आज हम जानेंगे जूनियर इंजीनियर क्या होता है और कैसे बने? पूरी जानकारी (How To Become Junior Engineer Details in Hindi) के बारे में क्योंकि हमारे देश में हर साल इंजीनियरिंग की फील्ड में अलग-अलग पदों से संबंधित इंस्टिट्यूट के द्वारा नौकरी के लिए नोटिफिकेशन अखबारों में जारी किया जाता है। अगर आपने भी इंजीनियरिंग से संबंधित कोई कोर्स किया है अथवा आपके अंदर इंजीनियरिंग से रिलेटेड योग्यता है, तो आप इंजीनियरिंग की फील्ड में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट प्राप्त करने के लिए कोशिश कर सकते हैं।
हमें पता है कि आपको इसके बारे में इंफॉर्मेशन नहीं होगी लेकिन चिंता बिल्कुल भी ना करें क्योंकि हम आपको इस बारे में पूरी इंफॉर्मेशन देंगे। आज के इस लेख में जानेंगे कि Junior Engineer Kaise Bane, जूनियर इंजीनियर बनने के लिए क्या करे, Junior Engineer Full Form in Hindi, Junior Engineer Kya Hota Hai, जूनियर इंजीनियर बनने का तरीका, Junior Engineer Kaise Bante Hain, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
जूनियर इंजीनियर क्या होता है? – What is a Junior Engineer Information in Hindi
Junior Engineer को शार्ट में JE कहा जाता है। जूनियर इंजीनियर की पोस्ट एक गवर्नमेंट पोस्ट होती है, जो गवर्नमेंट की ग्रुप C के अंतर्गत आती है। इंडिया में लगभग हर गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट होती है। जैसे कि इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट, रेलवे डिपार्टमेंट, पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट इत्यादि।
इसके साथ ही इंडिया की बड़ी कंपनी जैसे कि इंडियन ऑयल, गेल, भेल में भी Junior Engineer की पोस्ट होती है। जूनियर इंजीनियर को काफी अच्छी सैलरी प्राप्त होती है। कुछ प्राइवेट कंपनियां जैसे कि रिलायंस और टाटा मोटर्स में भी जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर नियुक्ति होती है। Junior Engineer अपने डिपार्टमेंट से संबंधित टेक्निकल काम और उनकी परियोजना की निगरानी करता है।
JE का फुल फॉर्म – JE Full Form in Hindi
JE का Full Form ”Junior Engineer” होता है। हिंदी में JE का का फुल फॉर्म ”जूनियर इंजीनियर” होता हैं।
जूनियर इंजीनियर बनने के लिए योग्यता – Qualification to become Junior Engineer in Hindi
Junior Engineer बनने के लिए व्यक्ति को दसवीं के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या फिर 12वीं के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा का कोर्स किया होना आवश्यक है। इसके अलावा जिन लोगों ने ग्रेजुएशन कंप्लीट की है, वह भी जूनियर इंजीनियर की पोस्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
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जूनियर इंजीनियर बनने के लिए पात्रता – Eligibility to Become Junior Engineer in Hindi
जूनियर इंजीनियर बनने के लिए आपकी कम से कम उम्र 18 साल होनी चाहिए। इसके अलावा जब आप Junior Engineer की पोस्ट के लिए अप्लाई करेंगे तो आरक्षण को ध्यान में रखते हुए आपकी उम्र होनी चाहिए। Junior Engineer की जब वैकेंसी निकलती है तब उसमें आरक्षण के बारे में जानकारी दी जाती है। जूनियर इंजीनियर बनने के लिए आपका मानसिक तौर पर स्वस्थ होना आवश्यक है। आपका वजन 50 किलो से ज्यादा होना चाहिए।
जूनियर इंजीनियर कैसे बने? – How to Become a Junior Engineer Information in Hindi
Junior Engineer बनने के लिए आपको स्टेप बाय स्टेप अपने कदम आगे बढ़ाने होते हैं, तभी आप जूनियर इंजीनियर बनने में कामयाब हो सकते हैं। नीचे हम आपको सरल भाषा में यह बता रहे हैं कि कैसे आप जूनियर इंजीनियर बन सकते हैं।
