आज हम जानेंगे फास्टैग क्या होता है की पूरी जानकारी What is FASTag in Hindi के बारे में क्यों की भारत में हर 10 में से 3 आदमी के पास अपनी खुद की गाड़ी है। इसके अलावा बहुत से लोगों के पास अन्य कई प्रकार की गाड़ी है। अब गाड़ी है तो उसे चलने के लिए रोड तो चाहिए ही होगा और जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे भारत देश में रोड की हालत काफी खराब थी जो अब धीरे-धीरे सुधर रही है।
रोड को बनाने में जो खर्च आता है, उसे वापस पाने के लिए टोल टैक्स की व्यवस्था रोड के ऊपर की जाती है, जो कि आपको एक निश्चित दूरी पर मिलता है। टोल टैक्स पर जब आप कैश मोड के जरिए टोल कटवाते हैं, तब आपको काफी देर इंतजार करना पड़ता है। इसी प्रॉब्लम को देखते हुए गवर्नमेंट ने फास्टैग सिस्टम को चालू किया है, जो आपकी यात्रा को सरल बनाता है।
फास्टैग क्या है? – What is FASTag in Hindi?
जब आप अपनी गाड़ी लेकर के नेशनल हाईवे पर जाते हैं, तब आपको वहां पर निश्चित दूरी पर टोल टैक्स चुकाना होता है, जिसके लिए आपको दो ऑप्शन मिलते हैं या तो आप कैश पेमेंट दे या फिर आप अपनी गाड़ी में फास्टैग लगवा ले। कैश पेमेंट देकर के आप टोल तो पार कर सकते है, परंतु इससे आप के समय की काफी बर्बादी होती है। इसीलिए गवर्नमेंट ने फास्टैग सिस्टम को चालू किया है।
अगर आपकी गाड़ी के कांच के आगे फास्टैग लगा हुआ होगा, तो आप फास्टैग वाली लाइन में से सिर्फ 3-4 सेकेंड के अंदर ही टोल टैक्स पार कर लेंगे और जो टोल शुल्क होगा, वह ऑटोमेटिक ही आपके फास्टैग अकाउंट में से कट जाएगा। इंडिया में जो भी अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगवाता है, उसे अलग-अलग फास्टैग दिया जाता है।
हर प्रकार की गाड़ी की कैटेगरी के लिए फास्टैग अलग अलग होता है। आप इसे अपनी चार पहिया गाड़ी पर लगा सकते हैं या फिर अपने कमर्शियल व्हीकल पर भी लगवा सकते हैं। बाइक से चलने वाले लोगों को फास्टैग लगवाना जरूरी नहीं है। अगर यह आपकी गाड़ी पर लगा हुआ होता है तो टोल टैक्स पर ऑटोमेटिक ही टोल की पेमेंट हो जाती है।
फास्टैग कैसे काम करता है? – How does FASTag Work in Hindi
आपको जो फास्टैग मिलता है, उसमें Radio Frequency Identification भी लगा हुआ होता है, जिसे की शार्ट में RFID कहा जाता है। इस फास्टैग को आपको अपनी गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाना होता है। अब जब आप अपनी गाड़ी को लेकर के फास्टैग वाली टोल लाइन में जाते हैं, तो वहां पर जो सेंसर लगा हुआ होता है, वह ऑटोमेटिक ही आपके फास्टैग की डिटेल को फेच कर लेता है और जितने का टोल टैक्स होता है,
वह ऑटोमेटिक ही आपके फास्टैग अकाउंट से कट जाता है। यह प्रक्रिया होने में अधिकतर 3 से 4 सेकंड का समय ही लगता है। जैसे-जैसे टोल टैक्स कटता जाएगा, वैसे वैसे आपके फास्टैग अकाउंट में से बैलेंस कम होता जाएगा, जिसे आप जब चाहे तब रिचार्ज भी कर सकते हैं। एक बार फास्टैग प्राप्त करने पर उसकी वैलिडिटी 5 साल की होती है, उसके बाद आपको न्यू फास्टैग अप्लाई करना पड़ेगा।
फास्टैग का इस्तेमाल कैसे करें? – How to use FASTag in Hindi
सबसे पहले आपको जिस किसी भी बैंक या फिर कंपनी का फास्टैग चाहिए, उसके लिए अप्लाई करना होता है और उसके लिए कुछ डॉक्यूमेंट देकर के आवश्यक प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है, उसके बाद आपको फास्टैग दिया जाता है। इस फास्टैग को आपको अपनी गाड़ी में बाहर की साइड लगा देना होता है। बस अब जब कभी भी आप टोल पर जाएंगे तो 3 से 4 सेकेंड के अंदर ही टोल टैक्स ऑटोमेटिक कट जाएगा और आप फटाक से टोल टैक्स पार कर लेंगे।
फास्टैग रिचार्ज ऑनलाइन कैसे होता है?
