आज हम जानेंगे शेयर मार्केट (Share Market) क्या होता है पूरी जानकारी (What is Share Market in Hindi) के बारे में क्योंकि आपने अक्सर टीवी पर या फिर अखबारों में शेयर मार्केट का विज्ञापन अवश्य देखा होगा, जिसमें यह बताया जाता है कि आज फलाना शेयर ऊपर गया, आज फलाना शेयर नीचे आया। ऐसे में आपके मन में यह जानने की इच्छा अवश्य उत्पन्न होती होगी कि, आखिर यह शेयर मार्केट नाम की बला है क्या चीज़।
अगर आप शेयर मार्केट के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको शेयर मार्केट से संबंधित इंफॉर्मेशन हिंदी में देने वाले हैं। आज के इस लेख में जानेंगे कि Share Market Kya Hota Hai, शेयर मार्केट काम कैसे करता है, Share Market Kaise Kam Karta Hai, शेयर मार्केट में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए, Share Kaise Kharide, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
शेयर मार्केट क्या है? – What is Share Market Information in Hindi?
Share Market को ही Stock Market कहा जाता है। स्टॉक मार्केट या फिर शेयर मार्केट एक ऐसी जगह होती है, जहां पर अलग-अलग प्रकार की नई और पुरानी कंपनियां अपनी कंपनियों के शेयर को खरीदने का और बेचने का काम करती है। यहां पर हर कंपनी विभिन्न Shares के अलग-अलग दाम लगाती हैं और जब कोई व्यक्ति उन कंपनियों के शेयर खरीदता है, तो उस व्यक्ति को उस कंपनी में उतने प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है।
यानी कि उस व्यक्ति को उस कंपनी में उतने प्रतिशत का मालिकाना हक मिल जाता है, जितने प्रतिशत शेयर उसने खरीदे होते हैं। शेयर बाजार अथवा Share Market को संभावनाओं का बाजार कहा जाता है, क्योंकि यहां पर यह बात कंफर्म नहीं होती है कि आपने जिस कंपनी के शेयर को खरीदा है, आगे चलकर उसके दाम High ही रहेंगे। यहां पर बड़ी-बड़ी कंपनियां एक ही दिन में काफी नीचे आ जाती है और छोटी छोटी कंपनियां एक ही दिन में काफी ऊंचे पहुंचे जाती हैं।
यानी कि जिस कंपनी के शेयर आज रद्दी के भाव है, ऐसा हो सकता है कि उसी कंपनी के शेयर कल काफी अच्छे भाव में आ जाए, साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि जिस कंपनी के शेयर आज काफी अच्छे दामों में लिस्टेड हैं, कल को उस कंपनी के शेयर के दाम काफी नीचे गिर जाए। इसीलिए शेयर बाजार को जोखिमों का बाजार भी कहा जाता है, हालांकि जो लोग शेयर बाजार में अच्छे खिलाड़ी बन चुके हैं, उनके लिए तो यह काफी फायदेमंद जगह होती है।
India में Share Market सप्ताह में सिर्फ 5 दिन ही ओपन होते हैं और उसमें लिस्टेड कंपनियों के शेयर को ही बेचा या फिर खरीदा जाता है। इसीलिए ऐसा हो सकता है कि आपको किसी कंपनी का शेयर लेना हो परंतु वह कंपनी आपको वहां पर ना मिले। जो कंपनियां लिस्टेड होती हैं उन्हें पब्लिक कंपनी कहा जाता है। इन शेयर्स को स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा बेचा या फिर खरीदा जाता है। इंडिया में मुख्य तौर पर दो स्टॉक एक्सचेंज है जिनके नाम BSE, NSE हैं।
शेयर बाजार के प्रकार – Types of Share Market
हमारे इंडिया में मुख्य तौर पर दो प्रकार के Share Market हैं, जिनकी जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं।
- Primary Share Market
- Secondary Share Market
Primary Share Market : किसी भी कंपनी को अगर अपने शेयर को बेचना है तो सबसे पहले उसे अपने आपको आईपीओ में लिस्ट करवाना पड़ता है। आईपीओ में लिस्ट होने के बाद तय किए हुए कीमत पर अपने शेयर को पब्लिक को बेचने के लिए वह कंपनी उपलब्ध करवाती है। बीएसई और एनएसई और ब्रोकर के द्वारा कंपनियां प्राइमरी शेयर मार्केट के द्वारा निवेशकों तक पहुंच बनाती है। किसी भी नई अथवा पुरानी कंपनी को आईपीओ में लाने के लिए अपने प्रमोटर, अपने बिजनेस, अपने फाइनेंसियल के बारे में पूरी जानकारी इन्वेस्टर्स को देनी होती है।
Secondary Share Market : सेकेंडरी शेयर मार्केट में ऐसी कंपनियों के शेयर की खरीदी और बिक्री होती है, जो पहले से ही Share Market में लिस्टेड होती हैं। सेकेंडरी शेयर बाजार में एक शेयर या फिर स्टॉक की प्राइस लगाई जाती है और उसे बेचा या फिर खरीदा जाता है, परंतु उस शेयर की उसके फायदे या फिर घाटे के साथ खरीदी अथवा बिक्री होती है। Secondary Share Market में व्यक्ति निम्न गुणवत्ता वाले शेयर को किसी कंपनी या फिर व्यक्ति को बेचकर Share Market से बाहर निकल सकता है। सेकेंडरी शेयर मार्केट में दलाल और ब्रोकर के जरिए शेयर की खरीदी या फिर बिक्री की जाती है।
शेयर बाजार कैसे काम करता है? – How does Share Market Work Information in Hindi