1. 10वीं और 12वीं पास करें
जूनियर इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको अपनी दसवीं कक्षा पास करनी पड़ती है, उसके बाद आपको 12वीं कक्षा को पास करना पड़ता है। 12वीं कक्षा में आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि आपके अधिक से अधिक परसेंटेज बने, ताकि आपको आसानी से अच्छे कॉलेज में एडमिशन प्राप्त हो जाए।
2. पॉलिटेक्निक करें
अगर आप दसवीं कक्षा को पास करने के बाद Junior Engineer बनना चाहते हैं, तो दसवीं कक्षा को पास करने के बाद आप पॉलिटेक्निक का कोर्स कर सकते हैं। पॉलिटेक्निक में आपको विभिन्न प्रकार की ब्रांच मिलेंगी जैसे कि मेकेनिकल कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक, केमिकल, टेक्सटाइल, माइनिंग, ऑटोमोबाइल। आप इसमें से अपनी पसंद के अनुसार किसी भी ब्रांच में पॉलिटेक्निक का कोर्स कर सकते हैं। अगर आप 12वीं कक्षा को पास करने के बाद जूनियर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो भी आप बताए गए कोर्स कर सकते हैं।
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इनमें से आपको सिर्फ 2 साल तक के ही कोर्स को करना होगा। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसे हिंदी, अंग्रेजी या फिर अन्य भाषा में भी कर सकते हैं और इसके कारण आपका समय भी बचता है तथा आपके पैसे की बचत होती है। दसवीं के बाद अगर आप पॉलिटेक्निक का 3 साल का डिप्लोमा का कोर्स करते हैं, तो आप कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी के लिए तैयार हो जाते हैं।
3. एग्जाम दें
पॉलिटेक्निक का कोर्स पूरा करने के बाद आपको जूनियर इंजीनियर की पोस्ट के रिक्रूटमेंट के लिए नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद जब नोटिफिकेशन जारी हो तब आपको उसमें अपना ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता है और निश्चित डेट पर जाकर आपको एग्जाम में शामिल होना पड़ता है। एग्जाम में अच्छे अंक लाने के बाद एक मेरिट लिस्ट जारी की जाती है।
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इसमें जिन लोगों के नाम होते हैं उनका सिलेक्शन Junior Engineer के पद पर हो जाता है, जिसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर पोस्टिंग दे दी जाती है।
जूनियर इंजीनियर बनने के लिए परीक्षा – Exam to Become Junior Engineer in Hindi
जैसा कि हमने आपको बताया कि हर डिपार्टमेंट में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट होती है। इसीलिए हम किसी विशेष एग्जाम का नाम नहीं ले सकते। क्योंकि विभिन्न डिपार्टमेंट अपनी तरफ से भी एग्जाम का आयोजन करवाते हैं।
जूनियर इंजीनियर की चयन प्रक्रिया – Selection Process of Junior Engineer in Hindi
जूनियर इंजीनियर की चयन प्रक्रिया की जानकारी इस प्रकार है।
- सबसे पहले नोटिफिकेशन जारी होने पर व्यक्ति को ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है और उसमें आवश्यक डॉक्यूमेंट जैसे की मार्कशीट, आईडेंटिटी कार्ड, फोटो अपलोड करनी होती है और अपने फॉर्म का प्रिंट आउट लेना होता है।
- इसके बाद एग्जाम इंस्टिट्यूट के द्वारा एक निश्चित दिन सभी अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं।
- इसके बाद अभ्यर्थियों को एक निश्चित दिन जूनियर इंजीनियर की एग्जाम में शामिल होना पड़ता है।
- एग्जाम देने के बाद एक निश्चित दिन एक मेरिट लिस्ट जारी की जाती है, इसमें जिन लोगों के नाम होते हैं उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाता है।