ऑनलाइन ऐसी बहुत सारी एप्लीकेशन है, जो फास्टैग रिचार्ज करने का ऑप्शन देती है। जैसे कि फोन पे, भीम, फ्रीचार्ज, गूगल पे इत्यादि। नीचे हम आपको फोन पे से फास्टैग रिचार्ज करने का तरीका बता रहे हैं। इसके जरिए आप किसी भी बैंक के फास्टैग को रिचार्ज कर सकते हैं।
1: PhonePe ओपन करें।
2: See All पर क्लिक करें।
3: रिचार्ज सेक्शन में फास्टैग रिचार्ज को दबाए।
4: फास्टैग जारीकर्ता बैंक का सिलेक्शन करें।
5: खाली बॉक्स में गाड़ी नंबर डाले और कन्फर्म बटन दबाएं।
6: रिचार्ज अमाउंट डालें।
7: प्रोसीड टू पे पर क्लिक करें।
8: यूपीआई पिन इंटर करके पेमेंट कर दें।
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फास्टैग की वैलिडिटी कितनी होती है?
आपने चाहे किसी भी बैंक या फिर कंपनी का फास्टैग क्यों न लिया हो, वह अधिकतम सिर्फ 5 सालों तक ही वैलिड रहता है, उसके बाद आपको अपनी गाड़ी के लिए नए फास्टैग को प्राप्त करना होता है। हालांकि जब तक आपका फास्टैग वैलिड रहता है, तब तक आप उसमें बैलेंस रिचार्ज कर सकते हैं और उसके अंदर जो बैलेंस होता है, उसका इस्तेमाल फास्टैग के इनवेलिड होने तक कर सकते हैं।
फास्टैग के फायदे – Benefits of FASTag in Hindi
फास्टैग के कुछ फायदे भी है, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। नीचे जानिए फास्टैग के एडवांटेज क्या है।
1: लंबी लाइन से छुटकारा
जिन भी लोगों की गाड़ियों में फास्टैग लगा हुआ होता है, उन्हें टोल टैक्स पर ज्यादा वेट नहीं करना पड़ता है। वह अपनी गाड़ी को बस फास्टैग वाली लाइन में लेकर के जाएं। ऐसा करने पर 3 से 4 सेकेंड के अंदर उनका टोल टैक्स कट जाएगा और वह आगे बढ़ जाएंगे।
2: डीजल पेट्रोल की बचत
फास्टैग के कारण आपको टोल टैक्स पर काफी कम समय देना होता है। इससे आपका जो डीजल या पेट्रोल खड़े रहने में बर्बाद होता है, वह अब ज्यादा नहीं होता है।
3: कैशबैक मिलना
फास्टैग का इस्तेमाल करने पर आपको अपने फास्टैग अकाउंट में कैशबैक मिलता है, जिसका इस्तेमाल आप रिचार्ज करने के लिए कर सकते हैं या फिर फास्टैग में बैलेंस करने के लिए कर सकते हैं।
4: SMS की सर्विस
जब टोल टैक्स पर आपके फास्टैग से टोल कट जाता है तो तुरंत ही आपको उसका SMS आता है, जिसमें यह बताया जाता है कि कितने रुपए का टोल टैक्स कटा है।
6. 50% की छूट
अगर आपके चार पहिया वाहनों पर FASTag लगा हुआ नहीं है, तो ऐसे आपको प्रत्येक टोल प्लाजा पर टोल राशि का दोगुना भुगतान करना होगा।
फास्टैग के लिए आवश्यक दस्तावेज – Documents Required for FASTag
नीचे हमने आपको फास्टैग बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची दी है, जिनकी आपको फास्टैग बनवाने के लिए आवश्यकता होगी।
- गाड़ी की आरसी
- गाड़ी के मालिक की पासपोर्ट साइज की रंगीन फोटो
- सेल्फी
- ऐड्रेस प्रूफ
- आधार कार्ड
फास्टैग के लिए आवेदन कैसे करें?
