आज हम जानेंगे ब्याज निकालने का तरीका की पूरी जानकारी Interest Calculator Formula in Hindi के बारे में क्यों की आपने सुना होगा कि फलाना बैंक इतने पर्सेंट ब्याज पर लोन देती है, फलाना सेठ या फिर साहूकार इतने पर्सेंट ब्याज पर पैसे उधार देता है और पैसे लेट होने पर इतना पर्सेंट ब्याज लगेगा। ऑनलाइन जो लोन देने वाली एप्लीकेशन भी है, वह भी निश्चित अवधि के लिए ब्याज लेती है। देखा जाए तो मुख्य तौर पर ब्याज लोग या कंपनी फायदा कमाने के लिए प्राप्त करती हैं।
एक प्रकार से अगर आप किसी कंपनी या व्यक्ति से पैसे लेते हैं और जब तक उस पैसे को अपने पास रखते हैं, तब तक आपको उस पैसे पर ब्याज लगता है और जब आप उसे उसका मूलधन लौटाते हैं, तब आपको ब्याज सहित उसका मूलधन लौटाना पड़ता है। आज के इस लेख में जानेंगे कि ब्याज कैसे निकाले,byaj kaise nikale, ब्याज निकालने का फार्मूला, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
ब्याज क्या है? – What is Interest in Hindi?
ब्याज को अंग्रेजी भाषा में Interest कहा जाता है और इसे आसान भाषा में समझाएं तो जब आप किसी व्यक्ति से या फिर कंपनी से अथवा बैंक से पैसे उधार लेते हैं, तो वह बैंक, कंपनी या फिर व्यक्ति उसने जितनी रकम आपको दी हुई है, उसके साथ ही साथ कुछ एक्स्ट्रा पैसे की भी डिमांड करती है, यही जो एक्स्ट्रा पैसे होते हैं उसे ही ब्याज कहा जाता है।
एक प्रकार से ब्याज कंपनी, व्यक्ति या फिर बैंक फायदा कमाने के लिए लेती है क्योंकि हर व्यक्ति या फिर कंपनी अपने फायदे के लिए ही काम करता है। देखा जाए तो आप जितने दिनों तक अपने पास उधार ली गई रकम रखते हैं, आपको उतने दिनों का ब्याज देना पड़ता है। सामान्य तौर पर बैंक सालाना या फिर महीने का ब्याज चार्ज करती हैं, वही जो साहूकार होते हैं वह हर दिन का ब्याज चार्ज करते हैं।
हर व्यक्ति, कंपनी या फिर बैंक की ब्याज दर अलग-अलग होती है और उनमें समय-समय पर बदलाव होता रहता है। आप जिस रकम को उधार लेते हैं उसे मूलधन कहा जाता है। हालांकि देखा जाए तो अधिकतर ब्याज सालाना ही होता है। एग्जांपल के तौर पर बैंक से हम जब कोई लोन लेते हैं, तब उसका ब्याज हमें सालाना तौर पर ही भरना होता है परंतु अगर कोई प्राइवेट व्यक्ति आपको ब्याज पर पैसे उधार देता है,
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तो आपको हर हफ्ते, हर दिन या फिर हर महीने के हिसाब से ब्याज देना होगा। आप जो पैसे लेते हैं यानी कि जो मूलधन होता है उसी पर हमेशा ब्याज लगाया जाता है। एग्जांपल के तौर पर अगर आपने किसी व्यक्ति से ₹10000 उधार लिए और यह पैसे अगर आपने सालाना 10 परसेंट पर लिए हैं तो 1 साल के बाद आपको 10000 के साथ ₹1000 एक्स्ट्रा उस व्यक्ति को देने होंगे। यह जो ₹1000 है, यही 10 परसेंट का ब्याज होता है।
ब्याज कैसे निकाले?
बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि ब्याज निकालने का तरीका क्या होता है अथवा ब्याज निकालने का फार्मूला क्या होता है। इसलिए स्पेशल यह पोस्ट हमने वैसे लोगों के लिए ही लिखी है, जो यह जानना चाहते हैं कि ब्याज कैसे निकाला जाता है। बता दे कि ब्याज निकालने के लिए आपको थोड़ी बहुत गणित की जानकारी होनी चाहिए। अगर आपको थोड़ी बहुत गणित की जानकारी है, तब आप आसानी के साथ ब्याज निकाल सकते हैं। नीचे हम आपको ब्याज निकालने की विधि बता रहे हैं।
ब्याज निकालने का फार्मूला – Interest Calculation Formula
I=Prt
- I= यह ब्याज यानी कि इंटरेस्ट को इंडिकेट करता है।
- P= इसका मतलब हिंदी में मूलधन और अंग्रेजी में प्रिंसिपल अमाउंट होता है।
- r= यह ब्याज के परसेंटेज को बताता है।
- t= रकम की पेमेंट कितने टाइम में करनी है, यह इस बात को दर्शाता है।
ब्याज निकालने का तरीका – Interest Withdrawal Method
ऊपर हमने आपको इस बात की जानकारी दी कि वास्तव में ब्याज होता क्या है, साथ ही हमने आपको ब्याज निकालने के फार्मूले के बारे में भी जानकारी ऊपर दे दी है परंतु जब तक हमें इस बात की इंफॉर्मेशन नहीं होगी कि, ब्याज निकालने का तरीका क्या होता है, तो फार्मूला पता होने के बावजूद भी हम ब्याज नहीं निकाल पाएंगे।
इसीलिए नीचे हम आपको ब्याज निकालने का तरीका बता रहे हैं। इसके लिए हम उदाहरण का इस्तेमाल करेंगे, ताकि आप आसानी से यह समझ ले कि ब्याज कैसे निकाला जाता है।
उदहारण 1: आपने सालाना 6 पर्सेंट की ब्याज दर पर ₹50000 एक बैंक से उधार लिए। अब आपको टोटल कितने पैसे बैंक को 5 साल के बाद वापस करने पड़ेंगे, इसके बारे में जानते हैं।
I=Prt
- I= इसका मतलब हम व्याज निकालेंगे।
- P= टोटल प्रिंसिपल अमाउंट यानी कि मूलधन 50000 है।
- r= 6 परसेंट की जो ब्याज दर है, उसे हम डेसीमल में 0.06% लिखेंगे। बता दें कि डेसिमल में कन्वर्ट करने के लिए ब्याज के परसेंटेज को हर टाइम 100 से भाग देना पड़ता है। इस एग्जांपल में हम 6 परसेंट ब्याज दर को ले रहे हैं इसलिए हमने 6/100 करके 0.06% लिखा है।
t= 5 साल के ब्याज को हम निकाल रहे हैं।
I= 50,000 x 0.06 x 5
I= Rs 15,000
कुल पैसे: Rs 50,000 + Rs 15,000 = Rs 65,000
इस प्रकार देखा जाए तो अगर आप किसी बैंक से 6 परसेंट सालाना की ब्याज दर पर 5 साल के लिए ₹50000 लेते हैं, तो 5 सालों के बाद आपको ली गई रकम पर 15000 ब्याज देना होगा। इस प्रकार 50000 मूलधन और 15000 ब्याज आपको 5 सालों के बाद भरना होगा, जिसके बाद आपकी टोटल रकम 65000 हो जाएगी।
ब्याज को अंग्रेजी भाषा में क्या कहते हैं?
इंटरेस्ट
ब्याज किस पर लगता है?
मूलधन पर
ब्याज लगाने का कारण क्या है?
फायदा कमाना
सबसे अधिक ब्याज दर किसकी होती है?
ऑनलाइन लोन एप्लीकेशन
क्या हर बैंक में ब्याज दर अलग-अलग होती है?
हां
क्या बैंकों की ब्याज दर समय-समय पर बदलती है?
जी हां
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने जाना ब्याज निकालने का फार्मूला (Interest Calculator Formula in Hindi) इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद भी अगर आपके मन में की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। अगर फिर भी आपके मन में byaj kaise nikale को लेकर कोई सवाल उठ रहा है तो आप नीचे Comment करके पूछ सकते हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम आपके सभी सवालों का जवाब देगी।
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