- डॉक्यूमेंट वेरीफाई होने के बाद सिलेक्टेड अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है और जब उनकी ट्रेनिंग कंप्लीट हो जाती है, तो उन्हें जूनियर इंजीनियर की पोस्ट दी जाती है।
जूनियर इंजीनियर का परीक्षा पैटर्न – Exam Pattern of Junior Engineer in Hindi
जूनियर इंजीनियर की पोस्ट के लिए एसएससी Junior Engineer की एग्जाम का आयोजन होता है। इस एग्जाम का आयोजन दो चरणों में होता है, जो इस प्रकार है।
1. इसके पहले पेपर में टोटल 200 क्वेश्चन के आंसर उम्मीदवार को देने पड़ते हैं और हर क्वेश्चन के लिए एक अंक निर्धारित होता है। यह क्वेश्चन पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप का होता है। अगर विद्यार्थी इस क्वेश्चन पेपर को क्वालीफाई करता है तभी वह दूसरे क्वेश्चन पेपर के लिए एलिजिबल होता है।
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2. इसका दूसरा पेपर सब्जेक्टिव टाइप का होता है और यह टोटल 300 अंकों का होता है। इस क्वेश्चन पेपर में उम्मीदवार से इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट से संबंधित क्वेश्चन पूछे जाते हैं। इन दोनों पेपर को देने के लिए उम्मीदवार को परीक्षा समिति के द्वारा 2-2 घंटे का समय दिया जाता है। आपके पास इन दोनों क्वेश्चन पेपर को देने के लिए हिंदी या फिर अंग्रेजी भाषा का ऑप्शन होता है।
जूनियर इंजीनियर का परीक्षा सिलेबस – Exam Syllabus of Junior Engineer in Hindi
- जनरल अवेयरनेस
- रीजनिंग
- जनरल सिविल इंजीनियरिंग
- जनरल मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- जनरल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
जूनियर इंजीनियर का प्रमोशन कैसे होता है? – Promotion of Junior Engineer in Hindi
नई जॉइनिंग प्राप्त करने के बाद जब जूनियर इंजीनियर 8-9 साल तक काम कर लेता है तो उसके बाद उसका प्रमोशन हो करके उसे सीनियर सेक्शन इंजीनियर बना दिया जाता है। इसके बाद अगर वह अच्छी परफॉर्मेंस देता है तो उसे Executive Engineer बना दिया जाता है।
जूनियर इंजीनियर बनने के फायदे – Benefits of Becoming Junior Engineer in Hindi
अगर आप गवर्नमेंट सेक्टर में Junior Engineer बनते हैं तो आपको काफी अच्छी सैलरी मिलती है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी आपको जूनियर इंजीनियर बनने के बाद अच्छी सैलरी प्राप्त होती है। जूनियर इंजीनियर बनने के बाद आपको कंपनी के काम से एक जगह से दूसरी जगह पर जाने का मौका मिलता है, इस प्रकार आपकी यात्रा भी हो जाती है। Junior Engineer के तहत आपके अंडर में कई लोग काम करते हैं। इस प्रकार आपको एक बॉस वाली फीलिंग आती है।
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जूनियर इंजीनिय का वेतन – Salary of Junior Engineer in Hindi
गवर्नमेंट सेक्टर में एक Junior Engineer को शुरुआती सैलरी के तौर पर महीने में ₹38,000 से लेकर ₹46,000 तक की सैलरी प्राप्त होती है। वहीं प्राइवेट सेक्टर में Junior Engineer को महीने की सैलरी के तौर पर ₹26,000 से लेकर ₹28,000 तक की सैलरी प्राप्त होती है।
जूनियर इंजीनिय बनने के लिए कौशल – Skills to become a Junior Engineer in Hindi
- Junior Engineerबनने के लिए आपके अंदर टीम वर्क की भावना होनी चाहिए, क्योंकि जूनियर इंजीनियर बनने के बाद आपके अंदर कई लोग काम करते हैं।
- आपकी भाषा सरल होनी चाहिए, क्योंकि अक्सर आपको वर्करों से काम लेना पड़ता है।
- जूनियर इंजीनियर बनने के लिए आपको इंजीनियरिंग की फील्ड में इंटरेस्ट होना चाहिए।
