आप अपने दैनिक जीवन में “Communication” शब्द तो जरूर सुने होंगे। क्योंकि Communication हम सब से जुड़ी हुई है। साधारण भाषा में “Communication” शब्द का meaning in hindi में “संचार” होता है, मगर Communication का Definition हिंदी में क्या है? Communication के Types कितने होते है? और इसका process क्या है? अगर इन सब के बारे में आप जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आप सभी के लिए है।
क्योंकि, आज के इस आर्टिकल में आप को संचार क्या है?(What is Communication Definition in Hindi) बताने वाले हैं। संचार कितने प्रकार के होते हे? और communication से जुड़ी सभी जानकारी जानने वाले है तो, चलिए सुरु करते है।
संचार क्या है? – What is Communication in Hindi
Communication एक इंग्लिश शब्द है मगर, इसका उत्पत्ति हुआ है लैटिन शब्द “Communis”से जिसका अर्थ है “Common” साधारण भाषा में कहीं जाए तो communication है एक ऐसा प्रक्रिया है जिसके जरिए 1 से ज्यादा इंसान अपनी feeling को Express कर सकता है। Communication एक Subject, system, या एक ऐसा process जिसके जरिए information, instruction, news, order आदि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के पास transport होता है।
इंसान एक सामाजिक प्राणी है और एक सामाजिक प्राणी होने के नाते इंसान कभी भी अकेला बच नहीं सकता। वह अपने भावनाओं और विचारों को किसी दूसरे के साथ share करना चाहता है और इसी कारण Communication मानव जीवन में अनिवार्य है। शिर्फ मानब जीबन मे ही नही पशु, पक्षिया भी अपनो मे अपनी भाषा मे संचार या फिर वार्तालाप करते हैं। हमारे हर दिन के काम जैसे : खाना, खेलना, पढ़ना, चलना सब कुछ के साथ वार्तालाप(Conversations) जुड़ा रहता है और यह सब वार्ता हम किसी दूसरे व्यक्ति को सुनाते या सुनते हैं।
अगर हम विस्तार में कहें तो Communication एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा बहुत सारे information, news, orders या फिर instructions एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक transport होता है। “संचार” का मतलब सिर्फ बोलना या फिर सुनना ही नहीं बल्कि हर एक information और order को महसूस करना, समझना भी होता है।
संचार के प्रकार- Types Of Communication In Hindi
यदि हम Communication के Types के बारें में बताए तो कम्युनिकेशन 4 प्रकार के होते हैं –
- Intrapersonal Communication
- Interpersonal Communication
- Group Communication
- Mass Communication.
Intrapersonal Communication
इस प्रकार की Communication में व्यक्ति खुद से ही संचार करता है। इस प्रकार संचार में किसी दूसरे व्यक्ति के बिना भी संचार होता है, इस प्रकार के संचार में व्यक्ति मन में जो सोचता है, जो योजना बनाता है और यही नहीं व्यक्ति जो सपना देखता है वह भी Intrapersonal Communication ही है।
Interpersonal Communication
इस प्रकार के communication या फिर संचार में दोनों व्यक्ति की होना जरूरी है। मतलब इस प्रकार के संचार में दोनों व्यक्ति के बीच वार्तालाप होता है, दोनों व्यक्ति आमने-सामने संचार करते हैं और इस प्रकार का संचार किसी शब्द, संकेत, चित्र, आदि के माध्यम से संपूर्ण होता है। इसमें दोनों व्यक्ति के बीच सीधा संपर्क होता है।
Group Communication
इस प्रकार के संचार के नाम से पता चलता है इस प्रकार की communication एक ग्रुप में ही किया जाता है। एक ग्रुप में किए जाने वाले संचार को ही Group Communication (समूह संचार) कहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी group अर्थात समूह के सदस्य हैं, इस प्रकार के किसी भी समूह में कुछ व्यक्ति अगर किसी एक विषय को लेकर वार्तालाप करते हैं तो, उसे समूह संचार कहा जाता है।
Mass Communication
इस प्रकार के संचार साधारण अर्थ में Group communication है या समूह संचार की बड़ा रूप है। इस प्रकार के संचार में जन गण को किसी चीज की सूचना दी जाती है अर्थात जन गण को किसी संचार माध्यम की सहायता से किसी विषय पर सूचना दी जाती है इसे ही “Mass Communication” या “जनसंचार” कहा जाता है। इस प्रकार का Communication अधिक संख्या में जन गण के साथ होता है।
संचार की प्रक्रिया – Communication Process In Hindi
“संचार” यानी की “Communication” बहुत ही साधारण है मगर इस संचार का भी कुछ प्रक्रिया होता है, कुछ प्रक्रिया के दौरान ही संचार संपूर्ण होती है। Communication का process, exchange of ideas और progress of ideas है।
Sender यानी कि प्रेषक अपनी भावना, अपने विचार, वार्ता प्रेषक तक संकेत के माध्यम से या फिर direct receiver को Promote करता है, वही वार्ता ग्राहक तक पहुंचता है और ग्राहक उसे समझ कर अपना जवाब देता है।
ग्राहक अपना वार्ता संकेत के माध्यम से या direct Sender तक पहुंचाता है और इसे कहते हैं feed back। अगर ग्राहक प्रेरक को कोई फीडबैक नहीं भेजता हे तो फिर संचार संपूर्ण नहीं माना जाता है।
ऊपर में बोले गए विषय को अगर हम कुछ phase में बांट लें तो वह सबके लिए बहुत आसान होगा।
Phase 1: Sender has an idea :- भेजने वाला का खुद का कुछ विचार होता है।
Phase 2: Sender encodes the idea :- sender अपने विचार, भावना को शब्द का रूप देता है और फिर उसे transmit करता है।
Phase 3: Sender transmit the message :- जब वार्ता पूरा तैयार हो जाता है फिर sender उस वार्ता को भेज देता है।
Phase 4: Receiver receive the message :- इस फेस में ग्राहक को भेजने वाला का भेजा गया वार्ता ग्राहक तक पह ुंचता है।
Phase 5: The receiver decodes the message :- यहां पर receiver (ग्राहक )उस वार्ता को समझता है ।
Phase 6: Receiver sends feedback :- इस phase मे भेजने वाला आशा करते हैं कि ग्राहक कुछ feedback भेजेगा। क्योंकि, वह वार्ता ग्राहक तक पहुंच जाता है ग्राहक उसे समझ भी लेता है और ग्रहण भी कर लेता है।
निष्कर्ष
आशा करते हैं कि आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप सभी जान ही गए होंगे कि Communication kya hota hai?, Communication kitne प्रकार के होते हैं?,आदि.
अगर आप सभी को हमारा आज का यह आर्टिकल Communication kya hai? पसंद आया है तब आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तो को share कर दीजिए और यदि आपके मन में हमारे आज के इस आर्टिकल को लेकर कोई Question है तब आप हमें नीचे Comment करके पूछ सकते हैं.