाता है। लोहे को शुद्ध करने की प्रक्रिया टोटल 3 स्टेप्स में विभाजित होती है, जो नीचे बताए अनुसार है।
1. पहला चरण:
इस चरण के अंतर्गत सबसे पहले मशीनों के द्वारा खनन किया जाता है। ऐसा करने पर लोहे के अयस्क मिलते हैं, जो की चट्टानों के बीच मौजूद होते हैं। अशुद्ध लोहे में मैग्नीज, गंधक, कार्बन, सिलिकॉन और फास्फोरस इत्यादि मिला हुआ होता है। लोहे के अयस्क को साफ़ करने के लिए चूने के पत्थर (Limestone) और चारकोल (Charcoal) का इस्तेमाल किया जाता है। उसके बाद जब लोहा साफ होकर के हमें प्राप्त होता है, तो वह कच्चा लोहा होता है।
2. दूसरा चरण:
जो कच्चा लोहा प्राप्त हो चुका होता है, उसमें से कार्बन की मात्रा को हटाने के लिए कुछ विशेष कोशिश की जाती है। इसके अंतर्गत कच्चे लोगों को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है। ऐसा करने पर कच्चा लोहा पिघल जाता है, जिसे स्पंज लोहा कहते हैं। यह लोहा काफी नरम होता है।
3. तीसरा चरण:
तीसरे चरण में कच्चा लोहा में कुछ अन्य तत्व को शामिल किया जाता है। उसके बाद गर्म पिघले हए लोहे को मजबूत लोहे में बदल दिया जाता है।
भारत में लौह अयस्क कहां मिलता है? – Where is Iron Ore in India in Hindi?
हमारे भारत देश में कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान यह कुछ ऐसे राज्य हैं, जहां पर भारी मात्रा में लौह अयस्क पाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए हम यह भी बता दें कि हमारे देश में सबसे बड़ा लोहा भंडार बरामजादा में मौजूद है, जो कि झारखंड के सिंहभूम और उड़ीसा के केन्दुझर जिले के बीच पड़ता है।
लोहे का उपयोग क्या है? – What are the uses of Iron in Hindi?
एक रिसर्च के अनुसार यह बात सामने आई है, कि दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली धातु लोहा ही हैं। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई उद्योग नहीं है, जहां लोहे का इस्तेमाल ना होता हो। हमारी दैनिक जरूरतों की चीजें में भी बहुत सारी चीजों का निर्माण लोहे के द्वारा ही किया जाता है। जैसे की बाल्टी, चिमटा, कैची, ताला, साइकिल, मोटरसाइकिल इत्यादि।
इसके अलावा स्कूटर, कार, रेलगाड़ी, विमान, जल वाले जहाज, रिक्शा को भी तैयार करने में लोहे का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही बड़े-बड़े पुल बनाने के लिए, इमारत का ढांचा तैयार करने के लिए, बड़ी-छोटी सभी मशीनों के नट बोल्ट, गाड़ियों के रिम, गैस सिलेंडर को बनाने में लोहे का ही इस्तेमाल होता है। देखा जाए तो हर चीज में लोहे का ही ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है।
लौह युग का इतिहास क्या है? – What is the history of Iron Age in Hindi?
प्राचीन काल में मुख्य तौर पर इंसान तांबे का इस्तेमाल करता था। अतः जब पाषाण युग खत्म हो गया, तो उसके बाद कांस्य युग की स्टार्टिंग हुई। इसके बाद इंसानों ने लोहे की खोज की और इसे शुद्ध करने के साथ ही साथ इसका उपयोग किस प्रकार से किया जाए, इसके बारे में भी समझा। इस प्रकार कांस्य युग के बाद लौह युग की स्टार्टिंग हुई। एक अंदाजे के अनुसार हमारे भारत देश में लोहे का इस्तेमाल 1300 ईसा पूर्व से पहले चालू कर दिया गया था।
ये भी पढ़ें: बादल क्या है? बादल कैसे बनते हैं? बादल कितने प्रकार के होते हैं?
लोहा के गुण क्या है? – What are the Qualities of Iron in Hindi?
यह सिल्वर रंग की एक चमकदार धातु होती है। केमिकल तौर पर यह काफी एक्टिव होता है। जब लोहा नमी के संपर्क में आता है, तब इस पर तेजी के साथ जंग लगना चालू हो जाता है। इसके अलावा यह बिजली का अच्छा संचालक होता है। लोहे को पीट कर कोई भी आकार तथा खीच करके इसके लंबे-लंबे तार भी तैयार किए जा सकते हैं। इसमें थोड़ी सी मात्रा अगर कार्बन की मिला दी जाए, तो यह काफी कठोर बन जाता है। इसमें अन्य धातु भी मिक्स की जा सकती है। जंग लगा हुआ लोहा अगर बॉडी में घाव कर देता है, तो इससे टिटनेस की संभावना बढ़ जाती है।
लोहे (Iron) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
लोहा क्या है?
सिल्वर रंग की एक चमकदार धातु
लोहा के गुण क्या है?
लोहे को पीट कर कोई भी आकार तथा खीच कर लंबे तार भी तैयार किए जा सकते हैं।
भारत सबसे बड़ा लोहा भंडार कहां है?
बरामजादा
निष्कर्ष
आशा है आपको लोहा क्या है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में लोहा क्या है (What is Iron in Hindi) को लेकर आपका कोई सवाल है, तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को लोहा क्या है के बारे में जानकारी मिल सके।