- आपको हमेशा मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि एक जूनियर इंजीनियर को दिन या रात कभी भी कंपनी के द्वारा काम के लिए बुलावा भेजा जाता है
जूनियर इंजीनियर का काम और जिम्मेदारी – Work and Responsibilities of Junior Engineer in Hindi
जूनियर इंजीनियर की पोस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण पोस्ट होती है और इनका काम भी बेहद जिम्मेदारी वाला होता है। जूनियर इंजीनियर हर डिपार्टमेंट में होता है, इसीलिए इनका काम अलग अलग होता है। अगर कोई व्यक्ति पीडब्ल्यूडी में Junior Engineer है तो उसे पानी की पाइप लाइन बिछाने, इमारतों के रखरखाव की परियोजना से संबंधित काम प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति रेलवे में जूनियर इंजीनियर है, तो उसे रेलवे लाइन की देखरेख और ट्रेनों के परिचालन की देखरेख से संबंधित काम मिलते हैं।
जूनियर इंजीनियर परीक्षा को पास करने के टिप्स – Tips to Crack Junior Engineer Exam in Hindi
जूनियर इंजीनियर की एग्जाम को पास करने के लिए आपको निम्न टिप्स को फॉलो करना चाहिए।
- कोचिंग इंस्टीट्यूट का सहारा लेकर इसकी एग्जाम की तैयारी करें।
- सुबह उठकर इसके सिलेबस की स्टडी करें।
- जो पढ़ा है उसका बार-बार रिवीजन करें।
- टाइम टेबल के अनुसार अपनी पढ़ाई करें।
- क्वेश्चन बैंक का सहारा लेकर इसकी एग्जाम की तैयारी करें।
जूनियर इंजीनियर बनने की तैयारी कैसे करें? – How to Prepare to Become a Junior Engineer in Hindi
- जूनियर इंजीनियर बनने के लिए यूट्यूब पर आने वाले एजुकेशन वीडियो को देखें और उसके हिसाब से अपनी तैयारी करें।
- जो लोग Junior Engineer बन चुके हैं या फिर इसकी एग्जाम दे चुके हैं उनसे मिले और इस एग्जाम के बारे में इंफॉर्मेशन प्राप्त करें।
- जूनियर इंजीनियर के पिछले साल के क्वेश्चन पेपर को इकट्ठा करें और उसके सिलेबस और एग्जाम पैटर्न को समझें और उसके आधार पर अपनी तैयारी करें।
- इसकी तैयारी करते समय मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर दे या फिर दूर रख दें ताकि आप अपना पूरा ध्यान अपनी स्टडी पर लगा सके।
जूनियर इंजीनियर का कैरियर स्कोप – Career and Scope of Junior Engineer in Hindi
जूनियर इंजीनियर का कैरियर स्कोप काफी अच्छा है। अगर इन्हें गवर्नमेंट जॉब मिलती है तो यह इनके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। जूनियर इंजीनियर के पद पर काम करते-करते इनका प्रमोशन होने के बाद यह सीनियर सेक्शन इंजीनियर बन जाते हैं। उसके बाद यह आगे चलकर अच्छी परफॉर्मेंस के दम पर सीनियर इंजीनियर की पोस्ट प्राप्त कर लेते हैं।
जूनियर इंजीनियर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है? – What are the Studies Required to become a Junior Engineer
ऐसे अभ्यर्थी जो जूनियर इंजीनियर बनना चाहते हैं उन्हें नीचे दिए गए सब्जेक्ट की पढ़ाई करनी पड़ती है।
- जनरल अवेयरनेस
- जनरल मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- जनरल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- रीजनिंग
- जनरल सिविल इंजीनियरिंग
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने जाना जूनियर इंजीनियर क्या होता है और कैसे बने? (How To Junior Engineer in Hindi) इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर आपके मन में की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में Junior Engineer Kya Hota Hai को लेकर कोई सवाल उठ रहा है तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।
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