Share Market कैसे काम करता है, इसके बारे में जानने के लिए हम एक उदाहरण का सहारा लेंगे। मान लीजिए कि मैंने पहले से ही पैसा लगाकर एक कंपनी खोल कर रखी है और मैं एक कंपनी और खोलना चाहता हूं, ताकि मैं अपने बिजनेस को बढ़ा सकूं, परंतु मेरे पास और कंपनी खोलने के लिए पैसे नहीं है, ऐसे में मुझे किसी बैंक से लोन लेना पड़ेगा परंतु अगर मैं बैंक से लोन ले लेता हूं, तो मुझे ब्याज भरना पड़ेगा।
ऐसे में मै अपनी कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट करूंगा ताकि मुझे अपनी कंपनी को चालू करने के लिए इन्वेस्टर और पैसा दोनों प्राप्त हो सके। आगे चलकर अगर मेरी कंपनी को फायदा होता है, तो उसमें से कुछ हिस्सा मैं उन लोगों को दे दूंगा जिन्होंने मेरी कंपनी में पैसा लगाया हुआ है। इसके विपरीत अगर मेरी कंपनी को नुकसान होता है तो उन लोगों को भी नुकसान होगा जिन्होंने मेरी कंपनी में पैसा लगाया हुआ है।
शेयर मार्केट में अपनी कंपनी को लिस्ट करवाने के लिए मैं अपने सभी डॉक्यूमेंट तैयार करूंगा और फिर डॉक्यूमेंट को ले जाकर SEBI संस्था में जमा कर दूंगा और डॉक्यूमेंट सक्सेसफुली चेक और वेरिफिकेशन होने के बाद SEBI संस्था मुझे अप्रूवल दे देगी, तो मेरी कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाएगी। जब मेरी कंपनी सेबी से अप्रूवल मिलने के बाद शेयर बाजार में पहली बार लिस्ट होगी, तो उसका आईपीओ आएगा जिसके बाद मुझे पैसा मिल जाएगा और मेरी कंपनी Share Market में लिस्ट हो जाएगी।
इसके बाद मेरी कंपनी जैसा परफॉर्मेंस करेगी अर्थात मेरी कंपनी की डिमांड, सप्लाई, फायदा और घाटा जैसा भी होगा, उसके हिसाब से मेरी कंपनी के शेयर की कीमतें कम या ज्यादा होती रहेंगी और पब्लिक स्टॉक एक्सचेंज की सहायता से एक दूसरे के साथ शेयर की खरीदी बिक्री करती रहेंगी। शेयर बाजार के मुख्य रूप से तीन अंग है स्टॉक एक्सचेंज, शेयर दलाल और इन्वेस्टर। शेयर बाजार की पूरी प्रक्रिया इन्हीं तीनों के अंतर्गत चलती रहती है।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए? – Why Should Invest in Share Market Information in Hindi
शेयर मार्केट में निम्न कारणों से इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।
1. कम समय में ज्यादा रिटर्न की संभावना
शेयर बाजार में पैसे इन्वेस्टमेंट करने का सबसे बड़ा बेनिफिट यह है कि इसमें व्यक्ति को सेविंग अकाउंट और बैंक एफडी जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट की कंपैरिजन में कम समय में ही ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है। इस प्रकार जो लोग अपने पैसे को Grow करते हुए देखना चाहते हैं, वह शेयर बाजार में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
2. कंपनी में हिस्सेदारी
जब आप किसी भी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, फिर चाहे वह छोटा प्रतिशत हो या फिर बड़ा प्रतिशत हो, तो आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं, जितने प्रतिशत शेयर आपने खरीदे होते हैं। इस प्रकार भविष्य में अगर वह कंपनी ज्यादा फायदा कमाती है, तो आपको भी ज्यादा फायदा होता है।
3. हाई लिक्विडिटी
शेयरो में किसी भी प्रकार का लॉकइन टाइम नहीं होता है। इन्वेस्टर सेकेंड के अंदर ही स्टॉक एक्सचेंज की सहायता से आसानी से शेयर को बेच सकता है या फिर खरीद सकता है।
4. सेबी द्वारा सुरक्षित अधिकार
आपको बता दें कि, भारतीय शेयर बाजार को SEBI यानी कि Securities and Exchange Board of India के द्वारा रेगुलेट किया जाता है। यह संस्था काफी सख्ती के साथ शेयर धारकों की सिक्योरिटी के लिए सब ब्रोकर, ब्रोकर, एडवाइजर ओर स्टॉक एक्सचेंज जैसे मार्केट पार्टिसिपेंट की देखरेख करती है।
5. टैक्स लाभ
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से आपको टैक्स बेनिफिट्स के फायदे भी मिलते हैं। अगर आप इसमें लोंग टर्म कैपिटल गेन जैसे कि 12 महीने से अधिक समय के लिए ₹100000 से ज्यादा रुपए इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको 10% टैक्स लगता है, वही शार्ट टर्म कैपिटल Gains जैसे कि 12 महीने से कम समय के लिए अगर आप इन्वेस्टमेंट करते हैं तो उस पर 15% + 3% सेस लगता है।
निष्कर्ष
आशा करते हैं कि आपको Share Market Details In Hindi की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में Share Market Kya Hai (What Is Share Market In Hindi) और शेयर मार्केट क्या होता है? को लेकर कोई सवाल हो तो, आप बेझिझक Comment Section में Comment कर पूछ सकते हैं।
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