आज हम जानेंगे प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता करें की पूरी जानकारी (Pregnant Hai Ya Nahi Kaise Pata Kare in Hindi) के बारे में क्योंकि महिलाओं के पेट में जब संतान आ जाती है, तब उनके शरीर में कई बदलाव होने स्टार्ट हो जाते हैं, जिसे देख कर के यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाकई में वह पेट से हैं। आमतौर पर इंडिया में अगर आप किसी से पूछेंगे कि वह यह कैसे पता कर सकते हैं कि कोई महिला पेट से है,
तो अधिकतर लोग यही जवाब देंगे कि हम उसका पेट देख कर ही बता सकते हैं कि वह गर्भवती है अथवा नहीं, क्योंकि जब कोई महिला गर्भवती हो जाती है तो उसका पेट सामान्य आकार से थोड़ा सा फूल जाता है, जो इस बात को दर्शाता है कि उसके पेट में बच्चा है। आज के इस लेख में जानेंगे कि प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता करें, Pregnant Hai Ya Nahi Kaise Pata Kare, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता करें? – How to know Pregnant or Not in Hindi
किसी महिला का अगर मासिक धर्म चक्र छूट जाता है तो तुरंत ही उसे इस बात का अंदेशा होना चालू हो जाता है कि कहीं वह गर्भवती तो नहीं हो गई है, परंतु कई बार ऐसा होता है कि कुछ हार्मोनल चेंज होने के कारण भी महिलाओं का पीरियड या तो आता ही नहीं है या फिर वह अनियमित हो जाता है। ऐसी सिचुएशन में महिलाएं यह कैसे पता कर सकती हैं कि वाकई में वह प्रेग्नेंट है अथवा नहीं। खैर अगर आपको भी ऐसे लक्षण जानने हैं, जो यह बताते हैं कि वाकई में कोई महिला गर्भवती है, तो बने रहिए आर्टिकल के साथ।
1. उल्टी होना
यह एक ऐसी नॉर्मल वस्तु है, जो हर उस महिला के अंदर देखी जाती है, जो गर्भवती होती है। वैसे तो उल्टी किसी भी व्यक्ति को कभी भी आ सकती है, क्योंकि कई बीमारियों में भी उल्टी आती है परंतु किसी व्यक्ति को अगर बार बार उल्टी आती है, तो यह इस बात की प्रबल संभावना की ओर इशारा करता है कि वह महिला गर्भवती हो चुकी है क्योंकि जब किसी सामान्य महिला को उल्टी आती हो, तो उसे उल्टियां आ करके रुक जाती है परंतु एक ही दिन में बार बार उल्टी आना यही बताता है कि महिला के पेट में बच्चा आ चुका है।
जब महिला के पेट में बच्चे आ जाता है तो बच्चा आने के तकरीबन 3 से 4 हफ्ते के बाद उन्हें उल्टी और जी मिचलाने की प्रॉब्लम होना चालू हो जाती है। इसके पीछे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नाम के हार्मोन का बॉडी में बढ़ना कारण माना जाता है। उल्टी होने का यह सिलसिला पेट में बच्चा आने से लेकर के बच्चा पैदा होने के बाद तक चालू रहता है।
2. ऐंठन
पेट में बच्चा आने के बाद बच्चे की साइज धीरे धीरे बढ़ना चालू हो जाती है। इससे महिलाओं को अपने पेट में कभी-कभी सामान्य दर्द महसूस होता है, तो कभी-कभी काफी तेज दर्द महसूस होता है। यह इसलिए होता है, क्योंकि उनके पेट में ऐठन होने लगती है। इस ऐठन की तुलना आप उस ऐठन से कर सकते हैं जो ऐठन आपको अपने पेट में मासिक धर्म चक्र के दरमियान महसूस होती है। सामान्य तौर पर यह सबसे ज्यादा आपके पेट के नीचे वाले इलाके में होती है।
3. बॉडी का तापमान बढ़ना
जब हमारी बॉडी में कोई भी प्रॉब्लम नहीं होती है तो हमारी बॉडी का टेंपरेचर नॉर्मल ही होता है परंतु अगर किसी महिला के पेट में बच्चा आ जाता है या फिर वह प्रेग्नेंट हो जाती है, तो उनकी बॉडी का जो टेंपरेचर होता है, वह सामान्य से थोड़ा सा ज्यादा हो जाता है। हमारा कहने का मतलब है कि उनकी बॉडी थोड़ी अधिक गर्म टच करने पर लगने लगती है।
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यह बॉडी टेंपरेचर बच्चा पैदा होने तक भी ऊचा रहता है और बच्चा पैदा हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह सामान्य अवस्था में फिर से आ जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था के दरमियान महिलाओं की बॉडी में प्रोजेस्टेरोन नाम का हार्मोन तेजी के साथ बढ़ने लगता है जो टेंपरेचर को बढ़ाने का काम करता है।
4. बॉडी के पार्ट में बदलाव होना
यह जाहिर सी बात है कि जब महिलाओं के पेट में बच्चा आता है तो उनकी बॉडी में कुछ ना कुछ बदलाव होने चालू हो जाते हैं। सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि महिला जब गर्भवती हो जाती है, तो उनके स्तनों का जो आकार होता है, वह धीरे-धीरे मोटा होने लगता है।
हालांकि यह इतना भी मोटा नहीं होता है कि खराब लगे परंतु उसमें कुछ ना कुछ बढ़ोतरी अवश्य होती है। इसके अलावा महिलाओं के पेट का साइज भी थोड़ा सा खुला हुआ दिखाई देता है, साथ ही उनके नितंब भी थोड़े बड़े हो जाते हैं। यह सब इसी कारण होता है क्योंकि पेट में बच्चा आने के बाद बॉडी तेजी के साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को पैदा करती है।
5. अत्याधिक थकान महसूस होना