यह हर टोल टैक्स पर उपलब्ध होता है। बस फास्टैग लेने के लिए जो आवश्यक डॉक्यूमेंट लगते हैं, उन्हें अपने साथ ले ले और टोल टैक्स पर चले जाएं। वहां पर जाकर के कुछ आवश्यक कार्यवाही पूरी करें। इस प्रकार आप फास्टैग खरीद सकते हैं। पेटीएम, अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट के जरिए भी आप घर बैठे ही फास्टैग खरीद सकते हैं।
भारत में सबसे पहले फास्टैग की शुरुआत कब हुई?
साल 2014 में अहमदाबाद और मुंबई हाईवे के बीच सबसे पहले इस सिस्टम को चालू किया गया था। इसके अगले ही साल, साल 2015 में बेंगलुरु चेन्नई रोड पर इस सिस्टम को चालू किया गया। वर्तमान के समय में हमारे देश में अधिकतर राज्यों में फास्टैग की सर्विस चालू कर दी गई है।
जीरो बैलेंस का फास्टैग क्या है? – What is FASTag with Zero Balance?
आपने देखा होगा कि टोल टैक्स आने के पहले रोड के साइड में बड़े-बड़े हरे कलर के बोर्ड लगे हुए होते हैं, जिसमें यह बताया गया होता है कि टोल टैक्स किन लोगों को नहीं देना होता है। अधिकतर ऐसे ही लोगों को टोल टैक्स नहीं देना होता है, जो किसी गवर्नमेंट पद पर होते हैं। यह जो जीरो बैलेंस का फास्टैग है, यह भी ऐसे ही लोगों को अलोट किया जाता है, जो किसी न किसी प्रकार से गवर्नमेंट से जुड़े हुए होते हैं।
इस प्रकार के फास्टैग को भी कहते हैं। नीचे हमने उन लोगों के नाम दिए हैं जिनके लिए जीरो बैलेंस का फास्टैग ALLOT होता है। जीरो बैलेंस का फास्टैग होने पर उन्हें टोल टैक्स पर बिना टोल दिए आगे जाने की छूट होती है।
- इंडिया के राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- सभी स्टेट के राज्यपाल
- भारत के मुख्य जज
- लोकसभा के मेंबर
- सभी कैबिनेट मिनिस्टर
- सभी स्टेट के चीफ मिनिस्टर
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश
- इंडियन गवर्नमेंट के सचिव
- थल सेना प्रमुख
- अन्य सेना प्रमुख
- राज्य सरकार प्रमुख
फास्टैग के चार्ज कितने होते हैं?
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने FASTAG की कीमत को ₹100 तय किया हुआ है। इस प्रकार ₹100 में आप फास्ट खरीद सकते हैं। इसके साथ ही साथ कई बैंकों के द्वारा सिक्योरिटी डिपॉजिट की डिमांड की जाती है, जो कि ₹200 होती है। इसके अलावा आप जिस बैंक का FASTAG इस्तेमाल करते हैं, वह समय-समय पर कुछ अन्य चार्ज भी लेते हैं।
फास्टैग को कहां लगाया जाता है?
गाड़ी की विंडस्क्रीन पर
क्या हम पेटीएम से भी फास्टैग खरीद सकते हैं?
जी हां
फास्टैग की कीमत कितनी होती है?
₹100
जीरो बैलेंस फास्टैग का इस्तेमाल कहां होता है?
सभी इंडियन नेशनल हाईवे पर
आसानी से फास्टैग कहां मिलेगा?
टोल टैक्स पर
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने जाना फास्टैग क्या है (What is FASTag in Hindi) इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर आपके मन में की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में Fastag Kya Hai को लेकर कोई सवाल उठ रहा है तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।
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