आज हम जानेंगे Psychologist Kaise Bane की पूरी जानकारी How to Become a Psychologist in Hindi के बारे में क्यों की आज के टाइम में ऐसी कई फील्ड का निर्माण हो चुका है, जिसमें जाकर विद्यार्थी अपना अच्छा कैरियर स्थापित कर सकते हैं या फिर उस फील्ड में अपने कैरियर को एकदम अच्छे से सेटल कर सकते हैं, क्योंकि वर्तमान के टाइम में दुनिया में ऐसे कई काम है, जिन्हें करके आप काफी ज्यादा पैसे कमा सकते हैं।
दुनिया में ऐसे कई कार्य हैं, जिनमें आपको शारीरिक या मानसिक श्रम करना होता है परंतु कुछ काम ऐसे होते हैं जिनमें आपको समाज सेवा और इंसान की सेवा करनी होती है और बदले में आपको पैसे भी मिलते हैं। ऐसा ही एक काम मनोविज्ञान का होता है। Psychologist को हिंदी में मनोचिकित्सक कहा जाता है, यानी कि एक ऐसा व्यक्ति, जो मानसिक रोगों से परेशान लोगों का इलाज करने का काम करता है।
मनोविज्ञान क्या होता हैं? – What is Psychology in Hindi
मनोविज्ञान को ही अंग्रेजी भाषा में Psychology कहा जाता है। इसमें व्यक्ति बिना किसी दवा का इस्तेमाल किए हुए मरीज़ का इलाज करने का काम करता है और उसके हालत में सुधार लाने का प्रयास करता है। यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है, परंतु इसमें रोगी को उसकी परेशानी से छुटकारा अवश्य मिलता है। एक ऐसा व्यक्ति जो रोगी के दिल और दिमाग की भावनाओं को बिना उसके कहे ही समझ ले और उसी के आधार पर उसका सही प्रकार से इलाज करके उसे सही करें।
एक व्यक्ति जो फिजियोथेरेपिस्ट बन गया है उसे मानव व्यवहार के बारे में बहुत सारी जानकारी होती है। अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है तो वह फिजियोथेरेपिस्ट को अपनी समस्या बता सकता है और जहां तक हमें उम्मीद है फिजियोथेरेपिस्ट उसकी समस्या का समाधान जरूर करेगा।
मनोविज्ञान का मतलब क्या है?
मन के विज्ञान को ही मनोविज्ञान कहा जाता है। इसमें इंसानों के मस्तिष्क से संबंधित अध्ययन कराया जाता है। मन के विज्ञान में इंसान के व्यवहार और उसकी जिंदगी के बारे में कई महत्वपूर्ण चीजें शामिल होती हैं। आपकी इंफॉर्मेशन के लिए बता दें कि, सबसे पहले आधुनिक विज्ञान की स्टार्टिंग जर्मनी देश में हुई थी और जर्मनी के बाद जब दुनिया में विश्व युद्ध चालू हुआ, तो उस दौरान ही अमेरिका तक यह पहुंचा।
हमारे इंडिया की बात की जाए, तो इंडिया में तकरीबन 70 साल पहले मॉडर्न साइंस आया और उसके बाद से ही हमारे देश के मनोवैज्ञानिकों ने मनोविज्ञान को पहचानने में बहुत ज्यादा मेहनत की।
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एक मनोवैज्ञानिक मानसिक रोग से परेशान व्यक्ति को डिप्रेशन से बाहर लाने का काम करता है और उसे एक हंसी खुशी वाली जिंदगी जीने के तरीके के बारे में इंफॉर्मेशन प्रदान करता है। कई बार ऐसा होता है कि, डॉक्टर की दवाई काम नहीं करती है तो उस मरीज को सही करने का जिम्मा Psychologist यानी की मनोवैज्ञानिक उठाते हैं।
मनोविज्ञानी बनने के लिए योग्यता – Qualification to become Psychologist
- मनोविज्ञानी बनने के लिए आपके पास psychology, biology, chemistry आदि जैसी स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- मनोविज्ञानी बनने के लिए आपको डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एम.डी.) या डॉक्टर ऑफ ऑस्टियोपैथिक मेडिसिन (डी.ओ.) की डिग्री प्राप्तकरनी होगा।
मनोविज्ञानी बनने के लिए आयु सीमा – Age Limit for Pursuing Psychology
लोगों द्वारा अक्सर पूछा जाने वाला एक प्रश्न है, “क्या मनोचिकित्सक बनने के लिए कोई आयु सीमा है?” इसका उत्तर है नहीं, मनोचिकित्सा में करियर बनाने के लिए कोई सख्त आयु सीमा नहीं है। आप किसी भी उम्र में मनोचिकित्सक बन सकते हैं। चाहे आप हाई स्कूल से निकले हों या जीवन में बाद में करियर बदलने पर विचार कर रहे हों, मनोचिकित्सा उन लोगों के लिए एक स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करता है जो मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव लाने के बारे में भावुक हैं।
मनोविज्ञानी बनने की प्रक्रिया – Process to Become Psychologist in Hindi
अगर आप मनोविज्ञानी बनना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे हम आपको स्टेप बाय स्टेप इस बात की इंफॉर्मेशन दे रहे हैं कि मनोविज्ञानी कैसे बना जाता है और मनोविज्ञानी बनने की प्रक्रिया क्या है।