आपने खुद भी इस बात पर गौर किया होगा कि जब कोई महिला प्रेग्नेंट नहीं होती है, तब वह बिना थके हुए किसी भी काम को काफी तेजी के साथ करती है परंतु जैसे ही उसकी बॉडी में प्रेगनेंसी के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, वैसे ही उसके काम करने की स्पीड में भी कमी आ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेट में बच्चा होने के कारण उसका मन काम करने में नहीं लगता है।
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इसके अलावा उसे अत्यधिक थकान भी लगने लगती है, क्योंकि जब पेट में बच्चा होता है तो महिलाओं के दिल की धड़कन काफी तेज हो जाती है और उनकी बॉडी में ब्लड सरकुलेशन भी काफी तेजी के साथ होने लगता है। यही वजह है कि, उन्हें किसी भी काम को करने में थकान महसूस होने लगती है। गर्भावस्था के दरमियान महिलाओं को थकान इसलिए भी महसूस होती है, क्योंकि उनकी बॉडी में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन ज्यादा पैदा होने लगता है।
6. पीरियड मिस हो जाना
यह तो इस बात का बहुत ही तगड़ा सिग्नल है कि महिला वास्तव में प्रेग्नेंट हो चुकी है अथवा नहीं। अगर किसी महिला का पीरियड अनियमित हो गया है या फिर वह रुक रुक कर के आ रहा है तो यह इस बात की और प्रबल संकेत देता है कि महिला को जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है।
7. प्रेगनेंसी टेस्ट किट
अगर आप इस उधेड़बुन से बाहर निकलना चाहती हैं कि वास्तव में आप गर्भवती हो चुकी हैं या नहीं, तो आपको बिना देरी किए हुए प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल कर लेना चाहिए। मार्केट में ऐसे कई ब्रांड है, जो प्रेगनेंसी टेस्ट किट बनाने का काम करते हैं। बता दें कि प्रेगनेंसी टेस्ट किट एक ऐसी टेस्ट किट होती है, जो आपको घर बैठे ही इस बात का टेस्ट करने की सुविधा देती है कि, आप यह पता कर सके कि वास्तव में आपके पीरियड मिस होने का कारण प्रेगनेंसी है या फिर कुछ और है।
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इन प्रेगनेंसी टेस्ट किट का दाम भी ज्यादा नहीं होता है। आपको आसानी से ₹300 से लेकर ₹400 के बीच में प्रेगनेंसी टेस्ट किट प्राप्त हो जाएगी। प्रेगनेंसी टेस्ट किट के जरिए आपको अपने यूरिन में एचसीजी के लेबल को चेक करना होता है। अगर यह आपके यूरिन में ज्यादा होता है, तो यह इस बात को दर्शाता है कि आप पेट से हैं और अब आपको अपने साथ ही साथ अपने बच्चे का भी विशेष तौर पर ख्याल रखना है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट के जरिए प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए सुबह खाली पेट आपको अपनी पहली पेशाब को लेना होता है।
8. बार बार टॉयलेट करने जाना
आपने इस बात पर गौर किया होगा कि जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसे सामान्य दिनों की तुलना में बार बार पेशाब करने के लिए टॉयलेट में जाना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिला के पेट में बच्चा आ जाने के कारण उसके ब्लैडर पर काफी प्रेशर पड़ता है और ब्लेंडर पर प्रेशर बढ़ने के कारण ही उसे बार-बार टॉयलेट करने के लिए जाना पड़ता है।
9. कभी खुशी कभी गम
महिला के पेट में बच्चा आ जाने के बाद उसकी बॉडी में कई बदलाव होते हैं। यह बदलाव मानसिक तौर पर भी होते हैं। इसीलिए आपने देखा होगा कि कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जो गर्भवती होती हैं तो उन्हें कभी बहुत ही ज्यादा हंसने का मन करता है और कभी-कभी वह एकदम गुमसुम सी घर के किसी कोने में बैठी हुई होती है।
इसके अलावा कुछ महिलाओं में प्रेगनेंसी के दरमियान चिड़चिड़ापन भी देखा जाता है, जो कि स्वभाविक होता है। एक महिला प्रेगनेंसी के हजारों दर्द सह करके भी खुश रहती है क्योंकि उसे पता होता है कि 9 महीने बाद उसके घर में खुशियां ही खुशियां आने वाली हैं, क्योंकि उसके घर में एक नन्हा सा बेटा या फिर बेटी आने वाला है।
प्रेग्नेंट है या नहीं से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
घर पर कैसे पता करे की प्रेग्नेंट है या नहीं?
प्रेगनेंसी टेस्ट किट के जरिए
क्या नमक से भी हम प्रेगनेंसी का टेस्ट कर सकते हैं?
हा
क्या सेब के सिरके से भी प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है?
जी हां
पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे
14 दिन
गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है?
7-8 दिन
प्रेगनेंसी का पता कैसे चलता है?
प्रेगनेंसी के लक्षणों को जानकर
प्रेग्नेंट होने का उपाय क्या है?
अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाए।
पीरियड आने के बाद भी क्या कोई प्रेग्नेंट हो सकते है?
हां
निष्कर्ष
आशा है आपको प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता करें के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में Pregnant Hai Ya Nahi Kaise Pata Kare (how to know pregnant or not in Hindi) और प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता करें? को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता करें में जानकारी मिल सके।