1. बारहवीं कक्षा
अगर वर्तमान के समय में आप अपने स्कूल की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और आगे चलकर आप मनोवैज्ञानिक यानी कि मनोविज्ञानी बनना चाहते हैं, तो इसके लिए 12वीं की कक्षा में आप किसी भी सब्जेक्ट को लेकर अपनी स्टडी कर सकते हैं। वैसे सामान्य तौर पर देखा जाए तो कई स्कूलों के द्वारा मनोवैज्ञानिक सिलेबस को पढ़ाई में शामिल किया जाता है।
अगर आप मनोविज्ञानी बनना चाहते हैं, तो आप किसी भी सब्जेक्ट के साथ मनोविज्ञान की बेसिक स्टडी करके इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि 12वीं की कक्षा में इसे पढ़ना आवश्यक नहीं होता है।
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2. ग्रेजुएशन
मनोविज्ञानी बनने के लिए 12वीं की कक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास करने के बाद आप यूजीसी के द्वारा सर्टिफाइड किसी भी इंस्टिट्यूट में मनोवैज्ञानिक के कोर्स में एडमिशन प्राप्त करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे कई इंस्टिट्यूट और कॉलेज हैं, जो इस कोर्स में एडमिशन देने के पहले विभिन्न प्रकार की एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन करवाते हैं। अगर आप उस एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होकर उस एंट्रेंस एग्जाम को अच्छे अंकों के साथ पास कर लेते हैं,
तो आपको गवर्नमेंट जॉब मिल सकती है। इसके अलावा आप चाहे तो प्राइवेट कॉलेज में भी मनोवैज्ञानिक कोर्स में एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। मनोवैज्ञानिक के कोर्स में आपको क्लिनिकल साइकोलॉजी, डेवलपमेंटल साइकोलॉजी, जनरल साइकोलॉजी, ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर जैसी चीजों की स्टडी करवाई जाती है और इनके बारे में विस्तार से बताया जाता है। यह कोर्स टोटल 3 साल का होता है और इसमें सबसे अधिक सब्जेक्ट थ्योरिटिकल ही होते हैं।
मनोविज्ञान के ग्रेजुएशन का कोर्स करवाने वाले कुछ प्रमुख इंस्टिट्यूट इस प्रकार है।
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (वाराणसी)
- दिल्ली विश्वविद्यालय (नई दिल्ली)
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
- फर्ग्यूसन कॉलेज (पुणे)
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी (बैंगलोर)
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया (नई दिल्ली)
- अंबेडकर विश्वविद्यालय (नई दिल्ली)
- पंजाब यूनिवर्सिटी (चंडीगढ़)
3. पोस्ट ग्रेजुएशन
अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट कर लेने के बाद अगर आप मनोवैज्ञानिक की श्रेणी में हायर स्टडी करना चाहते हैं, तो आप पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में भी एडमिशन प्राप्त करने के लिए जब आप जाएंगे, तो आपको विभिन्न प्रकार के एंट्रेंस एग्जाम को देना पड़ेगा। यह एंट्रेंस एग्जाम काफी कठिन होती है। इसलिए आपको इंटरेंस एग्जाम की अच्छे से स्टडी और तैयारी करके ही इसमें शामिल होना चाहिए, ताकि आप इन एग्जाम को क्लियर कर सकें।
पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स में आप अपनी पसंद के सब्जेक्ट का सिलेक्शन कर सकते हैं। अगर आप मनोविज्ञान में कैरियर स्थापित करना चाहते हैं, तो पोस्ट ग्रेजुएशन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट कर लेने के बाद विद्यार्थियों को अपनी रुचि के हिसाब से मनोवैज्ञानिक की फील्ड में रिसर्च पेपर लिखने का वर्क मिलता है।
मनोविज्ञान के पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स करवाने वाले कुछ प्रमुख कॉलेज इस प्रकार हैं।
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (उत्तर प्रदेश)
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (उत्तर प्रदेश)
- जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (नई दिल्ली)
- गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (उत्तर प्रदेश)
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (मुंबई)
- अम्बेडकर विश्वविद्यालय (दिल्ली)
- पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़)
4. इंटर्नशिप
पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स को कंप्लीट कर लेने के बाद विद्यार्थी अगर इसी फील्ड में 3 या फिर 6 महीने का इंटर्नशिप कर लेते हैं, तो यह उनके लिए इस फील्ड में आगे काम करने के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। एक मनोवैज्ञानिक के तौर पर आपको शुरुआत में इस Field में पहले से ही काम करने वाले एक्सपर्ट की देखरेख में काम करना होता है और काम सीखना होता है। ऐसा करने से आपको इस फील्ड की काफी अच्छी जानकारी हो जाती है और आपके ज्ञान में भी बढ़ोतरी होती है तथा आपकी स्किल्स भी डिवेलप होती है।
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मनोविज्ञानी की नौकरी – job of Psychologist
मनोविज्ञान की एजुकेशन पूरी कर लेने के बाद आप एक मनोविज्ञानी के तौर पर नीचे दी गई Field में काम करना स्टार्ट कर सकते हैं।
क्लिनिकल मनोविज्ञान : क्लिनिकल मनोविज्ञानऐसे लोगों का इलाज करते हैं, जो नॉर्मल मनोवैज्ञानिक तकलीफों का सामना करते हैं। इसके साथ ही यह ऐसे लोगों का भी इलाज करने का काम करते हैं, जो किसी मनोरोग से परेशान होते हैं।
एजुकेशनल मनोविज्ञान : एजुकेशन की बेसिक पहेलूओ को सीखने में और उसे समझने की प्रक्रिया को डिवेलप करने में एजुकेशनल मनोविज्ञानकोशिश करते हैं।सामान्य तौर पर इन्हें एजुकेशन इंस्टीट्यूट और कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी में पोस्टिंग प्रदान की जाती है।
काउंसलिंग मनोविज्ञान : काउंसलिंग मनोविज्ञानी ऐसे लोगों का इलाज करते हैं, जो नॉर्मली मनोवैज्ञानिक परेशानियों से परेशान होते हैं। सामान्य तौर पर काउंसलिंग मनोविज्ञानी को एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, कॉलेज काउंसलिंग सेंटर, पब्लिक मेंटल हेल्थ सेंटर में पोस्टिंग दी जाती है।
स्पोर्ट्स मनोविज्ञान : स्पोर्ट्स मनोविज्ञान एथलेटिक्स की परफॉर्मेंस में सुधार करने में उनकी सहायता करते हैं। सामान्य तौर पर यह एथलेटिक्स के सलाहकार के तौर पर भी काम करते हैं।
मनोविज्ञान में करियर – Career in Psychology
मनोविज्ञानी बन जाने के बाद व्यक्ति प्राइवेट और गवर्नमेंट हॉस्पिटल, प्राइवेट क्लिनिक, प्राइवेट इंस्टीट्यूट, रिसर्च इंस्टीट्यूट, कॉरपोरेट सेक्टर और प्राइवेट एनजीओ में भी काम कर सकता है। इसमें कैरियर की काफी अच्छी संभावना होती है। इसलिए जिन लोगों ने अच्छे अंक हासिल किए होते हैं, उन्हें इसमें एडमिशन प्राप्त होता है।
मनोविज्ञानी की सैलरी – Salary of Psychologist
एक मनोवैज्ञानिक यानी की मनोविज्ञानी की सैलरी के बारे में बात की जाए, तो इनकी सैलरी इनके एक्सपीरिंस, इनकी योग्यता तथा अन्य कई कारणों पर आधारित होती है। शुरुआत में एक मनोविज्ञानी को महीने की सैलरी के तौर पर तकरीबन ₹2,00,000 से लेकर ₹7,00,000 तक सालाना सैलरी प्राप्त होती है।
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हालांकि यह सैलरी विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग भी हो सकती है। कोई भी मनोविज्ञानी व्यक्ति इस फील्ड में ज्यादा एक्सपीरियंस प्राप्त करके काफी अच्छा काम कर सकता है और अपनी सैलरी में भी बढ़ोतरी करवा सकता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने जाना मनोविज्ञानी कैसे बने (How to Become Psychologist in Hindi) इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर आपके मन में की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में Psychology in Hindi को लेकर कोई सवाल उठ रहा है तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।
अगर आपको लगता है कि इस लेख में कोई गलती है तो आप नीचे Comment करके हमसे बात कर सकते हैं, हम उसे तुरंत सुधारने की कोशिश करेंगे। अगर आपको हमारे द्वारा Psychology Details in Hindi पर दी गई जानकारी पसंद आई है और आपको इस लेख से कुछ नया सीखने को मिलता है, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें। आप इस लेख का पोस्ट लिंक ब्राउजर से कॉपी कर सोशल मीडिया पर भी साझा कर सकते हैं।
आपने 12th के बाद क्या लेना चाहिए ये बताया पर 10th के बाद कौनसा सब्जेक्ट लेना चाहिए ये नाही बताया क्या आप हमे वो बता सकते है?
ishka cours krne me total kitne saal lgenge aur ishme admisstion lene ka kya process hai